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तीन तलाक बिल लोकसभा में पारित, कानून मंत्री बोले- इसे सियासी चश्मे से न देखें सांसद
तीन तलाक बिल लोकसभा में पारित, कानून मंत्री बोले- इसे सियासी चश्मे से न देखें सांसद
तीन तलाक बिल लोकसभा में पारित, कानून मंत्री बोले- इसे सियासी चश्मे से न देखें सांसद

27 दिसम्बर 2018 ।।
इंस्टेंट ट्रिपल तलाक(तलाक-ए-बिद्दत) की प्रथा पर रोक लगाने के मकसद से लाए गया तीन तलाक बिल(2018) बिल पर गुरुवार को लोकसभा में पारित हो गया. इस बिल को लेकर सदन में लंबी बहस हुई. बिल में जरूरी संशोधन को लेकर कांग्रेस और AIADMK समेत कई दलों ने सदन से वॉक आउट कर दिया. हालांकि, इसके बाद भी बिल पर वोटिंग कराई गई. बिल के पक्ष में 245 और विपक्ष में 11 वोट पड़े. अब इसे राज्यसभा में मंजूरी के लिए पेश किया जाएगा. लेकिन, वहां इस बिल को पास करना मोदी सरकार के लिए बड़ी चुनौती होगी, क्योंकि उच्च सदन में सरकार को बहुमत नहीं है.
लोकसभा में तीन तलाक बिल को लेकर दिनभर बहस हुई. केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि इसे राजनीतिक चश्मे से नहीं देखा जाना चाहिए, क्योंकि इसका मकसद मुस्लिम महिलाओं को सशक्त बनाना है. उधर विपक्षी इस बात पर अड़े रहे कि इसे संयुक्त प्रवर समिति के पास भेजा जाना चाहिए. लेकिन, कांग्रेस की मांग को खारिज करते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि तीन तलाक के मामलों को जरूर रोका जाना चाहिए और इसके लिए एक कानून की जरूरत है.
इस बिल पर वोटिंग पूरी होने के बाद लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन ने सदन की कार्यवाही शुक्रवार सुबह 11 बजे तक स्थगित कर दी है.लोकसभा में तीन तलाक बिल को लेकर दिनभर बहस हुई. केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि इसे राजनीतिक चश्मे से नहीं देखा जाना चाहिए, क्योंकि इसका मकसद मुस्लिम महिलाओं को सशक्त बनाना है. उधर विपक्षी इस बात पर अड़े रहे कि इसे संयुक्त प्रवर समिति के पास भेजा जाना चाहिए. लेकिन, कांग्रेस की मांग को खारिज करते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि तीन तलाक के मामलों को जरूर रोका जाना चाहिए और इसके लिए एक कानून की जरूरत है.
तीन तलाक बिल लोकसभा में पारित,कांग्रेस-AIADMK समेत कई दलों का वॉकआउट
विधेयक को पारित कराने के पक्ष में केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा, 'तीन तलाक बिल किसी समुदाय, धर्म, आस्था के खिलाफ नहीं है, बल्कि यह महिलाओं के लिए इंसाफ तय करेगा.' उन्होंने कहा, 'जनवरी 2018 से 10 दिसंबर के बीच हमारे सामने तीन तलाक के करीब 477 मामले आए. यहां तक कि बुधवार को भी इस तरह का एक मामला हैदराबाद से हमारे सामने आया. इन्हीं वजहों से हम अध्यादेश लाए थे.'
इन सांसदों ने किया बिल का विरोध
कांग्रेस के नेता मल्लिकाजुर्न खड़गे, तृणमूल कांग्रेस के सुदीप बंदोपाध्याय, अन्नाद्रमुक के पी. वेणुगोपाल, एआईएमआईएम के असदुद्दीन ओवैसी, राकांपा की सुप्रिया सुले, आरएसपी के एन.के. प्रेमचंद और आप के भगवंत मान ने तीन तलाक बिल पारित करने का विरोध किया. उन्होंने कहा कि इसे संयुक्त प्रवर समिति के पास भेजा जाना चाहिए. कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, 'यह अहम विधेयक है और इस पर विचार किए जाने की जरूरत है. यह एक संवैधानिक मामला है. यह एक खास धर्म से संबंधित भी है. मैं आग्रह करता हूं कि इस विधेयक को प्रवर समिति के पास भेजा जाए.'
ओवैसी बोले- समलैंगिकता क्राइम नहीं, फिर तीन तलाक अपराध कैसे?
तीन तलाक पर AIMIM सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने कहा, 'मैं इस बिल का मुखालफत (विरोध) करता हूं. ये बिल क्या हमारी कल्चर और मान्यता का उल्लंघन नहीं है. ओवैसी ने सवाल किया, 'एक तरफ समलैंगिक रिश्तों को अपराध की श्रेणी से हटाया गया, लेकिन ट्रिपल तलाक को अपराध की श्रेणी में रखा जा रहा है.'
Twitter Ads info and privacyAIUDF सांसद बोले- तीन तलाक के अलावा बहस के और भी मुद्दे
एआईयूडीएफ के सांसद बदरुद्दीन अजमल ने कहा कि तीन तलाक के अलावा भी देश में कई अन्य और अहम मसले हैं. हमारी दलित बहनों पर अत्याचार हो रहा है, फसाद में कई लोग मारे जा रहे हैं, उनपर भी ध्यान देने की जरूरत है. अजमल ने कहा कि हम इस बिल के खिलाफ हैं क्योंकि यह इस्लाम में दखल देता है. उन्होंने कहा कि शिक्षा से लेकर स्वास्थ्य से जुड़े मामले भी हैं, सरकार को उनकी ओर भी देखना चाहिए.
बता दें कि लोकसभा में पिछले साल दिसंबर में यह बिल पास हो गया था. लेकिन, राज्यसभा में ये पारित नहीं हो सका था. कुछ बदलावों के साथ नए विधेयक को इस महीने सदन में हंगामे के बीच पेश किया गया था. नया विधेयक सितंबर में लाए गए अध्यादेश के स्थान पर लाया गया है, जिसके तहत मुस्लिम महिलाओं को उनके पति की ओर से तीन 'तलाक' बोलकर तलाक देने पर पाबंदी लगाई गई है.
इस प्रस्तावित कानून के तहत एक बार में तीन तलाक देना गैरकानूनी और अमान्य होगा और ऐसा करने वाले को तीन साल तक की सजा हो सकती है. यह अपराध तब संज्ञेय होगा जब विवाहित मुस्लिम महिला या फिर उसका करीबी रिश्तेदार उस व्यक्ति के खिलाफ सूचना देगा, जिसने तत्काल तीन तलाक दिया है.
(साभार न्यूज18)
तीन तलाक बिल लोकसभा में पारित, कानून मंत्री बोले- इसे सियासी चश्मे से न देखें सांसद
Reviewed by बलिया एक्सप्रेस
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December 27, 2018
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