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बलिया : एसओ भीमपुरा को एफआईआर न लिखना पड़ा भारी , दुकानदारों के द्वारा जाम लगाने पर गिड़गिड़ाकर खुलवाया जाम , लिखनी पड़ी एफआईआर

बृजेश सिंह की रिपोर्ट
भीमपुरा (बलिया) 7 अगस्त 2018।। पुलिसियां हनक में पीड़ित दुकानदार की चोरी की एफआईआर दर्ज न करना एसओ भीमपुरा को तुरंत भारी पड़ गया ,जब क्षेत्र के दुकानदारों ने सड़क को जाम कर विरोध शुरू कर दिया । जाम की सूचना पर पहुंचे एसओ साहब की सारी हेकड़ी गिड़गिड़ाने में बदल गयी और दुकानदारों से अनुनय विनय करके और तुरंत एफआईआर दर्ज कर जाम खुलवाया । बताया जाता है कि भीमपुरा थाना क्षेत्र के इब्राहिमपट्टी बाजार में सोमवार की रात हुई लाखो की चोरी में थानाध्यक्ष द्वारा पीड़ित को बैरंग वापस भेजना महंगा पड़ गया। थानाध्यक्ष द्वारा प्राथमिकी दर्ज न करने से नाराज दुकानदारों ने कीडीहरापुर इब्राहिमपट्टी मार्ग पर जाम लगाकर बाधित कर दिया। जाम की सूचना मिलते ही भीमपुरा पुलिस के हाथ पॉव फूलने लगे। आनन फानन में आधे घण्टे बाद पहुचे थानाध्यक्ष ने प्रथमिकी दर्ज कर जल्द ही खुलासे का आश्वासन देकर जाम को समाप्त कराया।

बताया जाता है कि भीमपुरा थाना क्षेत्र के इब्राहिमपट्टी बाजार में सैदपुरा निवासी सीताराम पाण्डेय की एक ही जगह कपड़े व किराना की दो दुकान है।हर रोज की भांति सीताराम पांडेय ने सोमवार की देर शाम दोनों दुकानें बंद करके 200 मीटर दूर अपने आवास पर सोने चले गए। इसी रात अज्ञात चोरों ने दोनों दुकानों के शटर का ताला तोड़कर अंदर घुस गए।उसमे कीमती पचास डिब्बा साड़ी व किराने की दुकान से रिफाइन, सरसों तेल, एक लैपटॉप, खाद्यान सामग्री व करीब ढाई लाख रुपये नगद पर हाथ साफ कर दिए। वह मंगलवार की सुबह जब दुकान खोलने पहुचे तो शटर का ताला टूटा देख भौचक रह गए। जिसकी लिखित सूचना पुलिस को देने गए लेकिन थानाध्यक्ष ने उनकी चोरी को झुठलाते हुए उसके पास आये पैसे आदि का हिसाब मांगने लगे की तुम्हारे पास इतना पैसा आदि कहा से आया कि चोरी हो जाएगी। मुकदमा दर्ज न करते हुऐ वापस भेज दिया। मुकदमा दर्ज न होने व थानाध्यक्ष के बर्ताव से इब्राहिमपट्टी के सभी दुकानदार आक्रोशित हो गए।और अपनी दुकानें बंद कर किड़ीहरापुर-इब्राहिमपट्टी मार्ग को आधे घंटे तक आंशिक रूप से जाम कर दिया। जाम की सूचना मिलते ही मौके पर थानाध्यक्ष यादवेंद्र पांडेय पहुंच कर आक्रोशित दुकानदारों को समझा बुझाकर मुकदमा दर्ज कर घटना का शीघ्र खुलासा करने काआश्वासन देकर कर जाम समाप्त कराया। इस संबंध में जब थानाध्यक्ष से पूछा तो बताया कि मैंने पीड़ित को लौटाया नहीं बल्कि हमने जांच पड़ताल करने की बात कही थी।