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भ्रष्टाचार पर डीएम बलिया का दूसरे दिन भी कड़ा प्रहार : भ्रष्टाचार के आरोप में जिला चिकित्सालय के सीएमएस डॉ एस प्रसाद को हटाया , गैर जनपद स्थानांतरण के लिये भेजा शासन को पत्र

अनियमितता: 80 रुपये लीटर दूध और 65 रुपये किलो पालक का किया भुगतान


बलिया 1 सितंबर 2019: जिलाधिकारी बलिया भवानी सिंह खंगारौत द्वारा जिला पंचायत अध्यक्ष के खिलाफ एफआईआर कराने का आदेश देने के दूसरे दिन जिला अस्पताल में फैले भ्रष्टाचार पर कड़ा प्रहार करते हुए अनियमितता के आरोप में सीएमएस डॉ एस प्रसाद को हटाते हुए डॉ बीपी सिंह को सीएमएस का प्रभार देने का निर्देश दिया है ।जिला अस्पताल में सामग्री क्रय करने के मामले में राजकीय धनराशि के व्यापक पैमाने पर गबन करने का मामला सामने आया है । जिला अस्पताल में भैस का दूध 80 रुपये लीटर की दर पर खरीदा गया तो पालक का साग 65 रुपये प्रति किलोग्राम । पिछले वर्ष हुए खरीद फरोख्त को लेकर स्वास्थ्य विभागके अधिकारियों की क्रिया पद्धति सवालों के घेरे में है ।

  जिला अस्पताल में यूं तो बहुत सारी अनियमितताएं देखने को मिली है , लेकिन खरीद फरोख्त से सम्बंधित उजागर हुई नई जानकारी ने हतप्रभ कर दिया है । पिछले वर्ष 18 जून 2018 को मैसर्स मनीष कंस्ट्रक्शन के पक्ष में खाद्य सामग्री पर जो भुगतान हुआ है , वह न सिर्फ आश्चर्यजनक है , बल्कि भोज्य सामग्री की रेट लिस्ट पर ध्यान देने पर आंखें फटी की फटी रह जाती है। इसमें भैंस का दूध का दाम 80 रुपये प्रति लीटर व पालक का दाम 65 रुपये प्रति किलो लगाया गया है। इसके अलावा अन्य खाद्य सामग्री भी बाजार से दुगने दामों पर क्रय की जा रही है। यह स्थिति तब है जबकि मरीजों को वास्तविक रूप से उपलब्ध कराए जा रहे भोजन की गुणवत्ता थर्ड क्लास की है। जिलाधिकारी ने बताया कि पिछले वित्तीय वर्ष में भोजन तथा दूध पर 7 लाख 37 हजार का भुगतान हुआ है। जबकि इस वित्तीय वर्ष में भी 2 लाख 24 हजार का भुगतान हो चुका है। इन सबके बावजूद जिला चिकित्सालय की स्थिति यह है कि मरीजों के परिजनों को पंखे की व्यवस्था भी अपने घर से करना पड़ रहा है। वर्तमान में अस्पताल में 20 से ज्यादा पंखे खराब है और लंबे समय से मरम्मत न कराने के कारण मरीजों को काफी दिक्कत हो रही है। रोगी कल्याण समिति और राज्य बजट मध्य में पर्याप्त धन होते हुए भी सीएमएस की लापरवाही के कारण व्यय नहीं हो पा रहा है।
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डी. प्रसाद से छीना सीएमएस का चार्ज, बीपी सिंह को जिम्मेदारी

बलिया: जिला अस्पताल की बदहाल व्यवस्था में सुधार नहीं होने पर नाराज जिलाधिकारी भवानी सिंह खंगरौत ने डॉ. शिव प्रसाद से सीएमएस का चार्ज हटा दिया है। उन्होंने जिला अस्पताल के सीएमएस की जिम्मेदारी वरिष्ठ परामर्शदाता बीपी सिंह को सौंपी है। साथ ही यह निर्देश दिया है कि तत्काल कार्यभार ग्रहण पर जिला चिकित्सालय के समस्त बैंक खातों में अपना हस्ताक्षर भेजकर अस्पताल की व्यवस्थाओं में सुधार के लिए प्रभावी कार्रवाई करें। शासन स्तर से मुख्य चिकित्सा अधीक्षक पद पर तैनाती तक ही यह आदेश अस्तित्व में रहेगा। वहीं, डॉ. शिव प्रसाद वरिष्ठ परामर्शदाता के रूप में जिला चिकित्सालय में अपनी सेवाएं देते रहेंगे।

डीएम ने बताया कि सीएमएस डा.एस प्रसाद से कई बार स्पष्टीकरण मांगा गया और बुलाकर समझाया भी किया, लेकिन उनके व्यवहार और आचरण में कोई सुधार नहीं हो रहा था। निवर्तमान सीएमएस की लापरवाही और अस्पताल की व्यवस्थाओं पर नियंत्रण नहीं रख पाने के कारण दिशा की बैठक में भी जनप्रतिनिधियों ने कड़ी नाराजगी जताई थी।
उन्होंने सीएमएस बी पी सिंह को यह भी निर्देश दिया है कि आवश्यकतानुसार धोबियों को आउटसोर्सिंग सेवा प्रदाता के माध्यम से नियोजित कराएं ताकि मरीजों को साफ-सुथरी चादर मिल सके। जिला चिकित्सालय में बाहरी व्यक्तियों बिचौलियों और दलालों के प्रवेश पर सख्ती से रोक लगाएं। इस संबंध में वहां के चौकी प्रभारी पूरा सहयोग प्रदान करेंगे।

जनपद के बाहर स्थानांतरित करने को लिखा शासन में पत्र

निवर्तमान सीएमएस डा. शिव प्रसाद के व्यवहार और आचरण में कोई परिवर्तन नहीं होने पर नाराज जिलाधिकारी ने उनके जनपद के बाहर स्थानांतरण और किसी योग्य चिकित्साधिकारी को जिला अस्पताल में अधीक्षक के पद पर भेजने के लिए शासन को पत्र भी लिखा है। हालांकि इस पत्र पर अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है।
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जांच समिति गठित, नए सिरे से होंगे सभी टेंडर

- निवर्तमान सीएमएस डॉ शिव प्रसाद द्वारा ठेकेदारों या सप्लायर्स को किए गए समस्त भुगतानों की गहन जांच के लिए तीन सदस्यीय कमेटी बनाई है। इसमें
एसडीएम रसड़ा विपिन जैन, मुख्य कोषाधिकारी और सीएमएस डॉ.बीपी सिंह हैं। उन्होंने एक पक्ष के भीतर जांच कर पूरी रिपोर्ट देने का निर्देश दिया है। उन्होंने टीम को यह भी निर्देश दिया है कि जिला चिकित्सालय के पुराने सप्लायर्स, वेंडर या ठेकेदारों के अनुबंध तत्काल निरस्त कर नए सिरे से फ्रेश टेंडर कराने की कार्रवाई एक पक्ष के भीतर पूरी कराएं। खासकर इस अवधि में पंखों का जेम पोर्टल से क्रय, अस्पताल में प्रयोग होने वाले चादरों की धुलाई के लिए पर्याप्त मात्रा में इंडस्ट्रियल साइज की वाशिंग मशीन का जेम पोर्टल से क्रय, जिला चिकित्सालय में प्रयुक्त होने वाली स्टेशनरी, कंज्यूमेबल्स, कंटीजेंसी गुड्स और मरीजों को दिए जाने वाले भोजन का टेंडर अनिवार्य रूप से पूर्ण कर लिया जाए।
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बाहर से दवा लिखना होगा अपराध

जिलाधिकारी ने सीएमएस डा बीपी सिंह को निर्देश दिया है कि सभी चिकित्सकों के साथ एक आपात बैठक कर लें और उनको समझा दें कि अस्पताल में सभी रोगों की आवश्यक दवाएं उपलब्ध हैं। बाहर से कोई दवा नहीं लिखी जानी चाहिए। अगर कोई बहुत ही जरूरी दवा अस्पताल में उपलब्ध नहीं है तो सभी चिकित्सक ऐसी दवाओं, उनसे जुड़े रोगों और अस्पताल में उस दवा के उपलब्ध नहीं होने के कारण सहित सीएमएस के माध्यम से मुझे अवगत कराएं। जब तक वह दवाएं अस्पताल को उपलब्ध नहीं हो जाती, तभी तक बाहर की दवा लिखने की छूट होगी। लेकिन आमतौर पर बाहर की दवा लिखी गई तो उसे गंभीर अपराध की श्रेणी में रखते हुए ऐसे चिकित्सकों के विरुद्ध कठोर आपराधिक कार्रवाई होगी।

*सीडीओ को बनाया नोडल अधिकारी*

- जिला चिकित्सालय की व्यवस्था सुदृढ़ किए जाने और दिए गए निर्देशों के अनुपालन के लिए मुख्य विकास अधिकारी को नोडल अधिकारी नामित किया गया है। जिलाधिकारी ने सीडीओ को निर्देश दिया है कि हर हफ्ते जिला चिकित्सालय का कम से कम एक निरीक्षण जरूर कर लेंगे।