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उद्धव का सवाल- महबूबा और नीतीश के साथ बीजेपी जा सकती है तो कांग्रेस-एनसीपी के साथ हम क्यों नहीं? राज्यपाल पर साधा निशाना,कहा ऐसे राज्यपाल से राज्य का होगा सत्यानाश

उद्धव का सवाल- महबूबा और नीतीश के साथ बीजेपी जा सकती है तो कांग्रेस-एनसीपी के साथ हम क्यों नहीं? राज्यपाल पर साधा निशाना,कहा ऐसे राज्यपाल से राज्य का होगा सत्यानाश
ए कुमार


मुम्बई 12 नबम्बर 2019 ।। महाराष्ट्र में चल रहे हाईवोल्टेज सियासी ड्रामे के बीच शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की है. उन्होंने राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी पर आरोप लगाते हुए कहा कि हमें अपेक्षा थी कि हमें और समय दिया जाएगा लेकिन अचानक ऐसा नहीं हुआ. अचानक एक लेटर हमारे पास आया और हमें बताया गया कि हमारे पास टाइम नहीं है.

उद्धव ठाकरे ने कहा, 'कल पहली बार एनसीपी को गवर्नर ने सरकार बनाने के लिए बुलाया था. कल भी हमने राज्यपाल से सरकार बनाने के लिए समय मांगा था. हमें 48 घंटे का समय चाहिए था और हम अब भी इस पर कायम हैं. हमें कुछ मुद्दों को लेकर कांग्रेस-एनसीपी से बातें स्पष्ट करनी हैं. आज तक महाराष्ट्र को ऐसा राज्यपाल नहीं मिला. ऐसा राज्यपाल अगर सभी राज्यों को मिल गया तो दूसरे राज्यों का सत्यानाश हो जाएगा. कांग्रेस-एनसीपी के साथ हम कॉमन मिनिमम प्रोग्राम पर बात करेंगे.'

उद्धव ने कहा, 'हमसे पूछा जा रहा है कि कांग्रेस और एनसीपी के साथ कैसे आ जाएंगे? तो जवाब यही है कि जैसे नीतीश और बीजपी साथ आ गए वैसे ही हम तीनों साथ आ जाएंगे. जब बीजेपी महबूबा मुफ्ती के साथ सरकार बना सकती है तो हम क्यों नहीं? मोदी हटाओ की बात करने वाले चंद्रबाबू नायडू जब साथ आ गए तो हमारे साथ क्या आपत्ति है. हम कांग्रेस-एनसीपी के साथ बातचीत कर तय करेंगे कि किस बात पर एक होना है.

पूर्व सीएम देवेंद्र फडणवीस ने कहा- महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लगना दुर्भाग्यपूर्ण है। उम्मीद है कि महाराष्ट्र में जल्द स्थिर सरकार बनेगी। नारायण राणे ने कहा- सरकार बनाने के लिए जो बन पड़ेगा वो करूंगा। भाजपा सरकार बनाने की कोशिश करती रहेगी। लगता नहीं कि कांग्रेस-एनसीपी के साथ जाएगी शिवसेना। मैं भाजपा सरकार बनाने के लिए प्रयासरत हूं।

एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने कहा- हम महाराष्ट्र में दोबारा चुनाव नहीं चाहते। कांग्रेस से चर्चा पूरी होने के बाद शिवसेना से बात होगी। हमें किसी तरह की जल्दबाजी नहीं है। एनसीपी नेता प्रफुल्ल पटेल ने कहा- दोनों दलों के वरिष्ठ नेताओं ने मौजूदा हालात पर चर्चा की। शिवसेना ने पहली बार कांग्रेस और एनसीपी के साथ आधिकारिक रूप से संपर्क किया था। इतने महत्वपूर्ण मुद्दे को लेकर सभी बिंदुओं पर स्पष्टता होनी चाहिए।