बलिया : मासूम बच्चे को अपाहिज बनाने की हद तक पहुंचाने वाले फिजियोथेरेपिस्ट की कारिस्तानी की जांच आज, उप जिलाधिकारी सिकन्दरपुर की अगुवाई में डॉक्टरों की टीम करेगी तथ्यों की जांच , टीम में सिकन्दरपुर और बघुडी के प्रभारी गण और एक हड्डी रोग विशेषज्ञ
मासूम बच्चे को अपाहिज बनाने की हद तक पहुंचाने वाले फिजियोथेरेपिस्ट की कारिस्तानी की जांच आज, उप जिलाधिकारी सिकन्दरपुर की अगुवाई में डॉक्टरों की टीम करेगी तथ्यों की जांच , टीम में सिकन्दरपुर और बघुडी के प्रभारी गण और एक हड्डी रोग विशेषज्ञ
मधुसूदन सिंह
बलिया 18 फरवरी 2019 ।। पिछले 29 सितंबर को मासूम बच्चें के हाथ पर 1460 रुपये लेकर प्लास्टर चढ़ाने वाले सिकन्दरपुर के चर्चित फिजियोथेरेपिस्ट , जिससे बच्चा अपाहिज होने की दहलीज पर पहुंच गया , की आज मेडिकल बोर्ड जांच करेगा । इस मेडिकल बोर्ड में सीएचसी सिकन्दरपुर और बघुडी दोनों जगहों के प्रभारी और एक हड्डी रोग विशेषज्ञ नामित है । यह जांच उप जिलाधिकारी सिकन्दरपुर के न्यायालय में 11 बजे होगी । बताते दे कि पीड़ित का बीएचयू में इलाज चल रहा है । पीड़ित के पिता की महीनों भागदौड़ के बाद दिसंबर 2018 में जिलाधिकारी बलिया के आदेश पर एफआईआर दर्ज हुआ था । इसी के क्रम में यह जांच हो रही है । अब देखना यह है कि जांच टीम इस फिजियोथेरेपिस्ट को दोषी मानती है कि नही ?
बलिया एक्सप्रेस द्वारा इस घटना को प्रमुखता से उठाया गया था । बलिया एक्सप्रेस द्वारा इस घटना की जो खबर छापी गयी थी वह यह थी ---
दर दर भटकते पिता के मन मे डीएम बलिया के आदेश पर जगी न्याय की आस
फिजियोथेरिपिस्ट ने बच्चे के हाथ पर प्लास्टर चढ़ाकर बनाया लगभग अपाहिज
डीएम के आदेश पर सिकंदरपुर में फिजियोथेरिपिस्ट के खिलाफ एफआईआर दर्ज
मधुसूदन सिंह
बलिया 10 दिसम्बर 2018 ।। बलिया में डिग्रियां न होते हुए भी झोलाछाप डॉक्टरों की दुकानें जनपद के दूरदराज इलाको में आराम से चल रही है और गांव के भोले भाले लोगो को इलाज के नाम पर ठगने का गोरखधंधा स्वास्थ्य विभाग की निष्क्रियता से खूब फल फूल रहा है । स्वास्थ्य विभाग की निष्क्रियता से जब किसी मरीज की जान अप्रशिक्षित झोलाछाप डॉक्टरों के द्वारा ले ली जाती है और बवाल होता है तो कुछ दिनों के लिये चैतन्य होकर जांच पड़ताल करते है और फिर किसी दूसरी घटना के प्रकाश में आने तक आंखे बंद कर सो जाते है । एक ऐसे ही घटना प्रकाश में आयी है जिसमे झोलाछाप के इलाज से एक 5 साल का बच्चा अपनी बाह खोने की कगार पर पहुंच गया है । इस बच्चे का पिता दुबई से अपनी नौकरी छोड़कर एक तरफ अपने बेटे के हाथ को बचाने के लिये भागदौड़ कर रहा है वही बच्चे को विकलांग बनाने के स्तर तक पहुंचाने वाले झोलाछाप डॉक्टर को कानून के शिकंजे में पकड़वाना चाहता है ताकि भविष्य में यह किसी अन्य को ऐसी हालत में न पहुंचा पाये । पीड़ित पिता का यह भी आरोप है कि मुझे न्याय मिलने में जो देर हो रही है उसमें समाज मे चौथे स्तम्भ कहलाने वाले कुछ तथाकथित लंबरदारों का आरोपी फिजियोथेरिपिस्ट की तरफ से जबरदस्त पैरवी प्रमुख कारण है । पीड़ित पिता जिलाधिकारी बलिया भवानी सिंह खंगारौत को अपने लिये भगवान मानता है जिनके आदेश पर सिकंदरपुर थाने में आरोपी झोलाछाप डॉक्टर के खिलाफ 9 दिसम्बर को दफा 419, 420, 338 के तहत एफआईआर दर्ज हुआ है । अभी यह पीड़ित की छोटी जीत है क्योकि अभी मेडिकल बोर्ड से जांच के बाद ही चिकित्सक पर कार्यवाई होगी । अब देखना है कि सीएमओ बलिया डॉ एसपी राय मेडिकल बोर्ड में बलिया से स्पेशलिस्ट डॉक्टरों की टीम बनाते है कि स्थानीय सिकंदरपुर के चिकित्सकों की । पीड़ित पिता ने सीएमओ बलिया से गुहार लगाई है कि मेडिकल बोर्ड में बलिया से ही डॉक्टरों की टीम भेजेंगे तो न्याय मिल पायेगा । एफआईआर दर्ज करने के बाद पुलिस मामले की छानबीन में जुट गई है ।
घटना के सम्बंध में बताया जाता है कि 29 सितंबर को जमुई गांव निवासी चार वर्षीय सिद्धांत यादव पुत्र दिलिप यादव खेलते समय गिर गया था जिससे उसके हाथ मे चोट लग गई थी। परिजन गांव के ही एक अन्य व्यक्ति को साथ लेकर इलाज के लिए सिकन्दरपुर स्थित दुर्गावती सेवा सदन एवं फिजियोथेरिपी सेंटर पर ले गए जहां डॉक्टर ने एक्स रे के बाद हाथ टूटने की बात बताई। चिकित्सक की सलाह पर दिलीप यादव की पत्नी ने अपने पुत्र का प्लास्टर करा दिया और इसके बदले 1460 रुपये भी लिये । प्लास्टर के बाद बालक का हाथ अंदर से सड़ने लगा। पीड़ित पिता दिलिप के अनुसार 2 दिन बाद जब बच्चे को दर्द में कमी नही हुई और फफोले निकलने लगे तो डॉक्टर से इसके सम्बन्ध में कहा गया तो बोला उंगली चलवाते रहे ठीक हो जाएगा । अगले दिन भी जब आराम नही हुआ तो परिजन बच्चे को लेकर बलिया के हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ जितेंद्र सिंह के पास पहुंचे । डॉ जितेंद्र सिंह ने तुरंत प्लास्टर काटकर देखा तो प्लास्टर वाली पूरी एरिया में फफोले पड़ गये थे । चिकित्सक ने पीड़ित के परिजनों को बताया कि बिना फफोलो के ठीक हुए कुछ भी आपरेशन नही किया जा सकता है और इलाज शुरू कर दिया । तीन दिन बाद भी जब ठीक नही हुआ तो जिला अस्पताल के लिये रेफर कर दिया लेकिन परिजन उसे वाराणसी ट्रामा सेंटर लेकर चले गए जहां चिकित्सकों ने जांच कर हाथ काटने की सलाह दी।परिजन तथाकथित चिकित्सक के विरुद्ध तहरीर देकर मुकदमा दर्ज कराने के लिए चक्कर लगा रहे थे लेकिन स्थानीय पुलिस टालमटोल कर रही थी। इसके बाद पीड़ित एसपी श्रीपर्णां गांगुली से मिले बात नहीं बनी तो डीएम से पूरी बात बताई ।डीएम के आदेश पर रविवार को पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर लिया इस संबंध में थानाध्यक्ष
सिकन्दरपुर राम सिंह ने बताया कि मुकदमा दर्ज हो गया है ।
पीड़ित पिता दिलीप यादव का कहना है कि मैं सऊदी में रहता था सारे काम छोड़ छाड़ कर में अपने पुत्र की इलाज के लिए दर बदर भटक रहा हूं । न्याय भी नहीं मिल पा रहा है अभी तक बच्चे में चार लाख से ऊपर का रकम लग चुका है ।
मधुसूदन सिंह
बलिया 18 फरवरी 2019 ।। पिछले 29 सितंबर को मासूम बच्चें के हाथ पर 1460 रुपये लेकर प्लास्टर चढ़ाने वाले सिकन्दरपुर के चर्चित फिजियोथेरेपिस्ट , जिससे बच्चा अपाहिज होने की दहलीज पर पहुंच गया , की आज मेडिकल बोर्ड जांच करेगा । इस मेडिकल बोर्ड में सीएचसी सिकन्दरपुर और बघुडी दोनों जगहों के प्रभारी और एक हड्डी रोग विशेषज्ञ नामित है । यह जांच उप जिलाधिकारी सिकन्दरपुर के न्यायालय में 11 बजे होगी । बताते दे कि पीड़ित का बीएचयू में इलाज चल रहा है । पीड़ित के पिता की महीनों भागदौड़ के बाद दिसंबर 2018 में जिलाधिकारी बलिया के आदेश पर एफआईआर दर्ज हुआ था । इसी के क्रम में यह जांच हो रही है । अब देखना यह है कि जांच टीम इस फिजियोथेरेपिस्ट को दोषी मानती है कि नही ?
बलिया एक्सप्रेस द्वारा इस घटना को प्रमुखता से उठाया गया था । बलिया एक्सप्रेस द्वारा इस घटना की जो खबर छापी गयी थी वह यह थी ---
सिकंदरपुर बलिया में फिजियोथेरिपिस्ट की कारिस्तानी , बच्चे के हाथ पर ऐसा चढ़ाया प्लास्टर की बच्चा अब अपाहिज होने की कगार पर , डीएम के आदेश पर एफआईआर दर्ज
फिजियोथेरिपिस्ट ने बच्चे के हाथ पर प्लास्टर चढ़ाकर बनाया लगभग अपाहिज
डीएम के आदेश पर सिकंदरपुर में फिजियोथेरिपिस्ट के खिलाफ एफआईआर दर्ज
मधुसूदन सिंह
बलिया 10 दिसम्बर 2018 ।। बलिया में डिग्रियां न होते हुए भी झोलाछाप डॉक्टरों की दुकानें जनपद के दूरदराज इलाको में आराम से चल रही है और गांव के भोले भाले लोगो को इलाज के नाम पर ठगने का गोरखधंधा स्वास्थ्य विभाग की निष्क्रियता से खूब फल फूल रहा है । स्वास्थ्य विभाग की निष्क्रियता से जब किसी मरीज की जान अप्रशिक्षित झोलाछाप डॉक्टरों के द्वारा ले ली जाती है और बवाल होता है तो कुछ दिनों के लिये चैतन्य होकर जांच पड़ताल करते है और फिर किसी दूसरी घटना के प्रकाश में आने तक आंखे बंद कर सो जाते है । एक ऐसे ही घटना प्रकाश में आयी है जिसमे झोलाछाप के इलाज से एक 5 साल का बच्चा अपनी बाह खोने की कगार पर पहुंच गया है । इस बच्चे का पिता दुबई से अपनी नौकरी छोड़कर एक तरफ अपने बेटे के हाथ को बचाने के लिये भागदौड़ कर रहा है वही बच्चे को विकलांग बनाने के स्तर तक पहुंचाने वाले झोलाछाप डॉक्टर को कानून के शिकंजे में पकड़वाना चाहता है ताकि भविष्य में यह किसी अन्य को ऐसी हालत में न पहुंचा पाये । पीड़ित पिता का यह भी आरोप है कि मुझे न्याय मिलने में जो देर हो रही है उसमें समाज मे चौथे स्तम्भ कहलाने वाले कुछ तथाकथित लंबरदारों का आरोपी फिजियोथेरिपिस्ट की तरफ से जबरदस्त पैरवी प्रमुख कारण है । पीड़ित पिता जिलाधिकारी बलिया भवानी सिंह खंगारौत को अपने लिये भगवान मानता है जिनके आदेश पर सिकंदरपुर थाने में आरोपी झोलाछाप डॉक्टर के खिलाफ 9 दिसम्बर को दफा 419, 420, 338 के तहत एफआईआर दर्ज हुआ है । अभी यह पीड़ित की छोटी जीत है क्योकि अभी मेडिकल बोर्ड से जांच के बाद ही चिकित्सक पर कार्यवाई होगी । अब देखना है कि सीएमओ बलिया डॉ एसपी राय मेडिकल बोर्ड में बलिया से स्पेशलिस्ट डॉक्टरों की टीम बनाते है कि स्थानीय सिकंदरपुर के चिकित्सकों की । पीड़ित पिता ने सीएमओ बलिया से गुहार लगाई है कि मेडिकल बोर्ड में बलिया से ही डॉक्टरों की टीम भेजेंगे तो न्याय मिल पायेगा । एफआईआर दर्ज करने के बाद पुलिस मामले की छानबीन में जुट गई है ।
घटना के सम्बंध में बताया जाता है कि 29 सितंबर को जमुई गांव निवासी चार वर्षीय सिद्धांत यादव पुत्र दिलिप यादव खेलते समय गिर गया था जिससे उसके हाथ मे चोट लग गई थी। परिजन गांव के ही एक अन्य व्यक्ति को साथ लेकर इलाज के लिए सिकन्दरपुर स्थित दुर्गावती सेवा सदन एवं फिजियोथेरिपी सेंटर पर ले गए जहां डॉक्टर ने एक्स रे के बाद हाथ टूटने की बात बताई। चिकित्सक की सलाह पर दिलीप यादव की पत्नी ने अपने पुत्र का प्लास्टर करा दिया और इसके बदले 1460 रुपये भी लिये । प्लास्टर के बाद बालक का हाथ अंदर से सड़ने लगा। पीड़ित पिता दिलिप के अनुसार 2 दिन बाद जब बच्चे को दर्द में कमी नही हुई और फफोले निकलने लगे तो डॉक्टर से इसके सम्बन्ध में कहा गया तो बोला उंगली चलवाते रहे ठीक हो जाएगा । अगले दिन भी जब आराम नही हुआ तो परिजन बच्चे को लेकर बलिया के हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ जितेंद्र सिंह के पास पहुंचे । डॉ जितेंद्र सिंह ने तुरंत प्लास्टर काटकर देखा तो प्लास्टर वाली पूरी एरिया में फफोले पड़ गये थे । चिकित्सक ने पीड़ित के परिजनों को बताया कि बिना फफोलो के ठीक हुए कुछ भी आपरेशन नही किया जा सकता है और इलाज शुरू कर दिया । तीन दिन बाद भी जब ठीक नही हुआ तो जिला अस्पताल के लिये रेफर कर दिया लेकिन परिजन उसे वाराणसी ट्रामा सेंटर लेकर चले गए जहां चिकित्सकों ने जांच कर हाथ काटने की सलाह दी।परिजन तथाकथित चिकित्सक के विरुद्ध तहरीर देकर मुकदमा दर्ज कराने के लिए चक्कर लगा रहे थे लेकिन स्थानीय पुलिस टालमटोल कर रही थी। इसके बाद पीड़ित एसपी श्रीपर्णां गांगुली से मिले बात नहीं बनी तो डीएम से पूरी बात बताई ।डीएम के आदेश पर रविवार को पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर लिया इस संबंध में थानाध्यक्ष
सिकन्दरपुर राम सिंह ने बताया कि मुकदमा दर्ज हो गया है ।
पीड़ित पिता दिलीप यादव का कहना है कि मैं सऊदी में रहता था सारे काम छोड़ छाड़ कर में अपने पुत्र की इलाज के लिए दर बदर भटक रहा हूं । न्याय भी नहीं मिल पा रहा है अभी तक बच्चे में चार लाख से ऊपर का रकम लग चुका है ।