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नगरा(बलिया): हत्यारो को आसमां निगल गया या पाताल ? ,बलिया की तेज तर्रार पुलिस के तीन माह से ऊपर होने के वावजूद भी खाली है हाथ , बाइक चोर गिरोह पकड़ने , शराब की गाड़ी पकड़ने में महारथ हासिल बलिया पुलिस की हत्यारो तक न पहुंचना साख पर लगा रहा बट्टा

 हत्यारो को आसमां निगल गया या पाताल ,बलिया की तेज तर्रार पुलिस के तीन माह से ऊपर होने के वावजूद भी खाली है हाथ
बाइक चोर गिरोह पकड़ने , शराब की गाड़ी पकड़ने में महारथ हासिल बलिया पुलिस की हत्यारो तक न पहुंचना साख पर लगा रहा बट्टा
कही किसी रसूखदार को बचाने में तो नही हो रही है देर , लोगो मे होने लगी है चर्चा
गैस एजेंसी के मालिकानों की भी चुप्पी से उठ रहे है कई सवाल
दिग्विजय सिंह

 नगरा (बलिया) 28 दिसम्बर 2018 ।। कही बलिया शहर की जया मिश्रा हत्याकांड की तरह फाइलों में ही दबकर तो नही गुम हो जाएगा ताड़ी बड़ागांव का सेल्समैन हत्याकांड ? यह सवाल अब बलिया पुलिस के हाथ अब तक हत्यारो तक नही पहुंच पाने से लोगो द्वारा उठाया जाने लगा है । बलिया की पुलिस और स्वाट टीम को बाइक चोर गिरोह और शराब लदी गाड़ियों व गोदामो पर छापेमारी कर पकड़ने का महारथ हासिल होने के वावजूद तीन माह से ऊपर गुजर जाने के वावजूद सेल्समैन के हत्यारों तक न पहुंचना , इस कांड के प्रति तन्मयता को दर्शाने के लिये काफी है । यूपी की एसटीएफ टीम अपने तेज तर्रार आईजी अमिताभ यश के नेतृत्व में नेपाल में हुई हत्या में हत्यारों को जब पकड़कर जेल में डाल सकती है तो बलिया पुलिस क्यो नही ? एक सवाल यह भी उठ रहा है कि अगर पुलिस इस केस में सुराग लगाने में असफल है तो इस केस को एसटीएफ को सौपने का विचार क्यो नही कर रही है ।वही हत्याकांड के बाद हड़ताल करने वाले गैस वितरकों की चुप्पी भी सवालों के घेरे में आ गयी है । आखिर कौन सी शक्ति इनको इस केस के तत्काल खुलासे के लिये पुनः आंदोलन करने या एसटीएफ को इस हत्याकांड की जांच सौपने की मांग करने से रोक रही है ? लोगो ने तो चर्चा भी करनी शुरू कर दिया है कि इसमें जरूर किसी सम्मानित व्यक्ति का जया मिश्रा हत्याकांड जैसे हाथ होने की संभावना है , तभी पुलिस बैकफुट पर है , नही तो कब का हत्यारे पकड़ कर जेल भेज दिये गये होते ।
सौ दिन से ऊपर गुजर चुके सेल्समैन हत्या कांड का खुलासा करने में नगरा पुलिस आज भी खाली हाथ है।नगरा पुलिस की क्षेत्र में खुलासा न होने के कारण किरकिरी हो रही है।पुलिस की सक्रियता को लेकर अटकलों का बाजार गर्म है।वही पुलिस घटना के खुलासे के बावत चर्चा करते ही मौन साध लेती है।घटना का खुलासा कब तक होगा,यह यक्ष प्रश्न बना हुआ है।
               बता दे कि नगरा थाना क्षेत्र के ताड़ी बड़ा गांव स्थित गांव में पूर्व मंत्री घूरा राम का अनुराग गैस एजेंसी है।13 सितम्बर को गैस एजेंसी के सेल्समैन गैस का वितरण कर रहा था।इसी बीच बाइक सवार दो बदमाश आए और सेल्समैन को गोली मारकर हत्या कर दी तथा सेल्समैन का बैग लेकर भाग लिए।दिन दहाड़े इस घटना से क्षेत्र में सनसनी फैल गई।इस घटना से आक्रोशित ग्रामीण घटना के दूसरे दिन रोड पर उतर आए।और नगरा भीमपुरा मार्ग पर इंग्लिशिया गांव के पास सड़क जाम कर दिए।चार घण्टे तक ग्रामीणों के सड़क पर उतरने से आवागमन बाधित रहा।ग्रामीणों ने पूर्व मन्त्री घूरा राम के आश्वासन पर घटना का जल्द खुलासा होगा, जाम समाप्त किए।साढ़े तीन माह के बाद भी इस घटना में पुलिस के हाथ खाली है।अब तो पुलिस के कार्यप्रणाली से ऐसा प्रतीत होता है कि हत्या और लूट की घटना को ठंडे बस्ते में डाल दी है।क्षेत्र में पुलिस की सक्रियता को लेकर तरह तरह की चर्चा जारी है।पुलिस की कार्यप्रणाली पर भी क्षेत्र के लोग सवाल उठाने शुरू कर दिए है।इस घटना को लेकर के थानाध्यक्ष राम दिनेश तिवारी का स्थानांतरण भी हुआ।नए थानाध्यक्ष से भी क्षेत्रीय जनो को इस घटना के खुलासे की उम्मीद कम है।पुलिस इस घटना की खुलासे की चर्चा पर मौन साध ले रही है।इस बाबत थानाध्यक्ष नगरा द्वारिका प्रसाद पांडेय ने बताया कि जब तक अपराधी हाथ नही लगेंगे तब तक पुलिस के हाथ खाली है।इस सम्बंध में सीओ रसड़ा से मोबाइल से बात करने का प्रयास किया गया लेकिन फोन नही उठा।