Breaking News

प्लास्टिक पर रोक के लिए डीएम बलिया ने की अलग पहल,गोपनीय सूचना देने वाले को 11 हजार का इनाम, बड़े व्यापारियों से शुरू होगी कार्रवाई

प्लास्टिक पर रोक के लिए डीएम बलिया ने की अलग पहल,गोपनीय सूचना देने वाले को 11 हजार का इनाम,
बड़े व्यापारियों से शुरू होगी कार्रवाई

बलिया 23 जनवरी 2020 ।। प्लास्टिक के प्रयोग पर रोक लगाने के लिए जिलाधिकारी श्रीहरि प्रताप शाही एक अलग पहल शुरू करने की योजना बनाई है। गुरूवार को उन्होंने प्रेसवार्ता कर अपनी रणनीति को साझा किया।
श्री शाही ने बताया कि इसके लिए प्रशासन व नगर निकाय टीम द्वारा तीन चरणों में अभियान चलाया जाएगा। पहले चरण में 10 फरवरी तक बडे व्यापारियों व थोक विक्रेताओं पर तथा 11 व 20 फरवरी तक दूसरे चरण में मैरेज हाॅल, होटल, रेस्टोरेंट व ढ़ाबा आदि के विरूद्ध कार्रवाई होगी। तीसरे चरण में 20 फरवरी के बाद छोटे दुकानदार/ठेले वालों पर कार्रवाई करने की तैयारी है। उन्होंने कहा कि अपने सूत्रों मेें जिले के आसपास के जिले में आने वाले प्लास्टिक किस कम्पनी से बन कर आ रहे हैं, हम पहले उसका पता लगा रहे हैं। पता लगने के बाद उन महानगरों या जिलों के उच्चाधिकारी के यहां कार्रवाई के लिए पत्र भेजा जाएगा।

गोपनीय सूचना देने वाले को मिलेगा 11 हजार का इनाम

- जिलाधिकारी ने कहा कि प्लास्टिक भण्डारण आदि के बारे में गोपनीय सूचना 7080378800 पर कोई भी दे सकते हैं। गोपनीय सूचना पर छापेमारी होगी और 5 कुंतल से अधिक प्लास्टिक पकड़े जाने पर सूचना देने वाले को 11 हजार पुरस्कार दिया जाएगा।

कबाड़खाने का कराना होगा रजिस्ट्रेशन, नगरपालिका भी खरीदेगी प्लास्टिक

- डीएम ने बताया कि सभी कबाड़खानों को रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य होगा। यह रजिस्ट्रेशन निःशुल्क होगा। कूडा बिनने वालों को सूचीबद्ध किया जाएगा। विना रजिस्ट्रेशन कबाडखाना पकड़ा गया तो बड़ी कार्रवाई होगी। बताया कि 50 माइक्राॅन से कम नाॅन-रिसाइक्लेबल प्लास्टिक को नगरपालिका भी उचित मूल्य पर खरीदेगी।

सड़क निर्माण में करेंगे सदुपयोग

- जिलाधिकारी ने कहा कि प्लास्टिक के उचित निस्तारण के लिए नगरपालिका द्वारा थे्रडर मशीन (प्लास्टिक या थर्माकोल को छोटे-छोटे टुकड़ों में करने वाली मशीन) स्थापित की जाएगी। प्लास्टिक के छोटे-छोटे टुकड़े करने के बाद इसका प्रयोग सड़क निर्माण में किया जाएगा। बताया कि देश के दक्षिणी प्रांतों में इसके प्रयोग से काफी सड़के बनी है जो टिकाऊ साबित हुई हैं।

लोगों की आवश्यकता का भी रखेंगे ख्याल

- जिलाधिकारी ने बताया कि प्लास्टिक या थर्माकोल बंद होने के बाद आयोजनों पर लोगों की आवश्यकताओं का भी ख्याल रखा जाएगा। इसके लिए डूडा के परियोजना अधिकारी के माध्यम से स्वयं सहायता समूह को प्रोत्साहित कर जूट व कपडों के थैले का प्रयोग प्लास्टिक के विकल्प के तौर पर कराया जाएगा। कैटरिंग या टेंट वालों को भी पेपर या फाइबर प्लेट्स व दोना-पत्तल के उपयोग के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।