Home
/
Unlabelled
/
रोहिलखंड : जहां बुआ भतीजा की जोड़ी बिगाड़ न दे भाजपा का गणित , आंकड़े कर रहे है चुगली !
रोहिलखंड : जहां बुआ भतीजा की जोड़ी बिगाड़ न दे भाजपा का गणित , आंकड़े कर रहे है चुगली !
![](https://images.hindi.news18.com/ibnkhabar/uploads/480x184/jpg/2019/03/Akhilesh-Maya-1.jpg)
30 मार्च 2019 ।।
80 लोकसभा सीट वाले उत्तर प्रदेश की रोहिलखंड संभाग की नौ सीटों का मुकाबला बहुत ही रोचक हो गया है. इन सीटों पर आगामी 23 अप्रैल को तीसरे चरण में मतदान होंगे. इनमें आओनला, बदायूं, बरेली, खेड़ी, मुरादाबाद, पीलीभींत, रामपुर, संभल और शाहजहांपुर आते हैं. पिछले लोकसभा चुनाव 2014 में भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने इस क्षेत्र में मैदान मार लिया था और सभी नौ कि नौ सीटें बीजेपी ने जीत ली थीं.
लेकिन वर्तमान आंकड़े और आंकड़ों के विश्लेषण यह कहते हैं कि बीजेपी अब भी बरेली और पीलीभीत में मजबूत है. लेकिन समाजवादी पार्टी (SP) के बहुजन समाज पार्टी (BSP) के साथ जाने से अब मायावती-अखिलेश यादव की जोड़ी ने बाकी की सात सीटों पर मुकाबला कड़ा कर दिया है.असल में यहां बदायूं जैसी सीटें भी हैं जो बीते 1996 लोकसभा चुनाव से 2014 लोकसभा से पहले समाजवादी पार्टी जीतती आ रही है. लेकिन 2014 में उन्हें सीट गवानी पड़ी. इसी तरह विधानसभा चुनाव 2017 में भी बीजेपी इस क्षेत्र की 45 विधानसभा सीटों में से 35 सीटें जीतने में कामयाब रही.
लेकिन वर्तमान आंकड़े और आंकड़ों के विश्लेषण यह कहते हैं कि बीजेपी अब भी बरेली और पीलीभीत में मजबूत है. लेकिन समाजवादी पार्टी (SP) के बहुजन समाज पार्टी (BSP) के साथ जाने से अब मायावती-अखिलेश यादव की जोड़ी ने बाकी की सात सीटों पर मुकाबला कड़ा कर दिया है.असल में यहां बदायूं जैसी सीटें भी हैं जो बीते 1996 लोकसभा चुनाव से 2014 लोकसभा से पहले समाजवादी पार्टी जीतती आ रही है. लेकिन 2014 में उन्हें सीट गवानी पड़ी. इसी तरह विधानसभा चुनाव 2017 में भी बीजेपी इस क्षेत्र की 45 विधानसभा सीटों में से 35 सीटें जीतने में कामयाब रही.
बीजेपी इस बार भी साल 2014 के अपने विजय को इस क्षेत्र में दोहराना चाहेगी. लेकिन इन आंकड़ों को नकारा नहीं जा सकता. अगर बीएसपी और एसपी के वोट शेयर को देखेंगे तो मामला टक्कर का ही नजर आएगा.
रोहिलखंड में 2014 के मोदी लहर से पहले साल 2009 के लोकसभा चुनाव में सपा और कांग्रेस ने तीन-तीन सीटें जीती थीं. जबकि बीजेपी ने दो और बीएसपी ने एक सीट जीती थी. 2011 के आंकड़ों के अनुसार रोहिलखंड में करीब 30 से 35 फीसदी मुसलमान वोटर हैं. लेकिन रामपुर और मुरादाबाद में जब अनुसूचित जाति (SC) को मुस्लिम वोट बैंक से जोड़ देंगे तो यह आंकड़ा 40 से 45 फीसदी पहुंच जाता है. बदायूं और संभल में भी मुस्लिम और एसटी वोट को जोड़ दें तो ये निर्णायक भूमिका में आ जाते हैं. आओनला और शाहजहांपुर रिजर्व सीट हैं.
इसी के उलट जब बात बीजेपी की होती है तो बीजेपी रामपुर केवल 1998 में जीतने में सफल हुई थी. इसके बाद पार्टी ने 2014 में ये सीटें फिर से जीतीं. इतना ही नहीं रामपुर और इससे लगे लोकसभा क्षेत्र की 15 विधानसभा सीटों पर 2017 के चुनाव में भी सपा नौ सीटें बचाने में सफल रही थी.
वोट की गणित
2014 में बीजेपी की वाइटवाश को देखें तो पाएंगे कि दूसरी पार्टियों को इसकेसामने उभरने में वक्त लगेगा. लेकिन उससे पहले के चुनाव इस बात की गवाही नहीं देते.
ऊपर से ये दलित और मुस्लिम वोटर के 25 साल बाद साथ आने के फैक्टर को भी नकारा नहीं जा सकता. ऐसे में माना जा रहा है कि रोहिलखंड का परंपरागत वोटर 2014 की तुलना में इस बार बीएसपी और एसपी के साथ आने से खेल बिगाड़ सकते हैं.
(साभार न्यूज18)
रोहिलखंड : जहां बुआ भतीजा की जोड़ी बिगाड़ न दे भाजपा का गणित , आंकड़े कर रहे है चुगली !
Reviewed by बलिया एक्सप्रेस
on
March 30, 2019
Rating: 5
![रोहिलखंड : जहां बुआ भतीजा की जोड़ी बिगाड़ न दे भाजपा का गणित , आंकड़े कर रहे है चुगली !](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEjLZZNZKL1zN0F5HUUDJK_N8MPDvqi1yhkYviZRdcYvnrnIFbaONQhw6jjqzdtKLb6TzrRAXJ7QW8rqr8llog2A-UugkH8H35tMAiDmIp_m9GHBW7JEZ-EtEnIvDP4JjfLZAeakwAYNJpug/s72-c/IMG-20190207-WA0005.jpg)