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बलिया : राम मंदिर में पक्षकार महंथ धर्मदास के वकील का बड़ा बयान : सीजेआई की मंशा साफ नही , इनके बिना राम मंदिर मामले में गठित हो विशेष पीठ महामहिम राष्ट्रपति से की गई मांग ,अगर अयोध्या में लॉ एंड ऑर्डर बिगड़ा तो कोर्ट होगी जिम्मेदार


राम मंदिर में पक्षकार महंथ धर्मदास के वकील का बड़ा बयान : सीजेआई की मंशा साफ नही , इनके बिना राम मंदिर मामले में गठित हो विशेष पीठ महामहिम राष्ट्रपति से की गई मांग ,अगर अयोध्या में लॉ एंड ऑर्डर बिगड़ा तो कोर्ट होगी जिम्मेदार

मधुसूदन सिंहकी रिपोर्ट 
 बलिया 24 नवम्बर 2018 ।।

सुप्रीमकोर्ट में राममंदिर बाबरी मस्जिद विवाद में राममंदिर के पक्षकार महंत धर्मदास के वकील एवं पूर्व जज  वीरेन्द्र चौबे ने राष्ट्रपति को ज्ञापन भेजा है जिसके तहत मंदिर मस्जिद विवाद की सुनवाई के लिए विशेष पीठ के लिए गठन और इस पीठ से सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को अलग रखने की मांग की गई है ! साथ ही 25 नवम्बर को अयोध्या में होने वाली सर्व धर्म सभा को विश्व हिन्दू परिषद का राजनैतिक खेल बताया !
 जहां एक तरफ अयोध्या विवाद को लेकर सर्वधर्म सभा का आयोजन हो रहा है वही सुप्रीमकोर्ट में राममंदिर बाबरी मस्जिद विवाद में राममंदिर के पक्षकार महंथ धर्मदास के वकील एवं पूर्व जज  वीरेन्द्र चौबे ने बड़ा बयान देते हुए मामले की सुनवाई कर रहे न्यायाधीशों पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि न्यायधीश जानबूझकर फैसला सुनाना नहीं चाहते, लिहाजा तारीख पर तारीख देकर मामले को लंबित किया जा रहा  है ! वकील वीरेन्द्र  चौबे का कहना है की राम मंदिर मामले की सुनवाई कर रहे जजो का बर्ताव भी इस मुकदमे को लेकर अच्छा नहीं है  लिहाजा मुस्लिम पक्षकार मोहम्मद इक़बाल अंसारी और राममंदिर पक्षकार महंत धर्मदास दोनो ने राष्ट्रपति को ज्ञापन भेजा है जिसके जरिये मांग की गई है कि मामले की सुनवाई के लिए एक ऐसी विशेष पीठ बनायी जाय जिसमे वर्तमान सीजेआई न हो ।

बाइट - वीरेन्द्र चौबे -( पूर्व न्यायाधीश एवं महंथ धर्मदास के वकील )



 अयोध्या मामले में न्यायपालिका पर गंभीर सवाल खड़ा करते हुए श्री चौबे ने कहा कि 70 साल बाद भी अगर न्यायपालिका फैसला नहीं सुना पा रही है तो न्यायपालिका पर भरोसा कौन करेगा ? श्री चौबे ने 1992 में बाबरी मस्जिद गिराए जाने के लिए न्यायपालिका को जिम्मेदार बताते हुए कहा कि अगर न्यायपालिका समयसीमा में फैसला सुना देती तो क़ानून व्यवस्था नहीं बिगड़ती !
बाइट वीरेन्द्र चौबे -(पूर्व न्यायाधीश एवं महंथ धर्मदास के वकील ) 




 वीरेन्द्र  चौबे ने विश्व हिन्दू परिषद् पर अयोध्या मामले का राजनीतिकरण करने का आरोप लगाते हुए कहा कि जिस संस्था के खिलाफ चंदे में मिले हज़ारों करोड़ रूपये के  गबन करने का आरोप हो उसका राम मंदिर से क्या लेना देना ? वही अयोध्या में 25 नवम्बर को होने वाली धर्म सभा को विहिप का खेल बताया  ! वीरेंद्र चौबे ने कहा कि राम मंदिर का निर्माण भाजपा, शिव सेना और विश्व हिन्दू परिषद् नहीं बल्कि अखाड़ा परिषद करेगी क्योंकि राम लला के सेवक और पुजारी संत सामज है ! 
बाइट- वीरेन्द्र चौबे -( पूर्व न्यायाधीश एवं महंथ धर्मदास के वकील ) 



  वकील वीरेन्द्र चौबे ने दावा किया कि विवादित जमीन का मालिकाना हक ना सुन्नी सेंट्रल बक्फ बोर्ड के पास है ना निर्मोही अखाड़े के पास, लिहाजा जो तथ्य एसआई ने खुदाई में रिपोर्ट के आधार पर दिया है, जिसके मुताबिक़ मंदिर के ऊपर मस्जिद का निर्माण किया गया है, उसके आधार पर  ऐसे में रामलला का ही पहला मालिकाना हक़ है  । कहा कि अगर सुन्नी बक्फ बोर्ड की यह जमीन होती तो इसके गठन के समय 1834 मे ही इसके संपत्तियों वाले रजिस्टर में दर्ज की गई होती ? अगर दर्ज नही है तो इसका सीधा मतलब है कि यह सुन्नी बक्फ बोर्ड की जमीन कभी रही ही नही है ।
बाइट- वीरेन्द्र चौबे -( पूर्व न्यायाधीश एवं महंथ धर्मदास के वकील )






नोट -  वीरेन्द्र चौबे -( पूर्व न्यायाधीश एवं महंथ धर्मदास के वकील ) का मोबाइल नंबर- 09451043882








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