हरिद्वार गायत्री मंदिर की छोटी प्रतिमूर्ति के रूप विकसित हुआ बलिया का महावीर घाट का गायत्री मंदिर, सात जनवरी को आदि शक्ति युग शक्ति मां गायत्री की मूर्ति प्राण प्रतिष्ठा के साथ ही बलिया के साथ जुड़ जाएगा एक स्वर्णिम इतिहास
हरिद्वार गायत्री मंदिर की छोटी प्रतिमूर्ति के रूप विकसित हुआ बलिया का महावीर घाट का गायत्री मंदिर
सात जनवरी को आदि शक्ति युग शक्ति मां गायत्री की मूर्ति प्राण प्रतिष्ठा के साथ ही बलिया के साथ जुड़ जाएगा एक स्वर्णिम इतिहास
गायत्री परिवार के प्रमुख /देव संस्कृति विश्वविद्यालय के कुलाधिपति डॉ प्रणव पांड्या के हाथों होगी मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा
4 जनवरी से 7 जनवरी 2019 तक आयोजित है 108 कुंडीय श्रद्धा संवर्धन गायत्री महायज्ञ
कई अति विशिष्ट कार्यो और साज सज्जा से युक्त है यह दिव्य मंदिर संकुल
मधुसूदन सिंह की रिपोर्ट
बलिया 1 जनवरी 2019 ।। बलिया शहर से दक्षिण गंगा जी को जाने वाले रास्ते पर कुछ ही दूर आगे जाने पर मन को शांति और सुकून देने वाली जगह , सामने दिख रहे मनोहारी मंदिर और उसमें चल रही तैयारियों को देखकर अनायास ही कदम परिसर की तरफ बढ़ गये । अंदर जाने पर सर्वदा से (जब सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया में कार्य करते थे तब से ) विनम्र शालीनता की प्रतिमूर्ति बलिया गायत्री परिवार के मुखिया जिनकी अटूट लगन श्रद्धा और समर्पण के चलते यह दिव्य मंदिर संकुल बनकर तैयार हुआ है परम् श्रद्धेय विजेन्द्र नाथ चौबे जी मिले । श्री चौबे जी अपनी विनम्रता के साथ स्वागत किये । जब उनसे पूंछा गया कि यह कैसी तैयारी चल रही है तो उन्होंने कहा कि इस मंदिर संकुल में एक दिव्य मां गायत्री की प्रतिमा स्थापित की है जिसकी प्राण प्रतिष्ठा आगामी 7 जनवरी 2019 को होने जा रही है , उसी के लिये यह तैयारियां चल रही है । बताया कि जब सजावटी तैयारियां पूर्ण हो जाएंगी तो यह पूरा परिसर आपको हरिद्वार के गायत्री मंदिर के रूप में दिखेगा । कहा कि यह हम बलिया वासियो का सौभाग्य है कि हरिद्वार मंदिर की प्रतिमूर्ति केवल बलिया में ही बनी है । कहा कि आदि शक्ति युग शक्ति मां गायत्री की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा के लिये इस पूरे मंदिर संकुल को सकारात्मक ऊर्जा से भरने के लिये सैकड़ो मां गायत्री के सड़क माताएं बहने और भाई एक सप्ताह पूर्व से ही साधना में लगे हुए है और मां गायत्री का गायत्री मंत्र से जाप कर के आह्वान कर रहे है । हमारा परम सौभाग्य है कि गायत्री परिवार के मुखिया और देव संस्कृति विश्वविद्यालय के कुलाधिपति डॉ प्रणव पांड्या जी के कर कमलों द्वारा मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी । बलिया का गायत्री परिवार अपने मुख्य अभिभावक की उपस्थिति को अविस्मरणीय और ऐतिहासिक बनाने के लिये एड़ी चोटी का जोर लगाये हुए । इसके लिये 21 विभागों का सृजन करके अलग अलग व्यक्तियों को विभागों से सम्बंधित जिम्मेदारियां दे दी गयी है ।
दिनांक 4 जनवरी से 7 जनवरी 2019 तक 108 कुंडीय श्रद्धा संवर्धन गायत्री महायज्ञ
मां गायत्री की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा से पूर्व 4 जनवरी से वैदिक क्रिया कर्मो में जन मानस की श्रद्धा बढ़े इसके लिये 108 कुंडीय श्रद्धा संवर्धन गायत्री महायज्ञ का आयोजन किया गया है जिसमे एक साथ हजारों साधक भाग लेंगे ।
एक साथ हजारों साधको के ठहरने के लिये आवास
गायत्री मंदिर के इस नये बदलाव में एक साथ हजारों साधको को रहने में कोई दिक्कत न हो , इसके लिये सामूहिक और व्यक्तिगत दोनो तरह के आवास की सुविधा उपलब्ध करायी गयी है । यह अपने आप मे एक बड़ी उपलब्धि है ।
वीवीआइपी साधना कक्ष भी निर्मित
इस मंदिर संकुल में यह विशेष तौर पर ध्यान रखा गया है कि किसी बड़े अधिकारी या मंत्री आदि के द्वारा मंदिर में ध्यान जप तप की इच्छा व्यक्त करने , या करने के लिये नियमित आने पर उनकी सुरक्षा संबंधी दिक्कतों के चलते अन्य साधको को कोई परेशानी न हो , उनके लिये अलग से वीवीआइपी साधक साधना कक्ष का निर्माण कराया गया है ।
संत महात्माओं के लिये भी अलग साधना कक्ष और रहने की व्यवस्था
मंदिर में आने वाले अति विशिष्ट संत महात्माओं के लिये भी अलग से रहने , भोजन बनाने से लेकर अन्य आवश्यक सुविधाएं प्रदान की गई है । इन महात्माओं को साधना में कोई दिक्कत न हो इसके लिये इन्हें अलग साधना कक्ष की सुविधा प्रदान की गई है ।
सर्वधर्म सद्भाव की प्रतीक मशाल परिसर की बीचों बीच
इस देश का विकास और धार्मिक सहिष्णुता को दर्शाने वाला गायत्री परिवार का "लोगो" "मशाल" मंदिर परिसर के बीचोबीच में बनाया गया है जो आकर्षण का केंद्र बनता जा रहा है । मशाल को उठाये हाथों के नीचे दुनियां में जितने भी धर्म है चाहे हिन्दू हो , मुस्लिम हो , ईसाई हो , बौद्ध हो , सिख हो , जैन हो आदि सबके मानने वाले व्यक्तियों की उनकी पारम्परिक वेशभूषा में छोटी छोटी मूर्तियां लगी हुई है जो गायत्री परिवार की वसुधैव कुटुम्बकम की अवधारणा को प्रमाणित करती है ।
नवग्रह शांति करने वाले पौधों की बगिया
इस मंदिर परिसर में जो भी आ जाये उसको नव ग्रहों की पीड़ा न सताये बल्कि उनको सभी ग्रहों की कृपा प्राप्त हो , इसके लिये गायत्री परिवार की बलिया शाखा ने एक नवग्रह बगिया भी लगायी है । इस बगिया में नवग्रह के दोष को दूर कर कृपा दिलाने वाले पौधों को लगाया गया है । बताया जाता है कि इन पौधों को देखने मात्र से मनुष्य के नवग्रह सम्बन्धी दोष दूर हो जाते है और वह व्यक्ति सफलता की सीढ़ियां चढ़ता जाता है ।
एक्यूप्रेसर पाथवे का भी हुआ है निर्माण
आध्यात्मिक शांति के लिये शारीरिक स्वस्थता बहुत जरूरी है । इसको ध्यान में रखते हुए इस मंदिर संकुल में एक्यूप्रेशर पाथवे का भी निर्माण किया गया है । इस पाथवे में एक्यूप्रेशर के कम, माध्यम व तीव्र तीनो तरह के एक्यूप्रेशर वाले संसाधन लगाये गए है । जिस साधक को जिस पर चलना हो , वह अपनी मर्जी से चल सकता है और अपनी बीमारियों से छुटकारा पाकर स्वस्थचित्त से मां गायत्री की आराधना कर सकता है ।
साहित्यिक सामग्रियों के लिये अलग व्यवस्था
गायत्री परिवार द्वारा प्रकाशित साहित्यिक पुस्तको की भी एक बड़ी रेंज यहां उपलब्ध है । इसके लिये अलग से काउंटर बनाया गया है जहां से साधक या अन्य कोई भी इन किताबो को खरीद सकता है ।
स्व आत्मसाक्षात्कार साधना केंद्र भी
हम सब अपनी भागदौड़ की जिंदगी में अपने लक्ष्य के प्रति तो समर्पित रहते है लेकिन स्वयं के प्रति जानने या आत्मसाक्षात्कार करने की जरूरत ही नही समझते है । जबकि सबसे पहले हम लोगो को आत्मसाक्षत्कार ही करना चाहिये । बलिया के इस गायत्री मंदिर में साधको एवं अन्य लोगो के लिये आत्मसाक्षत्कार केंद्र बनाया गया है जो आकर्षण का केंद्र है ।
हरिद्वार की झलक दिखाता झरना
इस मंदिर को पूरी तरह से हरिद्वार की तरह दिखाने के लिये व्यस्थापको ने कोई भी कोर कसर नही छोड़ी है । परिसर के पूर्वी दीवार पर गंगा जी के पहाड़ पर से हरिद्वार आने के दृश्य को झरने के माध्यम से दिखाया गया है । इसके साथ ही साउंड सिस्टम के साथ लाइट इफेक्ट इसको और भी आकर्षण का केंद्र बना रहा है ।
ये है विभिन्न विभागों के प्रमुख
शैलेन्द्र पांडेय --भोजनालय प्रमुख
रविन्द्र नाथ पांडेय - भोजनालय उप प्रमुख
अनिल द्विवेदी --सुरक्षा व्यवस्था प्रमुख
विवेक सिंह -- आवासीय प्रमुख
सुरेंद्र नाथ दुबे -- साहित्यिक प्रमुख
डॉ विजयानन्द पांडेय - मीडिया प्रमुख
संतोष तिवारी। --प्रदर्शिनी प्रमुख
पप्पू गुप्त -- बिजली और साउंड व्यवस्था प्रमुख
केदार चौधरी - शोभायात्रा प्रमुख
सुशील कुमार --जल व्यवस्था प्रमुख
राजकुमार पांडेय --पंडाल व्यवस्था प्रमुख
राम चन्द्र - लेखा विभाग प्रमुख
अमन गुप्त - साफ सफाई विभाग प्रमुख
पूनम पांडेय - चिकित्सा प्रकोष्ठ प्रमुख
केशव प्रसाद यादव --यातायात प्रमुख
पूजा पांडेय - यज्ञ प्रमुख
आनन्द तिवारी --स्वागत व्यवस्था प्रमुख
संजय राय -स्वागत व्यवस्था उप प्रमुख
भरत जी - आकस्मिक व अलाव प्रमुख
प्रमिल दुबे - कार्यालय प्रमुख
संजय जी - बागवानी प्रमुख
लाल मोहन सिंह यादव --केंद्रीय संचालन समिति उप प्रमुख
अनुज सरावगी -तैयारी समिति प्रमुख
सात जनवरी को आदि शक्ति युग शक्ति मां गायत्री की मूर्ति प्राण प्रतिष्ठा के साथ ही बलिया के साथ जुड़ जाएगा एक स्वर्णिम इतिहास
गायत्री परिवार के प्रमुख /देव संस्कृति विश्वविद्यालय के कुलाधिपति डॉ प्रणव पांड्या के हाथों होगी मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा
4 जनवरी से 7 जनवरी 2019 तक आयोजित है 108 कुंडीय श्रद्धा संवर्धन गायत्री महायज्ञ
कई अति विशिष्ट कार्यो और साज सज्जा से युक्त है यह दिव्य मंदिर संकुल
मधुसूदन सिंह की रिपोर्ट
बलिया 1 जनवरी 2019 ।। बलिया शहर से दक्षिण गंगा जी को जाने वाले रास्ते पर कुछ ही दूर आगे जाने पर मन को शांति और सुकून देने वाली जगह , सामने दिख रहे मनोहारी मंदिर और उसमें चल रही तैयारियों को देखकर अनायास ही कदम परिसर की तरफ बढ़ गये । अंदर जाने पर सर्वदा से (जब सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया में कार्य करते थे तब से ) विनम्र शालीनता की प्रतिमूर्ति बलिया गायत्री परिवार के मुखिया जिनकी अटूट लगन श्रद्धा और समर्पण के चलते यह दिव्य मंदिर संकुल बनकर तैयार हुआ है परम् श्रद्धेय विजेन्द्र नाथ चौबे जी मिले । श्री चौबे जी अपनी विनम्रता के साथ स्वागत किये । जब उनसे पूंछा गया कि यह कैसी तैयारी चल रही है तो उन्होंने कहा कि इस मंदिर संकुल में एक दिव्य मां गायत्री की प्रतिमा स्थापित की है जिसकी प्राण प्रतिष्ठा आगामी 7 जनवरी 2019 को होने जा रही है , उसी के लिये यह तैयारियां चल रही है । बताया कि जब सजावटी तैयारियां पूर्ण हो जाएंगी तो यह पूरा परिसर आपको हरिद्वार के गायत्री मंदिर के रूप में दिखेगा । कहा कि यह हम बलिया वासियो का सौभाग्य है कि हरिद्वार मंदिर की प्रतिमूर्ति केवल बलिया में ही बनी है । कहा कि आदि शक्ति युग शक्ति मां गायत्री की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा के लिये इस पूरे मंदिर संकुल को सकारात्मक ऊर्जा से भरने के लिये सैकड़ो मां गायत्री के सड़क माताएं बहने और भाई एक सप्ताह पूर्व से ही साधना में लगे हुए है और मां गायत्री का गायत्री मंत्र से जाप कर के आह्वान कर रहे है । हमारा परम सौभाग्य है कि गायत्री परिवार के मुखिया और देव संस्कृति विश्वविद्यालय के कुलाधिपति डॉ प्रणव पांड्या जी के कर कमलों द्वारा मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी । बलिया का गायत्री परिवार अपने मुख्य अभिभावक की उपस्थिति को अविस्मरणीय और ऐतिहासिक बनाने के लिये एड़ी चोटी का जोर लगाये हुए । इसके लिये 21 विभागों का सृजन करके अलग अलग व्यक्तियों को विभागों से सम्बंधित जिम्मेदारियां दे दी गयी है ।
दिनांक 4 जनवरी से 7 जनवरी 2019 तक 108 कुंडीय श्रद्धा संवर्धन गायत्री महायज्ञ
मां गायत्री की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा से पूर्व 4 जनवरी से वैदिक क्रिया कर्मो में जन मानस की श्रद्धा बढ़े इसके लिये 108 कुंडीय श्रद्धा संवर्धन गायत्री महायज्ञ का आयोजन किया गया है जिसमे एक साथ हजारों साधक भाग लेंगे ।
एक साथ हजारों साधको के ठहरने के लिये आवास
गायत्री मंदिर के इस नये बदलाव में एक साथ हजारों साधको को रहने में कोई दिक्कत न हो , इसके लिये सामूहिक और व्यक्तिगत दोनो तरह के आवास की सुविधा उपलब्ध करायी गयी है । यह अपने आप मे एक बड़ी उपलब्धि है ।
वीवीआइपी साधना कक्ष भी निर्मित
इस मंदिर संकुल में यह विशेष तौर पर ध्यान रखा गया है कि किसी बड़े अधिकारी या मंत्री आदि के द्वारा मंदिर में ध्यान जप तप की इच्छा व्यक्त करने , या करने के लिये नियमित आने पर उनकी सुरक्षा संबंधी दिक्कतों के चलते अन्य साधको को कोई परेशानी न हो , उनके लिये अलग से वीवीआइपी साधक साधना कक्ष का निर्माण कराया गया है ।
संत महात्माओं के लिये भी अलग साधना कक्ष और रहने की व्यवस्था
मंदिर में आने वाले अति विशिष्ट संत महात्माओं के लिये भी अलग से रहने , भोजन बनाने से लेकर अन्य आवश्यक सुविधाएं प्रदान की गई है । इन महात्माओं को साधना में कोई दिक्कत न हो इसके लिये इन्हें अलग साधना कक्ष की सुविधा प्रदान की गई है ।
सर्वधर्म सद्भाव की प्रतीक मशाल परिसर की बीचों बीच
इस देश का विकास और धार्मिक सहिष्णुता को दर्शाने वाला गायत्री परिवार का "लोगो" "मशाल" मंदिर परिसर के बीचोबीच में बनाया गया है जो आकर्षण का केंद्र बनता जा रहा है । मशाल को उठाये हाथों के नीचे दुनियां में जितने भी धर्म है चाहे हिन्दू हो , मुस्लिम हो , ईसाई हो , बौद्ध हो , सिख हो , जैन हो आदि सबके मानने वाले व्यक्तियों की उनकी पारम्परिक वेशभूषा में छोटी छोटी मूर्तियां लगी हुई है जो गायत्री परिवार की वसुधैव कुटुम्बकम की अवधारणा को प्रमाणित करती है ।
नवग्रह शांति करने वाले पौधों की बगिया
इस मंदिर परिसर में जो भी आ जाये उसको नव ग्रहों की पीड़ा न सताये बल्कि उनको सभी ग्रहों की कृपा प्राप्त हो , इसके लिये गायत्री परिवार की बलिया शाखा ने एक नवग्रह बगिया भी लगायी है । इस बगिया में नवग्रह के दोष को दूर कर कृपा दिलाने वाले पौधों को लगाया गया है । बताया जाता है कि इन पौधों को देखने मात्र से मनुष्य के नवग्रह सम्बन्धी दोष दूर हो जाते है और वह व्यक्ति सफलता की सीढ़ियां चढ़ता जाता है ।
एक्यूप्रेसर पाथवे का भी हुआ है निर्माण
आध्यात्मिक शांति के लिये शारीरिक स्वस्थता बहुत जरूरी है । इसको ध्यान में रखते हुए इस मंदिर संकुल में एक्यूप्रेशर पाथवे का भी निर्माण किया गया है । इस पाथवे में एक्यूप्रेशर के कम, माध्यम व तीव्र तीनो तरह के एक्यूप्रेशर वाले संसाधन लगाये गए है । जिस साधक को जिस पर चलना हो , वह अपनी मर्जी से चल सकता है और अपनी बीमारियों से छुटकारा पाकर स्वस्थचित्त से मां गायत्री की आराधना कर सकता है ।
साहित्यिक सामग्रियों के लिये अलग व्यवस्था
गायत्री परिवार द्वारा प्रकाशित साहित्यिक पुस्तको की भी एक बड़ी रेंज यहां उपलब्ध है । इसके लिये अलग से काउंटर बनाया गया है जहां से साधक या अन्य कोई भी इन किताबो को खरीद सकता है ।
स्व आत्मसाक्षात्कार साधना केंद्र भी
हम सब अपनी भागदौड़ की जिंदगी में अपने लक्ष्य के प्रति तो समर्पित रहते है लेकिन स्वयं के प्रति जानने या आत्मसाक्षात्कार करने की जरूरत ही नही समझते है । जबकि सबसे पहले हम लोगो को आत्मसाक्षत्कार ही करना चाहिये । बलिया के इस गायत्री मंदिर में साधको एवं अन्य लोगो के लिये आत्मसाक्षत्कार केंद्र बनाया गया है जो आकर्षण का केंद्र है ।
हरिद्वार की झलक दिखाता झरना
इस मंदिर को पूरी तरह से हरिद्वार की तरह दिखाने के लिये व्यस्थापको ने कोई भी कोर कसर नही छोड़ी है । परिसर के पूर्वी दीवार पर गंगा जी के पहाड़ पर से हरिद्वार आने के दृश्य को झरने के माध्यम से दिखाया गया है । इसके साथ ही साउंड सिस्टम के साथ लाइट इफेक्ट इसको और भी आकर्षण का केंद्र बना रहा है ।
ये है विभिन्न विभागों के प्रमुख
शैलेन्द्र पांडेय --भोजनालय प्रमुख
रविन्द्र नाथ पांडेय - भोजनालय उप प्रमुख
अनिल द्विवेदी --सुरक्षा व्यवस्था प्रमुख
विवेक सिंह -- आवासीय प्रमुख
सुरेंद्र नाथ दुबे -- साहित्यिक प्रमुख
डॉ विजयानन्द पांडेय - मीडिया प्रमुख
संतोष तिवारी। --प्रदर्शिनी प्रमुख
पप्पू गुप्त -- बिजली और साउंड व्यवस्था प्रमुख
केदार चौधरी - शोभायात्रा प्रमुख
सुशील कुमार --जल व्यवस्था प्रमुख
राजकुमार पांडेय --पंडाल व्यवस्था प्रमुख
राम चन्द्र - लेखा विभाग प्रमुख
अमन गुप्त - साफ सफाई विभाग प्रमुख
पूनम पांडेय - चिकित्सा प्रकोष्ठ प्रमुख
केशव प्रसाद यादव --यातायात प्रमुख
पूजा पांडेय - यज्ञ प्रमुख
आनन्द तिवारी --स्वागत व्यवस्था प्रमुख
संजय राय -स्वागत व्यवस्था उप प्रमुख
भरत जी - आकस्मिक व अलाव प्रमुख
प्रमिल दुबे - कार्यालय प्रमुख
संजय जी - बागवानी प्रमुख
लाल मोहन सिंह यादव --केंद्रीय संचालन समिति उप प्रमुख
अनुज सरावगी -तैयारी समिति प्रमुख