बसपा सुप्रीमो मायावती ने गरीब सवर्णों के लिये मांगा आरक्षण

- लखनऊ 7 अगस्त 2018 ।।
बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने लोकसभा में पास हुए अनुसूचित जाति /जनजाति अत्याचार निवारण संशोधन विधेयक 2018 का स्वागत किया है । यही नहीं केंद्र सरकार द्वारा पिछड़ा वर्ग आयोग को संवैधानिक दर्जा दिए जाने के कदम का भी समर्थन किया है. आर्थिक आधार पर भी आरक्षण की अपनी मांग को दोहराते हुए कहा है कि इस संबंध में केंद्र सरकार संविधान संशोधन विधेयक लाती है तो बसपा इसका समर्थन करेगी ।
बसपा सुप्रीमो मायावती ने मंगलवार को कहा विभिन्न राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव को देखते हुए ही केंद्र सकार मजबूरी में एससी-एसटी अत्याचार निवारण कानून को पहले की तरह मूल रूप में बहाल करने संबंधित संशोधन विधेयक लाई. जो लोकसभा में पास हो गया है. बसपा को उम्मीद है कि ये राज्यसभा में भी जरूर पास हो जाएगा. उन्होंने कहा कि इस विधेयक को काफी देर से लाया गया, जिसके कारण इन वर्गों को काफी नुकसान हुआ है. फिर भी बसपा इस विधेयक का स्वागत करती है ।
उन्होंने कहा कि इसका श्रेय उनकी पार्टी एससी-एसटी वर्गों के तमाम लोगों को देती है, जिसमें बसपा समर्थक भी शामिल हैं. मायावती ने कहा कि ये लोग ही बीजेपी और केंद्र सरकार पर दबाव बनाने के लिए इसी साल 2 अप्रैल को भारत बंद अभियान में सक्रिय रहे. जिनका अभी तक सरकारी उत्पीड़न किया जा रहा है. कई लोगों को फर्जी आरोपों में जेल में भी कैद कर दिया गया है. कुछ ने तो जान भी गंवा दी है. उन्होंने कहा कि बसपा जेल में बंद ऐसे सभी लोगों की रिहाई की मांग करती है ।
'प्रमोशन में आरक्षण को प्रभावी बनाए सरकार'
मायावती ने कहा कि इसके साथ ही केंद्र सरकार से बसपा की मांग है कि इस वर्ग की सरकारी नौकरियों में प्रमोशन, पदोन्नति को पूरी तौर से प्रभावी बनाए. बसपा सुप्रीमो ने कहा कि जहां तक केंद्र सरकार द्वारा पिछड़ा वर्ग आयोग को संवैधानिक दर्जा दिए जाने का सवाल है तो इसका भी हमारी पार्टी स्वागत करती है. लेकिन यह प्रयास कागजी नहीं होना चाहिए. पिछड़े वर्ग को संवैधानिक व कानूनी हक भी पूरी ईमानदारी से मिलना चाहिए.
मायावती ने कहा कि बीजेपी व आरएसएस एंड कंपनी के लोगों की चाल, चरित्र और चेहरे से ऐसा नहीं लगता है कि देश में दलितों, आदिवासियों, व पिछड़ों को देश भर में आरक्षण में खाली पड़े लाखों पदों को भरकर इन्हें थोड़ा आगे बढ़ने का मौका देगी.
इसके साथ ही मायावती ने कहा कि बसपा सर्वसमाज में से अपरकास्ट समाज व मुस्लिम व अन्य धार्मिक अल्पसंख्यक समाज के गरीबों को भी आर्थिक आधार पर अलग से आरक्षण देने के लिए संविधान संशोधन के पक्ष रही है. बसपा कई बार संसद व संसद के बाहर जोरदार मांग कर चुकी है. यही नहीं यूपी में मुख्यमंत्री रहने के दौरान भी उन्होंने केंद्र सरकार को इस संबंध में चिट्ठी लिखी. आज फिर से बसपा का कहना है कि अगर केंद्र की सरकार इस पर संविधान संशोधन विधेयक लाती है तो बसपा इसका समर्थन करेगी ।
बसपा सुप्रीमो मायावती ने गरीब सवर्णों के लिये मांगा आरक्षण
Reviewed by बलिया एक्सप्रेस
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August 07, 2018
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