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बोले मोहन भागवत : अगर न्यायालय की प्राथमिकता में राम मंदिर का मुद्दा नही तो जल्द से जल्द कानून बनाकर मंदिर निर्माण कराये सरकार
बोले मोहन भागवत : अगर न्यायालय की प्राथमिकता में राम मंदिर का मुद्दा नही तो जल्द से जल्द कानून बनाकर मंदिर निर्माण कराये सरकार
मोहन भागवत बोले- राम मंदिर पर अब धैर्य नहीं अड़ने का समय

25 नवम्बर 2018 ।।
अयोध्या में विहित द्वारा आहूत धर्म सभा और नागपुर में आरएसएस द्वारा आयोजित हुंकार सभा , दोनो में एक ही बात कॉमन थी कि जहां अयोध्या में सभी ने एक स्वर से सरकार को संदेश दिया कि अब राम मंदिर जल्द से जल्द बनना चाहिये चाहे इसके लिये सरकार को कानून ही क्यो न बनाना पड़े । वही नागपुर की हुंकार सभा मे आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने भी अपनी हुंकार में यही कहा कि चाहे कानून बनाना पड़े या अदालत से फैसला हो , सरकार यह निर्णय करे कि जल्द से जल्द राम मंदिर का निर्माण शुरू हो जाय । वही शिव सेना प्रमुख उद्धव ठाकरे का नारा "पहले मंदिर फिर सरकार " सरकार और मंदिर पर आंदोलन करने वालो /राजनीति करने वालो को जनता के बीच बेनकाब कर असहज कर दिया है ।
आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने रविवार को हुंकार सभा मे कहा कि अगर राम मंदिर मुद्दा न्यायपालिका के लिए प्राथमिकता का नहीं है, तो सरकार को इसके लिए एक कानून लाना चाहिए. पुणे में धर्म सभा के दौरान राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि देश को राम मंदिर चाहिए. उन्होंने कहा कि धैर्य बहुत हुआ अब देशभर में जनजागरण करना होगा
नागपुर में "हुंकार सभा "को संबोधित करते हुए भागवत ने कहा, 'मामला अदालत में है और निर्णय जल्दी ही दिया जाना चाहिए. यह भी साबित हो चुका है कि वहां मंदिर था. सुप्रीम कोर्ट मामले को प्राथमिकता नहीं दे रहा है और न्याय में देरी न्याय नहीं मिलने जैसा है.'
भागवत ने कहा कि हम कह रहे हैं सरकार कानून बनाएं. जिनको बनाना है वे सोचें कि ये कैसे बना सकते हैं. जल्दी से जल्दी से कानून बनना चाहिए. श्रीराम जन्म भूमि पर भव्य मंदिर का औचित्य सिद्ध हो चुका है. सभी प्रकार के तर्क के बाद कोर्ट का निर्णय आया. अब कोर्ट के निर्णय को टाला जा रहा है.
आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि मंदिर के मसले पर लड़ना नहीं है लेकिन अड़ना है. एक साल पहले मैंने कहा था कि धैर्य रखना लेकिन अब धैर्य नहीं रखना है बल्कि जन जागरण करना है.
पुणे में धर्म सभा के दौरान आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि अयोध्या में उनकी जन्मभूमि थी वह दूसरी नहीं होती तीसरी नहीं होती. अयोध्या का मंदिर बाबर के सेनापति ने ढाया. उनका मंदिर नही बनेगा तो कैसे चलेगा. भारत का समाज कानून से चलनेवाला समाज है इसलिए 30 साल लगे.
बता दें कि इससे पहले विश्व हिंदू परिषद ने अयोध्या में रविवार को बड़ा भक्तमाल की बगिया में धर्मसभा की. इसके दो से तीन लाख रामभक्त अयोध्या पहुंचे. इस धर्मसभा के माध्यम से संत और धर्माचार्य राम मंदिर निर्माण की तारीख तय करने के लिए सरकार पर दबाव बनाने की कोशिश की.
वहीं शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने रामलला के दर्शन किए और बीजेपी-कांग्रेस पर निशाना साधा. ठाकरे ने तंज कसते हुए कहा कि चुनाव के समय तो सब लोग राम-राम करते हैं और चुनाव बाद बस आराम करते हैं.
बोले मोहन भागवत : अगर न्यायालय की प्राथमिकता में राम मंदिर का मुद्दा नही तो जल्द से जल्द कानून बनाकर मंदिर निर्माण कराये सरकार
Reviewed by बलिया एक्सप्रेस
on
November 25, 2018
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