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लखनऊ : देवरिया के बालिका गृह यौन उत्पीड़न कांड में देवरिया जिले के 35 थानाध्यक्ष, 122 पुलिस कर्मियों पर गड़ी CBI की नजर

देवरिया जिले के 35 थानाध्यक्ष, 122 पुलिस कर्मियों पर  गड़ी CBI की नजर 
ए कुमार

लखनऊ 3 सितम्बर 2019 ।। मां विंध्यवासिनी महिला प्रशिक्षण संस्थान से संचालित बाल गृह बालिका कांड की जांच सीबीआइ को मिलने के बाद इससे संबंधित लोगों में हड़कंप है। जिले में तैनात रहे 35 थानाध्यक्षों के साथ ही 122 पुलिसकर्मी सीबीआइ की रडार पर हैं। तत्कालीन जिला प्रावेशन अधिकारी व समाज कल्याण विभाग भी सीबीआइ की जांच के जद में आ सकता है। एक से दो दिनों के अंदर सीबीआइ जिले में जांच के लिए आएगी।

कई अधिकारियों पर गिर चुकी है गाज


बाल गृह बालिका कांड में डीएम, एसपी, सीओ, कोतवाल और चौकी इंचार्ज पर कार्रवाई पर उस समय ही कार्रवाई हो गई थी। एसआइटी की जांच शुरू हुई और उच्च न्यायालय ने सख्त रवैया अपनाया तो जिले में तैनात रहे 35 थानाध्यक्षों के साथ ही 122 पुलिस कर्मियों की एक सूची कार्रवाई के लिए दे दी गई। लेकिन मामले में लीपापोती हो गई।

संस्था की मान्यता स्थगित होने के बाद भी भेजते रहे लड़कियां

इन पर आरोप है कि जब संस्था की मान्यता स्थगित कर दी गई तो यह जनपद में मिलने वाली महिलाओं व किशोरियों को गृह में क्यों भेजते रहे। अब कहा जा रहा है कि सीबीआइ की जांच में ये घेरे में आ जाएंगे। संस्था की मान्यता स्थगित होने के बाद भी दो बार अनुदान संस्था को दे दिया गया है। जिसके चलते तत्कालीन जिला प्रोवेशन अधिकारी व समाज कल्याण विभाग में तैनात लोग भी जांच के घेरे में आ सकते हैं।

अगस्त 2018 में हुआ था खुलासा

गौरतलब है कि देवरिया के स्टेशन रोड स्थित बाल गृह बालिका से एक किशोरी भागकर 5 अगस्त 2018 को तत्कालीन एसपी रोहन पी कनय के पास पहुंची और संस्था की अवैध गतिविधियों की जानकारी दी। दस बजे रात को एसपी ने संस्था के कार्यालय पर छापेमारी की और 23 लड़कियों को मुक्त कराने का दावा किया।