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प्रियंका की सक्रिय राजनीति में एंट्री ने कांग्रेसियो में फूंकी जान और बढ़ाया जोश




11 फरवरी 2019 ।।

पूर्वी उत्तर प्रदेश की कमान मिलने के बाद प्रियंका गांधी वाड्रा ने लखनऊ में अपना पहला मेगा रोड शो किया. इस रोड शो में कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष और उनके भाई राहुल गांधी भी शामिल हुए. सियासी पारी शुरु करने के बाद प्रियंका गांधी का यह पहला राजनीतिक दौरा है.

न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के अनुसार, कुछ लोगों को 47 वर्षीय प्रियंका में पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की छवि दिखती है. वोटर्स को आकर्षित करने में वह सक्षम हैं. वह अपने भाषण से वोटर्स को प्रभावित करती हैं. कांग्रेस को उम्मीद है कि प्रियंका वोटर्स का मूड बदलने में सक्षम हैं. उनकी एंट्री से यूपी का सियासी पारा बदल सकता है.
प्रियंका के रोड शो में शामिल हुए 45 वर्षीय फुजैल अहमद खान ने कहा, 'प्रियंका की राजनीति में एंट्री इंदिरा गांधी की वापसी जैसा है. यूपी के किसान चाहते हैं कि राहुल गांधी प्रधानमंत्री बनें और प्रियंका राज्य की मुख्यमंत्री.' इंदिरा गांधी भारत की एकमात्र महिला प्रधानमंत्री और 'आयरन लेडी' के रूप में जानी जाती हैं. हालांकि 1975 में इमरजेंसी लगाने को लेकर उनकी काफी आलोचना होती है. वहीं बीजेपी ने प्रियंका की नियुक्ति को कांग्रेस की 'वंशवादी राजनीति' करार दिया है.

आज प्रियंका के मेगा रोड शो से पहले उनके पोस्टरों ने लखनऊ की सड़कों को चमका दिया. जब प्रियंका अपने भाई राहुल गांधी के साथ एयरपोर्ट से निकलीं तो ढोल नगाड़ों के साथ उनके सैकड़ों समर्थक उनकी जय जयकार करते दिखे. एयरपोर्ट से एक बस रुपी रथ पर सवाल होकर उनका काफिला निकला लेकिन रास्ते में एक तार से टकराने के बाद वह एक एसयूवी कार की छत पर सवाल हो गए.

प्रियंका गांधी के साथ भाई राहुल गांधी और कांग्रेस नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया भी थे. इस दौरान राहुल गांधी ने माइक लेकर कहा कि प्रियंका और ज्योतिरादित्य सिंधिया की नियुक्तियों से यूपी का सियासी पारा बदलेगा. आम चुनावों से अलग कांग्रेस प्रदेश की सत्ता में वापसी करेगी.

राहुल ने चीयर करने के मूड में प्रियंका गांधी की तरफ देखते हुए जोर से कहा, 'अगर देश का कोई दिल है, तो यह उत्तर प्रदेश है.' उन्होंने कहा, 'वे निश्चित तौर पर आम चुनाव पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं. लेकिन राज्य की सत्ता में वापसी करना भी उद्देश्य है. हम युवाओं, गरीबों और किसानों की सरकार लाएंगे.'

हालांकि उत्तर प्रदेश में भाई बहन की राह इतनी आसान नहीं है. जहां पर दो क्षेत्रीय पार्टियां सत्तारूढ़ बीजेपी को टक्कर देने की कोशिश कर रही हैं. वहां कांग्रेस केवल एक मामूली खिलाड़ी है. बीजेपी ने पिछले लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश की 80 लोकसभा सीटों में से 73 सीटें जीती थीं. पिछले हफ्ते बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने कहा था कि अगले आम चुनाव में उनकी पार्टी 74 सीटों पर जीत दर्ज करेगी.

प्रियंका इससे पहले भी अपने भाई और मां के लिए चुनाव प्रचार करती रही हैं. उन्होंने इससे पहले पार्टी का आधिकारिक पद नहीं संभाला था. प्रियंका गांधी ने रोड शो से एक दिन पहले एक ऑडियो संदेश भेजकर कहा, 'मुझे उम्मीद है कि हम एक नई तरह की राजनीति शुरु करेंगे.' हालांकि लखनऊ में रोड शो के दौरान उन्होंने भाषण नहीं दिया. कांग्रेस ने 2009 के आम चुनाव में उत्तर प्रदेश से लोकसभा की 21 सीटें निकाली थी. लेकिन 2014 में उन्हें केवल दो सीटों से ही संतोष करना पड़ा.