बलिया में हुई मानवता को शर्मसार करने वाली घटना : सगे एकलौते बेटे ने अपनी बेवा माँ को हैवानियत की हद पार कर बेरहमी से पीटा , कमर के नीचे आयी गम्भीर चोटें , गाल पर दांत से भी काटकर बनाया जख्म , पत्नी भी थी साथ
सगे एकलौते बेटे ने अपनी बेवा माँ को हैवानियत की हद पार कर बेरहमी से पीटा , कमर के नीचे आयी गम्भीर चोटें
गाल पर दांत से भी काटकर बनाया जख्म , पत्नी भी थी साथ
20 तारीख से जिला अस्पताल में चल रहा है इलाज
महिला हेल्पलाइन 181 की टीम से किया संपर्क , तब मामला हुआ उजागर
शशिकुमार की रिपोर्ट
बलिया 27 दिसम्बर 2018 ।। मानवता को शर्मसार कर देने वाली एक ऐसी घटना बलिया में सामने आयी है जिसको देखने और सुनने के बाद संभवतः मांओ को सोचने पर मजबूर होना पड़ेगा कि क्या पुत्र के पैदा होने पर खुशियां मनायी जाय , देवी देवताओं की पूजा की जाय कि नही । विशेष तौर पर उन मां बाप के लिये यह खबर जरूर देखने और पढ़ने लायक है जिनके पास एक ही लड़का हो । जिस घटना का मैं जिक्र करने जा रहा हूं उस घटना की पीड़ित बेवा मां को भी एक ही पुत्र और दो पुत्रियां है । जिनमे से एक की शादी हो गयी है दूसरी प्राइवेट स्कूल में पढ़ाकर अपना और अपनी मां का गुजारा कर रही है । बेटा स्थानीय टीवीएस एजेंसी में काम करता है । घटना माल्देपुर थाना फेफना की है और वहशी पुत्र का नाम मिंटू पांडेय है ।
महिला की व्यथा को एक अपरचित महिला ने महिला हेल्पलाइन 181 को बताया । जानकारी होते ही महिला हेल्पलाइन 181 की काउंसलर चन्दा साहनी और प्रतिमा यादव तुरंत अस्पताल पहुंचकर महिला से संपर्क किया । बता दे कि संसाधन (फोर्स) विहीन होने के वावजूद इस टीम ने एक साल में स्थानीय थानों की मदद से 340 घरेलू हिंसा के मामलों पर कार्यवाई करके पीड़ितों को राहत दिलायी है ।
पीड़िता सुनीता देवी के बयान के अनुसार उनका एकलौता बेटा विगत 6 माह से मुझे मारपीट रहा है । पीड़िता ने अपने सिर के पुराने घाव को दिखाते हुए कहा कि 20 दिसम्बर को मेरी बेटी( २१वर्ष) अपने स्कूल में पढ़ाने चली गयी थी , इसी बीच बहू मुझसे झगड़ रही थी कि मेरा पुत्र आया और मुझको भद्दी भद्दी गालियां देते हुए बाल पकड़कर गिराकर मारने लगा । अपनी कोहनी से मेरी कमर और पीठ पर खूब मारा , मेरा पैर पकड़कर फाड़ना भी चाहा । मैं दर्द से कराहती रही , छोड़ देने की गुहार लगाती रही पर मुझे नही छोड़ा , बहू ने दरवाजे को अंदर से बन्द कर दिया था जिससे कोई बचा नही पाये । जब मेरे बेटे ने अपने दांतों से मेरे गाल को काटने लगा तो मैं असह्य पीड़ा से छटपटाते हुए कारुणिक स्वर में बोली अब छोड़ दो नही तो मर जाऊंगी , तब बहू को लगा कि शायद सही में बुढ़िया मर जाएगी , तब अपने पति से मरने पर फसने की बात कह कर मुझे छुड़ा दिया । मार खाने से मैं बेहोश हो गयी थी , मेरी बेटी जब आयी तो पड़ोसियों की मदद से अस्पताल में भर्ती कराया है , तब से यही मेरा इलाज चल रहा है । यह पूछने पर कि क्या इन आठ दिनों में आपको देखने के लिये बेटा बहू आये थे तो कहा नही , वह तो उसी दिन से भाग गया है । पिछले 6 माह से बेटे के हाथों मार खाने के वावजूद मातृत्व के चलते बेटे के खिलाफ पुलिस कार्यवाई नही करने वाली यह बेवा मां अब इतनी टूट गयी है कि इस घटना के लिये अपने बेटे को सजा दिलाना चाहती है ।
बलिया की महिला हेल्पलाइन की टीम 26 दिसम्बर को सूचना मिलने पर पीड़ित महिला का बयान लेने और तहरीर लेने के बाद फेफना थाने जाकर अपने साथ जाने के लिये फोर्स की मांग की , लेकिन वीवीआइपी ड्यूटी में फोर्स के चले जाने की बात कहकर थानाध्यक्ष ने 181 की टीम को दूसरे दिन आने के की बात कहकर वापस कर दिये । जबकि ऐसी घटना की जानकारी होने पर स्वयं थानाध्यक्ष की यह जिम्मेदारी बनती है कि इस तरह के जघन्य कृत्य की जानकारी होने पर तुरंत कार्यवाई करते जो एसओ फेफना ने नही किया । इस संबंध में जब अपर पुलिस अधीक्षक विजय पाल सिंह से बात की गयी तो उनका कहना था कि ऐसे कृत्यों पर तुरंत कार्यवाई होनी चाहिये , मैं अभी थानाध्यक्ष को मामले की गंभीरता को देखते हुए तुरंत कार्यवाई करने का आदेश देता हूं ।
पीड़ित महिला की बाईट :
गाल पर दांत से भी काटकर बनाया जख्म , पत्नी भी थी साथ
20 तारीख से जिला अस्पताल में चल रहा है इलाज
महिला हेल्पलाइन 181 की टीम से किया संपर्क , तब मामला हुआ उजागर
शशिकुमार की रिपोर्ट
बलिया 27 दिसम्बर 2018 ।। मानवता को शर्मसार कर देने वाली एक ऐसी घटना बलिया में सामने आयी है जिसको देखने और सुनने के बाद संभवतः मांओ को सोचने पर मजबूर होना पड़ेगा कि क्या पुत्र के पैदा होने पर खुशियां मनायी जाय , देवी देवताओं की पूजा की जाय कि नही । विशेष तौर पर उन मां बाप के लिये यह खबर जरूर देखने और पढ़ने लायक है जिनके पास एक ही लड़का हो । जिस घटना का मैं जिक्र करने जा रहा हूं उस घटना की पीड़ित बेवा मां को भी एक ही पुत्र और दो पुत्रियां है । जिनमे से एक की शादी हो गयी है दूसरी प्राइवेट स्कूल में पढ़ाकर अपना और अपनी मां का गुजारा कर रही है । बेटा स्थानीय टीवीएस एजेंसी में काम करता है । घटना माल्देपुर थाना फेफना की है और वहशी पुत्र का नाम मिंटू पांडेय है ।
महिला की व्यथा को एक अपरचित महिला ने महिला हेल्पलाइन 181 को बताया । जानकारी होते ही महिला हेल्पलाइन 181 की काउंसलर चन्दा साहनी और प्रतिमा यादव तुरंत अस्पताल पहुंचकर महिला से संपर्क किया । बता दे कि संसाधन (फोर्स) विहीन होने के वावजूद इस टीम ने एक साल में स्थानीय थानों की मदद से 340 घरेलू हिंसा के मामलों पर कार्यवाई करके पीड़ितों को राहत दिलायी है ।
पीड़िता सुनीता देवी के बयान के अनुसार उनका एकलौता बेटा विगत 6 माह से मुझे मारपीट रहा है । पीड़िता ने अपने सिर के पुराने घाव को दिखाते हुए कहा कि 20 दिसम्बर को मेरी बेटी( २१वर्ष) अपने स्कूल में पढ़ाने चली गयी थी , इसी बीच बहू मुझसे झगड़ रही थी कि मेरा पुत्र आया और मुझको भद्दी भद्दी गालियां देते हुए बाल पकड़कर गिराकर मारने लगा । अपनी कोहनी से मेरी कमर और पीठ पर खूब मारा , मेरा पैर पकड़कर फाड़ना भी चाहा । मैं दर्द से कराहती रही , छोड़ देने की गुहार लगाती रही पर मुझे नही छोड़ा , बहू ने दरवाजे को अंदर से बन्द कर दिया था जिससे कोई बचा नही पाये । जब मेरे बेटे ने अपने दांतों से मेरे गाल को काटने लगा तो मैं असह्य पीड़ा से छटपटाते हुए कारुणिक स्वर में बोली अब छोड़ दो नही तो मर जाऊंगी , तब बहू को लगा कि शायद सही में बुढ़िया मर जाएगी , तब अपने पति से मरने पर फसने की बात कह कर मुझे छुड़ा दिया । मार खाने से मैं बेहोश हो गयी थी , मेरी बेटी जब आयी तो पड़ोसियों की मदद से अस्पताल में भर्ती कराया है , तब से यही मेरा इलाज चल रहा है । यह पूछने पर कि क्या इन आठ दिनों में आपको देखने के लिये बेटा बहू आये थे तो कहा नही , वह तो उसी दिन से भाग गया है । पिछले 6 माह से बेटे के हाथों मार खाने के वावजूद मातृत्व के चलते बेटे के खिलाफ पुलिस कार्यवाई नही करने वाली यह बेवा मां अब इतनी टूट गयी है कि इस घटना के लिये अपने बेटे को सजा दिलाना चाहती है ।
बलिया की महिला हेल्पलाइन की टीम 26 दिसम्बर को सूचना मिलने पर पीड़ित महिला का बयान लेने और तहरीर लेने के बाद फेफना थाने जाकर अपने साथ जाने के लिये फोर्स की मांग की , लेकिन वीवीआइपी ड्यूटी में फोर्स के चले जाने की बात कहकर थानाध्यक्ष ने 181 की टीम को दूसरे दिन आने के की बात कहकर वापस कर दिये । जबकि ऐसी घटना की जानकारी होने पर स्वयं थानाध्यक्ष की यह जिम्मेदारी बनती है कि इस तरह के जघन्य कृत्य की जानकारी होने पर तुरंत कार्यवाई करते जो एसओ फेफना ने नही किया । इस संबंध में जब अपर पुलिस अधीक्षक विजय पाल सिंह से बात की गयी तो उनका कहना था कि ऐसे कृत्यों पर तुरंत कार्यवाई होनी चाहिये , मैं अभी थानाध्यक्ष को मामले की गंभीरता को देखते हुए तुरंत कार्यवाई करने का आदेश देता हूं ।
पीड़ित महिला की बाईट :
महिला हेल्पलाइन 181 की काउंसलर चन्दा साहनी की बाईट :