मै ऐसी राजनीति को मानता ही नही जिससे सस्ती लोकप्रियता मिले----वरुण गांधी
मैं ऐसी राजनीति को मानता ही नही जिससे सस्ती लोकप्रियता मिले----वरुण गांधी
सुल्तानपुर 31 अक्टूबर 2018 ।। भाजपा के राष्ट्रीय नेता व सुलतानपुर सांसद वरूण गांधी मंगलवार को एक दिवसीय दौरे पर अपने संसदीय क्षेत्र पहुंचे जहाँ शहर के तिकोनिया पार्क में आधुनिक भारत के शिल्पी लौह पुरुष सरदार बल्लभ भाई पटेल की 143 वीं जयंती के कार्यक्रम में सरीख होकर 2000 गरीबों को कंबल वितरित किया । वही पार्टी के वरिष्ठजनों व पदाधिकारीयोंं एव अधिवक्ताओं को शाल देकर सम्मानित किया ।
लौह पुरुष सरदार बल्लभ भाई पटेल की प्रतिमा पर माल्यार्पण करने के बाद श्री गांधी ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि मै जो भी बात बोलता हूं देश की भलाई के लिये बोलता हूं । मै कोई बात वोट के लिये नही बोलता । मेरी कोई बात चुनाव के लिये नही होती, उन्होंने आगे कहा कि गैर राजीनीति पर विश्वास नही करता । मै वह राजनीति करता हूँ जिसमे स्पर्धा हो ,नफरत न हो , बहुतो का भला हो उस राजनीति पर विशवास करता हूँ ।श्री गांधी ने लोगो से आग्रह किया कि इस दीपावली के पर्व पर जो लोग पटाखे छोड़ते है, पटाखे न छोड़ कर उन पैसों से उन गरीबो को वह चीज खरीद कर दे जिससे उनके भला हो सके जैसे, हॉस्पिटलों में खाना वितरण करे ,कपड़े दे , उन्होंने लोगो से अपील किया कि सब लोग थोड़ा थोड़ा सहयोग करे ।नवम्बर माह में एक गांव चिन्हित कर उस गाँव के लोगो को उसी पैसे से जरुरत की चीजें खरीद कर उपहार के रूप में दिया जाये तो यही कार्य करना हम सभी का दीपावली पर्व का सच्चे मायने में होगा । उन्होंने आगे कहा कि जिंदगी का आशय है कि अपनी
आवश्यकताओ को सीमित कर दुसरो की आवश्यकताओं को पूरा करना । श्री गांधी ने कहा कि शहीद श्री नीलेश की पत्नी अपनी कुछ समस्याओं को लेकर मिली ,उनकी समस्या दूर होनी चाहिये जिसके लिये मै हर संभव प्रयास करूंगा । उन्होंने आगे कहा कि शहीद नीलेश ने देश की रक्षा के लिये अपने प्राणों की आहुति दी थी ,स्मृति द्वार बन सकता है । श्री गांधी ने उनकी पत्नी से कहा कि स्मृति द्वार से शहीद की स्मृतियां जीवित रहता है । श्री नीलेश दुनिया के लिये जीवित है हम सबके लिए जीवित रहेंगे और तब तक जीवित रहेंगे जब तक यह धरती रहेगी ।उन्होंने आगे यह भी कहा कि शहीद नीलेश तब तक जिंदा रहेंगे जब तक उस परिवार के अच्छे कर्म रहेंगे । उस परिवार के लोग गरीबो की सहायता , देश के लिये अपना योगदान देते रहेंगे तब तक शहीद नीलेश जीवित रहेंगे । श्री गांधी ने यह भी कहा कि क्या सुभाष चंद्र बोस जिन्दा नही है ? क्या महात्मा गांधी जिन्दा नही है ? ऐसे वो तमाम शहीद जिन्दा रहेंगे ? जब तक लोग जीवित रहेंगे ।श्री गांधी ने आगे यह भी कहा कि हमे अगले चुनाव की चिंता नही है । मुझे अगली पीढ़ी की चिंता है हमारे बेटी बराबर के अवसर पाये उन्होंने आगे यह भी कहा कि मेरी भाजपा पार्टी काफी बड़ी है । इस पार्टी का संग़ठन बहुत बड़ा है जिसमे बूथ लेबल से लेकर जिला सत्तर तक कार्यकर्ता व् पदाधिकारी है । उन्होंने कहा कि जब मै चुनाव जीता तब मेरे ऊपर बड़ा दबाव बनाया जाने लगा कि कार्यकर्ताओ और पदाधिकारियो के माध्यम से क्षेत्रोंमें उनके कहने से हैंड पम्प दिया जाय ,सोलर लाइट लगवाई जाय । लेकिन जब इसका सर्वे कराया तो सब शून्य निकला जब कि मेरे सलाहकार दयाराम अटल ने कहा था कि ऐसा करने से कही कोई फायदा नही होगा और सब शून्य हो जायेगा और वही हुआ जो अटल जी ने कहा था । उन्होंने बताया कि तब मैंने सोचा की यह जो पैसा लगे स्थाई करण हो ,जिसका फायदा लोगो तक पहुंचे जिससे सुल्तानपुर का मान सम्मान बढे। वरुण गांधी चाहे रहे या न रहे सुल्तानपुर की मान मयार्दा में बढ़ोतरी रहे । चाहे हमने घर बनाये, चाहे कम्बल वितरित किये वह लोगो तक पहुंचा । उन्होंने आगे यह भी कहा कि जब संवेदनशीलता नही रहेगी तो देश नही रहेगा । मैने जो बड़े बड़े काम किये उसका कही भी चर्चा नही हुआ, जो सड़को का जाल
बिछाया है , शायद कई दशकों से नही हुआ था , उस जगह मैने कार्य किये ।मै नही मानता हूँ कि हम लोगो को ऐसी राजनीती करना चाहिये जिससे सस्ती लोकप्रियता मिले ।देखिये जब हमें स्वतंत्रता मिली तो जिन नेताओ की भागीदारी थी वह चाहे जो भी सोच के रहे हो उनके निर्णय से बहुत लोगो को काफी दुःख भी हुआ ।जैसे पंजाब आधे में कटा , कई राज्य का बटवारा हुआ, परिवार उजड़े ,कोई इस तरफ कोई उस तरफ गया लेकिन सरदार पटेल ने मणिपुर, मिजोरम अन्य राज्यो का एक नया रुप दिया । पठान गफ्फार गांधी जी के भक्त थे ,पाकिस्तान में सम्मेलन में पहुंचे गांधी जी तो पठान ने कहा कि आप ने कही का नही छोड़ा । श्री गांधी ने कहा कि हर कठोर निर्णय के पहले अच्छी सोच होनी चाहिये । हर सोच के पीछे स्वच्छ मन हो, लोगो के भले के लिये क्या करना चाहिये यही एक नेता का धर्म है ।एक नेता को चुनाव जीतना ही एक ध्येय नही रखना चाहिये बल्कि देश बनाना है यह सोच रखनी चाहिये । संजय गांधी एक चुनाव जीते ,तीन महीने ही रहे ,आज में देश में कही जाता हूं लोग इज्जत देते है जिससे मुझे बड़ा गर्व महसूस होता है । उन्होंने आगे कहा कि जो विजय सुल्तानपुर के लोगो ने दिया वह मेरे पिता के लिये श्रद्धांजलि है ।उन्होंने आगे यह भी कहा कि जब हम जीत के आये तो लोगो ने कहा कि भैया फलाने से मेरा नही बैठता, मुकदमा दर्ज करवा दीजिये ,उसको यहाँ से हटवा दीजिये लेकिन मैने मना कर दिया क्योकि मेरे श्रद्धेय गुरु अटल जी ने कहा था कि किसी को बना पाओ या न बना पाओ पर किसी को बिगाड़ो मत ।यह देश बहुत बडा है ,यह देश किसी लकीर को नही कहते ,देश हमारे अंदर हैं, अगर हम हिन्दू हूँ तो दूसरे समुदाय की इज्जत करूं । जब तक हम मर्यादा पुरुषोत्तम राम की मर्यादाओं के अनुकूल आचरण करे ,अपने सोच व् कार्य से मुसलमानों सिक्खों , ईसाइयों, बौद्ध का सम्मान करे तो कहूंगा कि मैं हिन्दू हूँ ।यह देश महाबीर का है, बुद्ध का है , महात्मा का है । इस देश में महात्माओं ने तपस्या किया जिनके तपस्या की तरंगे हमे प्राप्त हो रही है । हमे उस तरंगों को घिसने नही देना है । मैं निडर हूं अगर मैने कभी पाया कि सरकारी मुलाजिम नेता कार्यकर्ता ,मीडिया कोई गरीबो पर जुल्म कर रहा है तो मैं चुप रहने वाला नही हूं । मुझे गाली गलौज मार पीट तीखी आलोचना पर विश्वास नही है , महात्मा गांधी ने हम लोगो को सिखाया था ताकत से अपनी बात रखे लेकिन ताकत का यह रास्ता नही की आलोचना करना ,किसी को सताना ताकत का रास्ता नही है । किसी के सामने झुक कर बात करना किसी के सामने शालीनता से बात करना यह वरुण गांधी करता है । उन्होंने अपने संसदीय क्षेत्र में न रहने के कारण पर कहा कि मुझे लोगो की भलाई करना है अगर मैं जिले की राजनीती में फंस गया ,चापलूसों के बीच घिर जाऊंगा तो देश और सुल्तानपुर के लिये कुछ नही कर पाउँगा । मै जितना काम किया है और नेताओं ने अपने कार्यकाल में 10 प्रतिशत भी नही किया है । उन्होंने चापलूसों पर फिर से तीखी प्रक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि जिसको उनके माता पिता के अलावा कोई नही जानता वह लोग पचास पचास होर्डिग लगाये है । लोग जाने लेकिन वरुण गांधी होर्डिंग का मोहताज नही है ।वरुण गांधी यह तो आप के सीने में है या तो कही नही है ।इस सुल्तानपुर ने वरुण गांधी को बहुत कुछ दिया है ।जहाँ में जाता हूं वहाँ सुल्तानपुर जाता है ,आप ने मुझे इस लिये नही बनाया की गली कुचो में चाय पिऊं ।आप लोगो ने मुझे इस लिये बनाया है कि देश और आपके जिले का सम्मान बढे ।उन्होंने यह भी कहा की जिस दिन पहले दिन सुल्तानपुर आया उस दिन चुनाव जीत गया था यह कोई छोटी बात नही है यह आप का बड़प्पन है ।आप लोगो ने जो मुझे जो सम्मान दिया आप लोगो ने जो मेरे अंदर जो जान भर दिया ,उसको उतार नही सकता । किसी ने परिश्रम किया लेकिन जो गरीब लोगो ने साथ दिया वह लोहा की तरह था । वरुण गांधी समाज के अंतिम लोग के लिये हमेशा खड़ा रहेगा । मेरी माँ आठ चुनाव जीती यह उन लोगो ने हम लोगो को खड़ा किया है ,जो लोग गरीब है, यह गरीब पेशो का गरीब है लेकिन न तो जिगर का गरीब , न सोच का गरीब है । अंत में श्री गांधी ने कहा कि आज जो माताएं इस कार्यक्रम में आई है में उनका आभार व्यक्त करता हूं । उन्होंने कहा कि जिस कार्यक्रम में इतनी बड़ी संख्या में माताएं उपस्थित हो वह आशीर्वाद होता है और वरुण गांधी को माताओ का आज आशीर्वाद मिल गया ।
आवश्यकताओ को सीमित कर दुसरो की आवश्यकताओं को पूरा करना । श्री गांधी ने कहा कि शहीद श्री नीलेश की पत्नी अपनी कुछ समस्याओं को लेकर मिली ,उनकी समस्या दूर होनी चाहिये जिसके लिये मै हर संभव प्रयास करूंगा । उन्होंने आगे कहा कि शहीद नीलेश ने देश की रक्षा के लिये अपने प्राणों की आहुति दी थी ,स्मृति द्वार बन सकता है । श्री गांधी ने उनकी पत्नी से कहा कि स्मृति द्वार से शहीद की स्मृतियां जीवित रहता है । श्री नीलेश दुनिया के लिये जीवित है हम सबके लिए जीवित रहेंगे और तब तक जीवित रहेंगे जब तक यह धरती रहेगी ।उन्होंने आगे यह भी कहा कि शहीद नीलेश तब तक जिंदा रहेंगे जब तक उस परिवार के अच्छे कर्म रहेंगे । उस परिवार के लोग गरीबो की सहायता , देश के लिये अपना योगदान देते रहेंगे तब तक शहीद नीलेश जीवित रहेंगे । श्री गांधी ने यह भी कहा कि क्या सुभाष चंद्र बोस जिन्दा नही है ? क्या महात्मा गांधी जिन्दा नही है ? ऐसे वो तमाम शहीद जिन्दा रहेंगे ? जब तक लोग जीवित रहेंगे ।श्री गांधी ने आगे यह भी कहा कि हमे अगले चुनाव की चिंता नही है । मुझे अगली पीढ़ी की चिंता है हमारे बेटी बराबर के अवसर पाये उन्होंने आगे यह भी कहा कि मेरी भाजपा पार्टी काफी बड़ी है । इस पार्टी का संग़ठन बहुत बड़ा है जिसमे बूथ लेबल से लेकर जिला सत्तर तक कार्यकर्ता व् पदाधिकारी है । उन्होंने कहा कि जब मै चुनाव जीता तब मेरे ऊपर बड़ा दबाव बनाया जाने लगा कि कार्यकर्ताओ और पदाधिकारियो के माध्यम से क्षेत्रोंमें उनके कहने से हैंड पम्प दिया जाय ,सोलर लाइट लगवाई जाय । लेकिन जब इसका सर्वे कराया तो सब शून्य निकला जब कि मेरे सलाहकार दयाराम अटल ने कहा था कि ऐसा करने से कही कोई फायदा नही होगा और सब शून्य हो जायेगा और वही हुआ जो अटल जी ने कहा था । उन्होंने बताया कि तब मैंने सोचा की यह जो पैसा लगे स्थाई करण हो ,जिसका फायदा लोगो तक पहुंचे जिससे सुल्तानपुर का मान सम्मान बढे। वरुण गांधी चाहे रहे या न रहे सुल्तानपुर की मान मयार्दा में बढ़ोतरी रहे । चाहे हमने घर बनाये, चाहे कम्बल वितरित किये वह लोगो तक पहुंचा । उन्होंने आगे यह भी कहा कि जब संवेदनशीलता नही रहेगी तो देश नही रहेगा । मैने जो बड़े बड़े काम किये उसका कही भी चर्चा नही हुआ, जो सड़को का जाल
बिछाया है , शायद कई दशकों से नही हुआ था , उस जगह मैने कार्य किये ।मै नही मानता हूँ कि हम लोगो को ऐसी राजनीती करना चाहिये जिससे सस्ती लोकप्रियता मिले ।देखिये जब हमें स्वतंत्रता मिली तो जिन नेताओ की भागीदारी थी वह चाहे जो भी सोच के रहे हो उनके निर्णय से बहुत लोगो को काफी दुःख भी हुआ ।जैसे पंजाब आधे में कटा , कई राज्य का बटवारा हुआ, परिवार उजड़े ,कोई इस तरफ कोई उस तरफ गया लेकिन सरदार पटेल ने मणिपुर, मिजोरम अन्य राज्यो का एक नया रुप दिया । पठान गफ्फार गांधी जी के भक्त थे ,पाकिस्तान में सम्मेलन में पहुंचे गांधी जी तो पठान ने कहा कि आप ने कही का नही छोड़ा । श्री गांधी ने कहा कि हर कठोर निर्णय के पहले अच्छी सोच होनी चाहिये । हर सोच के पीछे स्वच्छ मन हो, लोगो के भले के लिये क्या करना चाहिये यही एक नेता का धर्म है ।एक नेता को चुनाव जीतना ही एक ध्येय नही रखना चाहिये बल्कि देश बनाना है यह सोच रखनी चाहिये । संजय गांधी एक चुनाव जीते ,तीन महीने ही रहे ,आज में देश में कही जाता हूं लोग इज्जत देते है जिससे मुझे बड़ा गर्व महसूस होता है । उन्होंने आगे कहा कि जो विजय सुल्तानपुर के लोगो ने दिया वह मेरे पिता के लिये श्रद्धांजलि है ।उन्होंने आगे यह भी कहा कि जब हम जीत के आये तो लोगो ने कहा कि भैया फलाने से मेरा नही बैठता, मुकदमा दर्ज करवा दीजिये ,उसको यहाँ से हटवा दीजिये लेकिन मैने मना कर दिया क्योकि मेरे श्रद्धेय गुरु अटल जी ने कहा था कि किसी को बना पाओ या न बना पाओ पर किसी को बिगाड़ो मत ।यह देश बहुत बडा है ,यह देश किसी लकीर को नही कहते ,देश हमारे अंदर हैं, अगर हम हिन्दू हूँ तो दूसरे समुदाय की इज्जत करूं । जब तक हम मर्यादा पुरुषोत्तम राम की मर्यादाओं के अनुकूल आचरण करे ,अपने सोच व् कार्य से मुसलमानों सिक्खों , ईसाइयों, बौद्ध का सम्मान करे तो कहूंगा कि मैं हिन्दू हूँ ।यह देश महाबीर का है, बुद्ध का है , महात्मा का है । इस देश में महात्माओं ने तपस्या किया जिनके तपस्या की तरंगे हमे प्राप्त हो रही है । हमे उस तरंगों को घिसने नही देना है । मैं निडर हूं अगर मैने कभी पाया कि सरकारी मुलाजिम नेता कार्यकर्ता ,मीडिया कोई गरीबो पर जुल्म कर रहा है तो मैं चुप रहने वाला नही हूं । मुझे गाली गलौज मार पीट तीखी आलोचना पर विश्वास नही है , महात्मा गांधी ने हम लोगो को सिखाया था ताकत से अपनी बात रखे लेकिन ताकत का यह रास्ता नही की आलोचना करना ,किसी को सताना ताकत का रास्ता नही है । किसी के सामने झुक कर बात करना किसी के सामने शालीनता से बात करना यह वरुण गांधी करता है । उन्होंने अपने संसदीय क्षेत्र में न रहने के कारण पर कहा कि मुझे लोगो की भलाई करना है अगर मैं जिले की राजनीती में फंस गया ,चापलूसों के बीच घिर जाऊंगा तो देश और सुल्तानपुर के लिये कुछ नही कर पाउँगा । मै जितना काम किया है और नेताओं ने अपने कार्यकाल में 10 प्रतिशत भी नही किया है । उन्होंने चापलूसों पर फिर से तीखी प्रक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि जिसको उनके माता पिता के अलावा कोई नही जानता वह लोग पचास पचास होर्डिग लगाये है । लोग जाने लेकिन वरुण गांधी होर्डिंग का मोहताज नही है ।वरुण गांधी यह तो आप के सीने में है या तो कही नही है ।इस सुल्तानपुर ने वरुण गांधी को बहुत कुछ दिया है ।जहाँ में जाता हूं वहाँ सुल्तानपुर जाता है ,आप ने मुझे इस लिये नही बनाया की गली कुचो में चाय पिऊं ।आप लोगो ने मुझे इस लिये बनाया है कि देश और आपके जिले का सम्मान बढे ।उन्होंने यह भी कहा की जिस दिन पहले दिन सुल्तानपुर आया उस दिन चुनाव जीत गया था यह कोई छोटी बात नही है यह आप का बड़प्पन है ।आप लोगो ने जो मुझे जो सम्मान दिया आप लोगो ने जो मेरे अंदर जो जान भर दिया ,उसको उतार नही सकता । किसी ने परिश्रम किया लेकिन जो गरीब लोगो ने साथ दिया वह लोहा की तरह था । वरुण गांधी समाज के अंतिम लोग के लिये हमेशा खड़ा रहेगा । मेरी माँ आठ चुनाव जीती यह उन लोगो ने हम लोगो को खड़ा किया है ,जो लोग गरीब है, यह गरीब पेशो का गरीब है लेकिन न तो जिगर का गरीब , न सोच का गरीब है । अंत में श्री गांधी ने कहा कि आज जो माताएं इस कार्यक्रम में आई है में उनका आभार व्यक्त करता हूं । उन्होंने कहा कि जिस कार्यक्रम में इतनी बड़ी संख्या में माताएं उपस्थित हो वह आशीर्वाद होता है और वरुण गांधी को माताओ का आज आशीर्वाद मिल गया ।
मै ऐसी राजनीति को मानता ही नही जिससे सस्ती लोकप्रियता मिले----वरुण गांधी
Reviewed by बलिया एक्सप्रेस
on
October 31, 2018
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