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लखनऊ में फर्जी नियुक्ति हासिल करने वाले शिक्षकों का भंडाफोड़ होते ही गोरखपुर में भी हड़कंप

लखनऊ में फर्जी नियुक्ति हासिल करने वाले शिक्षकों का भंडाफोड़ होते ही गोरखपुर में भी हड़कंप
ए कुमार

गोरखपुर 24 जनवरी 2020 ।। लखनऊ में मेरिट के आधार पर फर्जी नियुक्ति हासिल करने वाले शिक्षकों के भंडाफोड़ के बाद से गोरखपुर जिले में दूसरे के प्रमाणपत्रों के सहारे नौकरी करने वाले शिक्षकों में हड़कंप मच गया है। जल्द ही ऐसे 25 शिक्षकों से पूछताछ की जा सकती है। पूर्व में ही इनकी पुरी कुंडली एसटीएफ की ओर से बेसिक शिक्षा विभाग से तलब की जा चुकी है। ज्यादातर शिक्षकों पर दूसरे के प्रमाण पत्रों के सहारे नौकरी हासिल करने या दूसरे को दिलाने के आरोप हैं।
पिछले वर्ष ही सिद्धार्थनगर और देवरिया जिले में एसटीएफ ने छापेमारी कर सात आरोपितों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार आरोपितों का सरगना अश्वनी कुमार श्रीवास्तव और बड़हलगंज में तैनात रहे मुक्तिनाथ ने एसटीएफ की पूछताछ में कई अहम राज उगले हैं। सूत्रों के मुताबिक, इसी संदेह के आधार पर ही एसटीएफ पिछले वर्ष गोरखपुर के बेसिक शिक्षा विभाग कार्यालय पर छापेमारी कर कई शिक्षकों के रिकार्ड साथ ले गई है। लखनऊ में हुए भंडाफोड़ के बाद जल्द ही इन आरोपियों पर भी कार्रवाई हो सकती है।
अब तक 44 बर्खास्त,एसटीएफ की छापेमारी के बाद से ही बेसिक शिक्षा विभाग को दूसरे के प्रमाणपत्रों के सहारे नौकरी करने वाले शिक्षकों के खिलाफ मिलने वाली शिकायतों में रिकार्ड बढ़ोत्तरी हुई है। जांच के आधार पर विभाग ने अब तक 44 शिक्षकों को बर्खास्त किया है। वहीं इतने ही शिक्षकों के खिलाफ विभागीय जांच चल रही है।

कार्रवाई में आगे, एफआईआर में फिसड्डी

बेसिक शिक्षा विभाग भले ही दूसरे के प्रमाणपत्रों के सहारे नौकरी हासिल करने वाले शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई कर अपनी पीठ थपथपा रहा हो, मगर आरोपी शिक्षकों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने और वेतन रिकवरी की कार्रवाई शुरू करने में फिसड्डी है। बर्खास्त 44 शिक्षकों में से महज दो शिक्षकों के खिलाफ ही अब तक मुकदमा दर्ज किया जा सका है। जबकि शासन स्तर पर इसे लेकर कई दफा मुकदमा दर्ज कराए जाने के निर्देश दिए जा चुके हैं।