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जाने महाराष्ट्र में कितनी बार अब तक लगा है राष्ट्रपति शासन ? अलग-अलग राज्यों में अब तक कितनी बार लागू हो चुका है राष्ट्रपति शासन ?कहां लगा था 7 बार राज्यपाल शासन ?

जाने महाराष्ट्र में कितनी बार अब तक लगा है राष्ट्रपति शासन ? अलग-अलग राज्यों में अब तक कितनी बार लागू हो चुका है राष्ट्रपति शासन ? कहां लगा था 7 बार राज्यपाल शासन ?
ए कुमार

नईदिल्ली 13 नवम्बर 2019 ।। महाराष्ट्र में आखिरकार आखिरकार मंगलवार को राष्ट्रपति शासन लागू हो गया। राज्य के  विकट राजनीतिक हालात को देखते हुए राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने राष्ट्रपति से इसकी सिफारिश की थी, जिसे राष्ट्रपति ने स्वीकार कर लिया। वहीं केंद्रीय मंत्रिमंडल ने भी इसकी मंजूरी दे दी। बता दें कि भारत के अलग-अलग राज्यों में अब तक करीब 125 बार राष्ट्रपति शासन लग चुका है। जबकि महाराष्ट्र में अब से पहले तक दो बार ही राष्ट्रपति शासन लागू हुआ था।

गृह मंत्रालय के प्रवक्ता ने भी इस संबंध में कहा कि महाराष्ट्र के राज्यपाल का विचार था कि चुनाव नतीजे आने के 15 दिन बाद भी कोई दल सरकार बनाने की स्थिति में नहीं है, इसलिए राष्ट्रपति शासन ही सबसे सही विकल्प है।


जानें, महाराष्ट्र में कब-कब लगा राष्ट्रपति शासन


महाराष्ट्र में मंगलवार 12 नवंबर 2019 से पहले तक दो बार राष्ट्रपति शासन लग चुका है। अब यह तीसरी बार लागू किया गया है। इसके तहत प्रदेश के राज्यपाल ही राज्य का प्रशासन चलाने के लिए राष्ट्रपति की कार्यकारी शक्तियों का प्रयोग करने का अधिकारी होंगे।

                            पहली बार

 महाराष्ट्र में पहली बार 17 फरवरी 1980 को लागू हुआ था। उस वक्त शरद पवार मुख्यमंत्री थे। उनके पास बहुमत था, हालांकि राजनीतिक हालात बिगड़ने पर विधानसभा भंग कर दी गई थी। ऐसे में 17 फरवरी से आठ जून 1980 तक करीब 112 दिन तक राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू रहा था।*


                            दूसरी बार
इसी तरह 28 सितंबर 2014 को भी महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लगाया गया था। उस वक्त राज्य की सत्तारूढ़ पार्टी कांग्रेस थी। कांग्रेस अपने सहयोगी दल राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) सहित अन्य दलों के साथ अलग हो गई थी और विधानसभा भंग कर दी गई थी। ऐसे में 28 सितंबर 2014 से लेकर 30 अक्तूबर यानि 32 दिनों तक राज्य में दूसरी बार राष्ट्रपति शासन लागू रहा।


क्या है राष्ट्रपति शासन, कैसे होता है लागू


राष्ट्रपति शासन का अर्थ है, किसी राज्य का नियंत्रण भारत के राष्ट्रपति के पास चला जाना। लेकिन प्रशासनिक दृष्टि से केंद्र सरकार इसके लिए राज्य के राज्यपाल को कार्यकारी अधिकार प्रदान करती है। संविधान के अनुच्छेद 352, 356 और 365 में राष्ट्रपति शासन से जुड़े प्रावधान दिए गए हैं।

अनुच्छेद 356 के अनुसार राष्ट्रपति किसी भी राज्य में राष्ट्रपति शासन लगा सकते हैं यदि वे इस बात से संतुष्ट हों कि राज्य सरकार संविधान के मुताबिक काम नहीं कर रही है। अनुच्छेद 365 अनुसार राज्य सरकार केंद्र सरकार द्वारा दिए गए संवैधानिक निर्देशों का पालन नहीं करती तो उस हालात में भी राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाया जा सकता है।

अनुच्छेद 352 के तहत आर्थिक आपातकाल की स्थिति में राष्ट्रपति शासन लगाया जा सकता है।


जाने महाराष्ट्र में क्यों नहीं बनी सरकार 


गौरतलब है कि राज्य में हुए हाल के विधानसभा चुनाव में भाजपा सहित किसी भी दल को स्पष्ठ बहुमत नहीं मिला था। भाजपा 105 सीटें हासिल कर सबसे बड़ा दल जरूर थी। जबकि शिवसेना को 56 सीटें मिली थीं। वहीं भाजपा और शिवसेना ने मिलकर 50:50 के फॉर्मूले पर गठबंधन किया था।
चुनाव परिणाम आने के बाद जब शिवसेना ढाई साल मुख्यमंत्री बनाने की जिद पर अड़ गई तो राजनीतिक हालात बिगड़ते चले गए। इसके बाद शिवसेना ने एनसीपी और कांग्रेस के समर्थन से भी सरकार बनाने की संभावना तलाशी, लेकिन इसमें भी सफलता नहीं मिली।
(बलिया एक्सप्रेस)
ऐसे टूटा 30 साल पुराना भाजपा-शिवसेना का गठबंधन 
महाराष्ट्र में सरकार बनाने के लिए भाजपा ने शिवसेना को गृहमंत्री सहित कैबिनेट में समान संख्या में मंत्री पद देने की पेशकश की थी। लेकिन शिवसेना मुख्यमंत्री पद के लिए अड़ी रही। यहां तक कि शिवसेना के एकमात्र सांसद और केंद्र सरकार के मंत्रिमंडल में शामिल अरविंद सावंत ने सोमवार को इस्तीफा तक दे दिया।

इसके साथ ही राज्य में भाजपा के साथ चला आ रहा 30 साल पुराना गठबंधन भी टूट गया। वहीं दूसरी ओर शिवसेना ने शरद पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी और कांग्रेस के समर्थन से राज्य में सरकार बनाने का फैसला किया थे, परंतु इसमें भी विफल रही
जानें इन राज्यों में कब-कब लगा राष्ट्रपति शासन -
(बलिया एक्सप्रेस)
आंध्र प्रदेश- तीन बार
15 नवंबर 1954 (लागू होने की तिथि), 18 जनवरी 1973, 28 फरवरी, 2014

अरुणाचल प्रदेश- दो बार
तीन नवंबर 1979, 25 जनवरी 2016

असम- चार बार
12 दिसंबर 1979, 30 जून 1981, 19 मार्च 1982, 28 नवंबर 1990
बिहार- आठ बार
29 जून 1968, चार जुलाई 1969, नौ जनवरी 1972, 30 अप्रैल 1977, 17 फरवरी 1980, 28 मार्च 1995, 12 फरवरी 1999, सात मार्च 2005
दिल्ली- एक बार
14 फरवरी, 2014
(बलिया एक्सप्रेस)
गोवा- पांच बार
दो दिसंबर 1966, 27 अप्रैल 1979, 14 दिसंबर 1990, नौ फरवरी 1999, चार मार्च 2005
गुजरात- पांच बार
12 मई 1971, नौ फरवरी 1974, 12 मार्च 1976, 17 फरवरी 1980, 19 सितंबर 1996
हरियाणा- तीन बार
दो नवंबर 1967, 30 अप्रैल 1977, छह अप्रैल 1991
(बलिया एक्सप्रेस)
हिमाचल प्रदेश- दो बार
30 अप्रैल 1977, 15 दिसंबर 1992
झारखंड- तीन बार
19 जनवरी 2009, एक जून 2010, 18 जनवरी 20013
कर्नाटक- छह बार
19 मार्च 1971 (मैसूर नाम से), 31 दिसंबर 1977, 21 अप्रैल 1989, 10 अक्तूबर 1990, नौ अक्तूबर 2007, 20 नवंबर 2007
केरल- पांच बार
23 मार्च 1956 (त्रावणकोर नाम से), 31 जुलाई 1959, 10 सितंबर 1964, एक अगस्त 1970, एक दिसंबर 1979
मध्यप्रदेश- चार बार
आठ अप्रैल 1949 (विंध्य प्रदेश के नाम), 29 अप्रैल 1977, 18 फरवरी 1980, 15 दिसंबर 1992
(बलिया एक्सप्रेस)
महाराष्ट्र- दो बार
17 फरवरी 1980, 28 सितंबर 2014
मणिपुर- दस बार
12 जनवरी 1967, 25 अक्तूबर 1967, 17 अक्तूबर 1969, 28 मार्च 1973, 16 मई 1977, 14 नवंबर 1979, 28 फरवरी 1981, सात जनवरी 1992, 31 दिसंबर 1993, दो जून 2001
मेघालय- दो बार
11 अक्तूबर 1991, 18 मार्च 2009
मिजोरम- तीन बार
11 मई 1977, 10 नवंबर 1978, सात सितंबर 1988
नगालैंड- चार बार
20 मार्च 1975, सात अगस्त 1988, दो अप्रैल 1992, तीन जनवरी 2008
इन राज्यों में भी लगा राष्ट्रपति शासन
(बलिया एक्सप्रेस) ओडिशा- छह बार
25 फरवरी 1961, 11 जनवरी 1971, तीन मार्च 1973, 16 दिसंबर 1976, 30 अप्रैल 1977, 17 फरवरी 1980
पंजाब- नौ बार
20 जून 1951, पांच मार्च 1953 (पेप्सू नाम से), पांच जुलाई 1966, 23 अगस्त 1968, 14 जून 1971, 30 अप्रैल 1971, 17 फरवरी 1980, 10 अक्तूबर 1983, 11 जून 1987
पुडुचेरी (पांडिचेरी)- छह बार
18 सितंबर 1968, तीन जनवरी 1974, 28 मार्च 1974, 12 नवंबर 1978, 24 जून 1983, चार मार्च 1991
राजस्थान- चार बार
13 मार्च 1967, 29 अप्रैल 1977, 16 फरवरी 1980, 15 दिसंबर 1992
सिक्किम- दो बार
18 अगस्त 1978, 25 मई 1984
तमिलनाडु- चार बार
31 जनवरी 1976, 17 फरवरी 1980, 30 जनवरी 1988, 30 जनवरी 1991
त्रिपुरा- तीन बार
एक नवंबर 1971, पांच नवंबर 1977, 11 मार्च 1993
(बलिया एक्सप्रेस)
उत्तर प्रदेश- नौ बार
25 फरवरी 1968, एक अक्तूबर 1970, 13 जून 1973, 30 नवंबर 1975, 30 अप्रैल 1977, 17 फरवरी 1980, छह दिसंबर 1992, 18 अक्तूबर 1995, आठ मार्च 2002
पश्चिम बंगाल- चार बार
एक जुलाई 1962, 20 फरवरी 1968, 19 मार्च 1970, 28 जून 1971
उत्तराखंड- दो बार
27 मार्च 2016, 22 अप्रैल 2016
पहले जम्मू-कश्मीर में लगता था राष्ट्रपति नही राज्यपाल शासन ? 
जम्मू-कश्मीर में अब तक राज्यपाल शासन लागू होता था। जो कि यहां सात बार लगाया जा चुका है। हालांकि अब इसके केंद्रशासित प्रदेश बन जाने के बाद यहां भी राष्ट्रपति शासन लागू होगा।
जम्मू-कश्मीर- सात बार लग चुका है राज्यपाल शासन
26 मार्च 1977, 6 मार्च 1986, 19 जनवरी 1990, 18 अक्तूबर 2002, 11 जुलाई 2008, नौ जनवरी 2015, आठ जनवरी 2016 ।।
बलिया एक्सप्रेस