अयोध्या मामले की SC में छठे दिन हुई सुनवाई : रामलला विराजमान के वकील ने कहा - जन्म स्थान स्वयं एक देवता
अयोध्या मामले की SC में छठे दिन हुई सुनवाई : रामलला विराजमान के वकील ने कहा - जन्म स्थान स्वयं एक देवता
ए कुमार
नईदिल्ली 15 अगस्त 2019 ।। बुधवार को 6 वे दिन श्रीराम जन्मभूमि बाबरी मस्जिद प्रकरण में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई । रामलला विराजमान की तरफ से पैरवी करते हुए वरिष्ठ अधिवक्ता सीएस वैद्यनाथन ने पौराणिक एवं पुरातात्विक साक्ष्यों के आधार पर यह साबित करने की कोशिश किये कि विवादित स्थान राम जन्मभूमि ही है । अगली सुनवाई शुक्रवार को होगी । बुधवार को हुई सुनवाई की संक्षिप्त बातें निम्न है --
◆रामलला विराजमान की तरफ से वरिष्ठ वकील सी एस वैधनाथन ने कहा कि सबसे पहले वो कोर्ट के समक्ष इतिहासिक साक्ष्य रखेगे और उसके बाद पुरातत्व विभाग के साक्ष्य कोर्ट के सामने रखेगे जिससे ये साबित हो जाएगा कि जन्मस्थान पर मंदिर था।
◆रामलला विराजमान की तरफ से वरिष्ठ वकील सी एस वैधनाथन ने स्कंद पुराण का जिक्र किया। सी एस वैधनाथन ने कहा कि ये रिवाज है कि सरयू नदी में स्नान करने के बाद रामजन्मभूमि के दर्शन का लाभ मिलता है।
◆जस्टिस अशोक भूषण ने पूछा कि ये पुराण कब लिखा गया था?
राम लला के वकील सी एस वैधनाथन ने कहा ये पुराण वेद व्यास द्वारा महाभारत काल में लिखा गया था। ये बेहद पुराना है कोई ये तक नही जानता कि कितना पुराना।
◆जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ ने पूछा आप जो कह रहे है उसमें रामजन्मभूमि के दर्शन के बारे में कहा गया है देवता के बारे में नही?
सी एस वैधनाथन ने कहा वो इसलिए क्योंकि जन्मस्थान खुद में ही एक देवता है।
◆सी एस वैधनाथन ने 16 वीं सदी के विलियम फिंच के यात्रा वृत्तांत का जिक्र किया। सी एस वैधनाथन ने कहा कि विलियम फिंच ने अपने यात्रा वृत्तांत में ये बताया है कि कैसे राम की नगरी अयोध्या को बर्बाद किया गया था विलियम फिंच ने 1608 और 1611 के बीच में अयोध्या का दौरा किया था।
◆जस्टिस बोबड़े ने रामलला के वकील से पूछा मस्जिद को बाबरी मस्ज़िद कब कहा जाने लगा?वैधनाथन ने कहा ये 19 सदी में कहा गया उससे पहले इस बात के कोई सबूत या साक्ष्य नही है कि मस्जिद को बाबरी मस्जिद कहा गया हो।
◆मुस्लिम पक्ष के वकील राजीव धवन ने इस बात पर आपत्ति जताई कि बाबरनामा में बाबर के अयोध्या भ्रमण को लेकर कुछ नही लिखा गया है।राजीव धवन ने कहा बाबरनामा में इस बात का जिक्र गया कि बाबर नदी पार कर अयोध्या रुका था। इस लिए ये नही कहा जा सकता कि बाबरनामा में इसका जिक्र नही है।
◆रामलला विराजमान की तरफ से कहा गया कि दस्तावेजों के आधार पर ये साबित होता है कि वहाँ जन्मस्थान था और जन्मस्थान के ऊपर मंदिर को तोड़कर मस्जिद का निर्माण किया गया।
◆वैधनाथन ने 19 सदी के ब्रिटिश सर्वेक्षक मोंट्गोमेरी मार्टिन के किताब का जिक्र किया। वैधनाथन ने कहा कि बाबर ने मस्जिद बनाई थी इसका जिक्र पहली बार मोंट्गोमेरी मार्टिन के किताब से हुआ।
◆वैधनाथन ने के विदेशी यात्रा वृत्तांत/यात्रा से संबंधित किताब का जिक्र किया। जिसमें Joseph Tiefenthaler, Montgomery Martin आदि है। इस सभी ने अपने यात्रा वृत्तांत में भगवान राम का जिक्र किया है। साथ ही ये भी कहा कि कैसे मंदिर को नष्ट किया गया।
◆वैधनाथन ने के विदेशी यात्रा वृत्तांत/यात्रा से संबंधित किताब से ये बात साबित होती है कि वहाँ भव्य मंदिर था जिसे नष्ट किया गया था।
◆वैधनाथन ने कहा कि स्थान को हमेशा से ही जन्मस्थान माना गया है, लोगों की जन्मस्थान को लेकर अतिप्राचीन काल से आस्था है और विश्वास है इस लिए इसमें कोई विवाद ही नही।
◆बाबरनामा में इस बात का जिक्र नही की, बाबरी मस्जिद का निर्माण बाबर ने कराया था : रामलला विराजमान
◆वैधनाथन ने पी कार्नेज्ञ को कोट करते हुए कहा कि जिस तरह मुस्लिमों की तरह मक्का है, उसी तरह हिंदुओं के लिए अयोध्या "राम जन्मभूमि"
◆वैधनाथन ने कहा कि रामजन्मभूमि में लोगों की अटूट आस्था है और वो श्रद्धेय स्थान है, भले ही मंदिर को तोड़कर कर मस्जिद का निर्माण किया था लेकिन फिर भी हमेशा श्रद्धेय स्थान ही रहेगा।
◆वैधनाथन ने चाइनीज विद्वान फाह्यान का जिक्र करते हुए कहा कि उन्होंने भी अयोध्या की यात्रा की थी और अपने यात्रा वृत्तांत/यात्रा से संबंधित किताब में अयोध्या रामजन्मभूमि का जिक्र किया था।
◆वैधनाथन ने एलेग्जेंडर कुंनिंगहम की रिपोर्ट का जिक्र करते हुए कहा कि एलेग्जेंडर ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि ईसा मसीह की जन्म से पहले राजा विक्रमादित्य ने अयोध्या में भव्य मंदिर का निर्माण किया था।
◆राजा विक्रमादित्य ने तक़रीबन 368 मंदिरों का निर्माण कराया था जिसमें भगवान राम का जन्मस्थान भी है।
◆वैधनाथन ने एलेग्जेंडर कुंनिंगहम की रिपोर्ट का जिक्र करते हुए कहा कि एलेग्जेंडर ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि ईसा मसीह की जन्म से पहले राजा विक्रमादित्य ने अयोध्या में भव्य मंदिर का निर्माण किया था।
◆1869 में पी कार्नेज्ञ ने फैज़ाबाद का दौरा किया था। अपने सर्वे में पी कार्नेज्ञ ने कहा था कि जिस तरह मुस्लिमों की तरह मक्का है, उसी तरह हिंदुओं के लिए अयोध्या "राम जन्मभूमि"।
◆रामलला के वक़ील सी एस वैधनाथन कई प्राचीन किताबों, विदेशी दार्शनिकों और विद्वानों के यात्रा वृत्तांत के जरिये ये बताने की कोशिश कर रहे है कि वहाँ राममंदिर था और जन्मभूमि की महत्वता क्या है।
◆रामलला के वक़ील सी एस वैधनाथन ने कहा साकेत का इतिहास जो 600 बीसी में लिखा गया है, उसमें भी श्रीराम और उनके वंशज का जिक्र है, इसमें साकेत कौशल साम्राज्य का हिस्सा बताया गया है।
◆जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा परिस्थिति से लगता है कि वहाँ हिन्दू, मुस्लिम, बुद्ध और जैन धर्म का प्रभाव रहा है।
जिसपर रामलला विराजमान की तरफ से कहा गया कि इन धर्मो का प्रभाव था लेकिन जन्मभूमि पर हिंदू धर्म का पुनर्जीवन हुआ।
◆रामलला की तरफ से कहा एक बात जो थी जो हमेशा स्थिर रही वो थी राम जन्मभूमि के लिए लोगों की आस्था उनका विश्वास।
◆रामलला की तरफ से कहा गया कि हिन्दू धर्म हमेशा पुनर्जीवित हुआ है कैसे भी बदलाव हुए हो, परिस्थिति कुछ भी हो, लेकिन रामजन्मभूमि को लेकर हिन्दुवों का विश्वास अटूट रहा।
◆जस्टिस बोबड़े ने मुस्लिम पक्ष के वक़ील राजीव धवन से पूछा विवादित स्थल को लेकर शिया और सुन्नी के बीच क्या विवाद है? राजीव धवन ने कहा जो विवाद है उसे सूट पर कोई असर नही पड़ेगा इस बाबत राजीव धवन ने इलाहाबाद हाई कोर्ट के फैसले का उदाहरण दिया।
◆रामलला की तरफ से वैधनाथन ने कहा कि पुरातत्व विभाग के सबूत बताते है कि वहाँ एक मंदिर था जिसे नष्ट किया गया। अगर कोई मस्जिद मंदिर को नष्ट कर के बनती है तो शरीयत कानून के मुताबिके उसे मस्जिद नही माना जाता।
◆गुप्त काल यानी ईसा पूर्व 6 ठी सदी से लेकर जब लेकर उत्तर मध्य युग तक रामलला के वकील ने रामजन्मभूमि की सर्वकालिक महत्ता और महात्म्य बताया।
◆कभी साकेत के नाम से मशहूर नगर ही अब अयोध्या है। यहीं सदियों से लोग राम के प्रति श्रद्धा निवेदित करते रहे हैं। यहां तक कि बौद्ध, जैन और इस्लामिक काल मे भी श्रद्धा के स्रोत का ये स्थान राम जन्मस्थान के रूप में ही लगातार प्रसिद्ध रहा।
◆इस अजस्र लोकश्रद्धा की वजह से ही सनातन हिन्दू धर्म पुनर्जागरण हुआ। इस विवादित स्थान पर हमारे दावे का आधार भी यही है कि ये पूरा स्थान ही देवता है। लिहाज़ा इसका दो तीन हिस्सों में बंटवारा नहीं हो सकता।
◆रामलला की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में एक नक्शा पेश किया गया।1950 में शिव शंकर लाल ने ये नक्शा पेश किया था सूट नंबर 1 में बतौर कमिश्नर।जिसमें विवादित ढांचे का पूरा विवरण है। उसमें 14 पिलर है। जिसमें शंकर देवता तांडव नृत्य, हनुमान जी आदि देवताओं के चित्र है। इसमें 2 पिलर नस्ट किया गया
◆रामलला की तरफ से बहस शुक्रवार को भी जारी रहेगी।
ए कुमार
नईदिल्ली 15 अगस्त 2019 ।। बुधवार को 6 वे दिन श्रीराम जन्मभूमि बाबरी मस्जिद प्रकरण में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई । रामलला विराजमान की तरफ से पैरवी करते हुए वरिष्ठ अधिवक्ता सीएस वैद्यनाथन ने पौराणिक एवं पुरातात्विक साक्ष्यों के आधार पर यह साबित करने की कोशिश किये कि विवादित स्थान राम जन्मभूमि ही है । अगली सुनवाई शुक्रवार को होगी । बुधवार को हुई सुनवाई की संक्षिप्त बातें निम्न है --
◆रामलला विराजमान की तरफ से वरिष्ठ वकील सी एस वैधनाथन ने कहा कि सबसे पहले वो कोर्ट के समक्ष इतिहासिक साक्ष्य रखेगे और उसके बाद पुरातत्व विभाग के साक्ष्य कोर्ट के सामने रखेगे जिससे ये साबित हो जाएगा कि जन्मस्थान पर मंदिर था।
◆रामलला विराजमान की तरफ से वरिष्ठ वकील सी एस वैधनाथन ने स्कंद पुराण का जिक्र किया। सी एस वैधनाथन ने कहा कि ये रिवाज है कि सरयू नदी में स्नान करने के बाद रामजन्मभूमि के दर्शन का लाभ मिलता है।
◆जस्टिस अशोक भूषण ने पूछा कि ये पुराण कब लिखा गया था?
राम लला के वकील सी एस वैधनाथन ने कहा ये पुराण वेद व्यास द्वारा महाभारत काल में लिखा गया था। ये बेहद पुराना है कोई ये तक नही जानता कि कितना पुराना।
◆जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ ने पूछा आप जो कह रहे है उसमें रामजन्मभूमि के दर्शन के बारे में कहा गया है देवता के बारे में नही?
सी एस वैधनाथन ने कहा वो इसलिए क्योंकि जन्मस्थान खुद में ही एक देवता है।
◆सी एस वैधनाथन ने 16 वीं सदी के विलियम फिंच के यात्रा वृत्तांत का जिक्र किया। सी एस वैधनाथन ने कहा कि विलियम फिंच ने अपने यात्रा वृत्तांत में ये बताया है कि कैसे राम की नगरी अयोध्या को बर्बाद किया गया था विलियम फिंच ने 1608 और 1611 के बीच में अयोध्या का दौरा किया था।
◆जस्टिस बोबड़े ने रामलला के वकील से पूछा मस्जिद को बाबरी मस्ज़िद कब कहा जाने लगा?वैधनाथन ने कहा ये 19 सदी में कहा गया उससे पहले इस बात के कोई सबूत या साक्ष्य नही है कि मस्जिद को बाबरी मस्जिद कहा गया हो।
◆मुस्लिम पक्ष के वकील राजीव धवन ने इस बात पर आपत्ति जताई कि बाबरनामा में बाबर के अयोध्या भ्रमण को लेकर कुछ नही लिखा गया है।राजीव धवन ने कहा बाबरनामा में इस बात का जिक्र गया कि बाबर नदी पार कर अयोध्या रुका था। इस लिए ये नही कहा जा सकता कि बाबरनामा में इसका जिक्र नही है।
◆रामलला विराजमान की तरफ से कहा गया कि दस्तावेजों के आधार पर ये साबित होता है कि वहाँ जन्मस्थान था और जन्मस्थान के ऊपर मंदिर को तोड़कर मस्जिद का निर्माण किया गया।
◆वैधनाथन ने 19 सदी के ब्रिटिश सर्वेक्षक मोंट्गोमेरी मार्टिन के किताब का जिक्र किया। वैधनाथन ने कहा कि बाबर ने मस्जिद बनाई थी इसका जिक्र पहली बार मोंट्गोमेरी मार्टिन के किताब से हुआ।
◆वैधनाथन ने के विदेशी यात्रा वृत्तांत/यात्रा से संबंधित किताब का जिक्र किया। जिसमें Joseph Tiefenthaler, Montgomery Martin आदि है। इस सभी ने अपने यात्रा वृत्तांत में भगवान राम का जिक्र किया है। साथ ही ये भी कहा कि कैसे मंदिर को नष्ट किया गया।
◆वैधनाथन ने के विदेशी यात्रा वृत्तांत/यात्रा से संबंधित किताब से ये बात साबित होती है कि वहाँ भव्य मंदिर था जिसे नष्ट किया गया था।
◆वैधनाथन ने कहा कि स्थान को हमेशा से ही जन्मस्थान माना गया है, लोगों की जन्मस्थान को लेकर अतिप्राचीन काल से आस्था है और विश्वास है इस लिए इसमें कोई विवाद ही नही।
◆बाबरनामा में इस बात का जिक्र नही की, बाबरी मस्जिद का निर्माण बाबर ने कराया था : रामलला विराजमान
◆वैधनाथन ने पी कार्नेज्ञ को कोट करते हुए कहा कि जिस तरह मुस्लिमों की तरह मक्का है, उसी तरह हिंदुओं के लिए अयोध्या "राम जन्मभूमि"
◆वैधनाथन ने कहा कि रामजन्मभूमि में लोगों की अटूट आस्था है और वो श्रद्धेय स्थान है, भले ही मंदिर को तोड़कर कर मस्जिद का निर्माण किया था लेकिन फिर भी हमेशा श्रद्धेय स्थान ही रहेगा।
◆वैधनाथन ने चाइनीज विद्वान फाह्यान का जिक्र करते हुए कहा कि उन्होंने भी अयोध्या की यात्रा की थी और अपने यात्रा वृत्तांत/यात्रा से संबंधित किताब में अयोध्या रामजन्मभूमि का जिक्र किया था।
◆वैधनाथन ने एलेग्जेंडर कुंनिंगहम की रिपोर्ट का जिक्र करते हुए कहा कि एलेग्जेंडर ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि ईसा मसीह की जन्म से पहले राजा विक्रमादित्य ने अयोध्या में भव्य मंदिर का निर्माण किया था।
◆राजा विक्रमादित्य ने तक़रीबन 368 मंदिरों का निर्माण कराया था जिसमें भगवान राम का जन्मस्थान भी है।
◆वैधनाथन ने एलेग्जेंडर कुंनिंगहम की रिपोर्ट का जिक्र करते हुए कहा कि एलेग्जेंडर ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि ईसा मसीह की जन्म से पहले राजा विक्रमादित्य ने अयोध्या में भव्य मंदिर का निर्माण किया था।
◆1869 में पी कार्नेज्ञ ने फैज़ाबाद का दौरा किया था। अपने सर्वे में पी कार्नेज्ञ ने कहा था कि जिस तरह मुस्लिमों की तरह मक्का है, उसी तरह हिंदुओं के लिए अयोध्या "राम जन्मभूमि"।
◆रामलला के वक़ील सी एस वैधनाथन कई प्राचीन किताबों, विदेशी दार्शनिकों और विद्वानों के यात्रा वृत्तांत के जरिये ये बताने की कोशिश कर रहे है कि वहाँ राममंदिर था और जन्मभूमि की महत्वता क्या है।
◆रामलला के वक़ील सी एस वैधनाथन ने कहा साकेत का इतिहास जो 600 बीसी में लिखा गया है, उसमें भी श्रीराम और उनके वंशज का जिक्र है, इसमें साकेत कौशल साम्राज्य का हिस्सा बताया गया है।
◆जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा परिस्थिति से लगता है कि वहाँ हिन्दू, मुस्लिम, बुद्ध और जैन धर्म का प्रभाव रहा है।
जिसपर रामलला विराजमान की तरफ से कहा गया कि इन धर्मो का प्रभाव था लेकिन जन्मभूमि पर हिंदू धर्म का पुनर्जीवन हुआ।
◆रामलला की तरफ से कहा एक बात जो थी जो हमेशा स्थिर रही वो थी राम जन्मभूमि के लिए लोगों की आस्था उनका विश्वास।
◆रामलला की तरफ से कहा गया कि हिन्दू धर्म हमेशा पुनर्जीवित हुआ है कैसे भी बदलाव हुए हो, परिस्थिति कुछ भी हो, लेकिन रामजन्मभूमि को लेकर हिन्दुवों का विश्वास अटूट रहा।
◆जस्टिस बोबड़े ने मुस्लिम पक्ष के वक़ील राजीव धवन से पूछा विवादित स्थल को लेकर शिया और सुन्नी के बीच क्या विवाद है? राजीव धवन ने कहा जो विवाद है उसे सूट पर कोई असर नही पड़ेगा इस बाबत राजीव धवन ने इलाहाबाद हाई कोर्ट के फैसले का उदाहरण दिया।
◆रामलला की तरफ से वैधनाथन ने कहा कि पुरातत्व विभाग के सबूत बताते है कि वहाँ एक मंदिर था जिसे नष्ट किया गया। अगर कोई मस्जिद मंदिर को नष्ट कर के बनती है तो शरीयत कानून के मुताबिके उसे मस्जिद नही माना जाता।
◆गुप्त काल यानी ईसा पूर्व 6 ठी सदी से लेकर जब लेकर उत्तर मध्य युग तक रामलला के वकील ने रामजन्मभूमि की सर्वकालिक महत्ता और महात्म्य बताया।
◆कभी साकेत के नाम से मशहूर नगर ही अब अयोध्या है। यहीं सदियों से लोग राम के प्रति श्रद्धा निवेदित करते रहे हैं। यहां तक कि बौद्ध, जैन और इस्लामिक काल मे भी श्रद्धा के स्रोत का ये स्थान राम जन्मस्थान के रूप में ही लगातार प्रसिद्ध रहा।
◆इस अजस्र लोकश्रद्धा की वजह से ही सनातन हिन्दू धर्म पुनर्जागरण हुआ। इस विवादित स्थान पर हमारे दावे का आधार भी यही है कि ये पूरा स्थान ही देवता है। लिहाज़ा इसका दो तीन हिस्सों में बंटवारा नहीं हो सकता।
◆रामलला की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में एक नक्शा पेश किया गया।1950 में शिव शंकर लाल ने ये नक्शा पेश किया था सूट नंबर 1 में बतौर कमिश्नर।जिसमें विवादित ढांचे का पूरा विवरण है। उसमें 14 पिलर है। जिसमें शंकर देवता तांडव नृत्य, हनुमान जी आदि देवताओं के चित्र है। इसमें 2 पिलर नस्ट किया गया
◆रामलला की तरफ से बहस शुक्रवार को भी जारी रहेगी।