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नितिन गडकरी का नेताओ पर तंज : सपने वही दिखाओ जो पूरा कर सको , नही तो जनता पिटेगी , उठा सवाल आखिर निशाने पर कौन ?
नितिन गडकरी का नेताओ पर तंज : सपने वही दिखाओ जो पूरा कर सको , नही तो जनता पिटेगी , उठा सवाल आखिर निशाने पर कौन ?

28 जनवरी 2019 ।।
रविवार को केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने राजनेताओं को चेताया है कि वे लोगों को वही सपने दिखाएं जो आप पूरा कर सकें. उन्होंने कहा कि जनता को सपने दिखाने वाले पसंद हैं मगर सपने पूरे नहीं हुए तो लोग पिटाई करते हैं. इसलिए वहीं सपने दिखाए जिन्हें आप पूरा कर सकें. श्री गडकरी ने कहा, 'मैं सपने दिखाने वाला मंत्री नहीं, मैं जो कहता हूं वह करता हूं.'
भाजपा के पूर्व अध्यक्ष गडकरी ने महाराष्ट्र में लोक निर्माण विभाग मंत्री रहने के दौरान अपने कार्यकाल की उपलब्धियां भी गिनाईं, जब राज्य में 1995 से 99 तक शिवसेना-भाजपा की सरकार थी.
नागपुर के 61 वर्षीय सांसद ने कहा, ‘मुंबई में मीडिया वाले जानते हैं कि मैं किस तरह का व्यक्ति हूं. उन्होंने देखा है कि मैं कैसे परियोजनाओं को पूरा करता हूं. वे मुझ पर भरोसा करते हैं.’
इसी समारोह में अभिनेत्री ईशा कोप्पिकर भाजपा में शामिल हुईं. उन्हें पार्टी की महिला परिवहन शाखा का कार्यकारी अध्यक्ष बनाया गया है.
हाल के दिनों में श्री गडकरी के बयानों ने काफी सुर्खियां बटोरी हैं. पिछले साल उन्होंने कहा था कि बीजेपी के कुछ नेताओं को कम बोलना चाहिए. उन्होंने कहा था कि राजनेताओं को बोलते समय काफी ध्यान रखना चाहिए. उनके इस बयान के चलते बीजेपी को काफी शर्मिंदगी झेलनी पड़ी थी. पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की तारीफ भी कई भाजपा नेताओं को पसंद नहीं आई थी.
हाल के दिनों में श्री गडकरी के बयानों ने काफी सुर्खियां बटोरी हैं. पिछले साल उन्होंने कहा था कि बीजेपी के कुछ नेताओं को कम बोलना चाहिए. उन्होंने कहा था कि राजनेताओं को बोलते समय काफी ध्यान रखना चाहिए. उनके इस बयान के चलते बीजेपी को काफी शर्मिंदगी झेलनी पड़ी थी. पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की तारीफ भी कई भाजपा नेताओं को पसंद नहीं आई थी.
श्री गडकरी का यह बयान उसी कड़ी का एक हिस्सा है जिसमें उन्होंने पहले कहा था कि 2014 के आम चुनावों में बीजेपी ने सत्ता में आने के लिए कई वादे कर दिए थे. हालांकि अभी उन वादों की याद दिलाए जाने पर हम लोग हंसते हुए आगे बढ़ जाते हैं. उनके इस बयान पर कई नेताओं ने कड़ी प्रतिक्रिया दी थी.
दिसंबर 2018 में पांच राज्यों के नतीजों के बाद गडकरी ने कहा था कि पार्टी नेतृत्व को हार की जिम्मेदारी लेनी चाहिए थी. गडकरी ने कहा था, 'सफलता के कई पिता होते हैं, लेकिन असफलता अनाथ होती है. जहां सफलता है वहां श्रेय लेने वालों की होड़ लगी होती है, लेकिन हार में हर कोई एक दूसरे पर उंगली उठाने लगता है.' इस पर भी विवाद हुआ था.
केंद्रीय मंत्री ने अपनी सफाई में कहा था कि 'अगर मैं पार्टी का अध्यक्ष हूं और मेरे सांसद-विधायक अच्छा काम नहीं कर रहे हैं तो इसका जिम्मेदार कौन होगा? मैं.
नितिन गडकरी का नेताओ पर तंज : सपने वही दिखाओ जो पूरा कर सको , नही तो जनता पिटेगी , उठा सवाल आखिर निशाने पर कौन ?
Reviewed by बलिया एक्सप्रेस
on
January 28, 2019
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