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बलिया : डीएम के आदेश को नही मानते प्राइवेट विद्यालय,गुरुवार को एक बच्ची की मौत के बाद भी नही हुआ सुधार, आज भी खुले है विद्यालय


 डीएम के आदेश को नही मानते प्राइवेट विद्यालय,
गुरुवार को एक बच्ची की मौत के बाद भी नही हुआ सुधार, आज भी खुले है विद्यालय


बलिया 3 जनवरी 2019 ।। जिलाधिकारी बलिया के ठंड के कारण कक्षा 8 तक के विद्यालयों की छुट्टी के आदेश प्राइवेट विद्यालय वाले कितना पालन करते है इसका नजारा गुरुवार को सिकंदरपुर तहसील के असना स्थित न्यू सैनिक स्कूल की कक्षा 4 की बच्ची का पढ़ाई के बाद घर लौटते समय हादसे में मौत से देखा जा सकता है । आज शुक्रवार को भी इस घटना से प्राइवेट विद्यालयों ने कोई सबक नही लिया है और छुट्टी के बाद भी सिकंदरपुर में अधिकांश प्राइवेट विद्यालय खुले हुए है । यह केवल सिकंदरपुर,संवरा में ही नही है जनपद के चारो तरफ दूरदराज इलाको में और शहरी क्षेत्रों में देखा जा सकता है । जबकि जिलाधिकारी ने 4 जनवरी तक कक्षा 8 तक के सभी विद्यालय बन्द कर दिया है । अब देखने वाली बात यह है कि इन विद्यालयों के ऊपर अगर जिलाधिकारी का ही खौफ नही है तो इनके ऊपर किसका आदेश लागू होगा ?
    बता दे कि स्कूल छुट्टी होने के बाद गुरुवार को घर घर जा रही छात्रा सलोनी यादव 13 वर्ष को पिकअप चालक ने निपनिया ढाले के पास धक्का मार दिया जिससे बुरी तरह से घायल हो गयी ।आसपास के लोगों ने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सिकन्दरपुर पुर ले गये जहां डॉक्टर ने मृत घोषित कर दिया। पिकअप को मनियर  पुलिस थाने लायी व कारवाई में जुटी है ।प्राप्त जानकारी के अनुसार खेजूरी थाना क्षेत्र के बालू पुर निवासी नागेंद्र यादव की 13 वर्षिय पुत्री शालीनी मनियर थाना क्षेत्र के निपनिया निवासी नाना अक्षयबर यादव के यहां रहकर न्यू सैनिक स्कूल असना में कक्षा चार मे शिक्षा ग्रहण करती थी।बताया जाता है कि गुरुवार को स्कूल से छुट्टी होने के बाद निपनिया स्थित ढाले पर गाड़ी से उतर कर क्रास कर रही थी कि पिकअप ने जोरदार धक्का मार दिया। जिससे गिर कर छटपटाने लगी आस पास के लोगों ने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सिकन्दरपुर पहुंचाया जहाँ पर उपस्थित डॉक्टर ने मृत्यु घोषित कर दिया। वही गाड़ी को छोड़कर पिकअप चालक फरार हो गया।सुचना के बाद गाड़ी को पुलिस थाने लायी व कारवाई में जुटी हुई है।

 ठंड को देखते हुए जिलाधिकारी बलिया ने सारे शिक्षण संस्थानों को बन्द रखने का निर्देश पारित किया था फिर कुछ स्कूल संचालकों की मन मानी का नतीजा एक परिवार पर भारी पडा। यदि जिलाधिकारी के आदेश पर स्कूल को संचालक द्वारा बन्द किया गया होता तो गुरुवार को छात्रा शालीनी यादव की मौत नही हुई होती।