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.....आखिरकार गरीबो से लिये 70 हज़ार रुपये और बकरा करना पड़ा वापिस

नगरा बलिया 23 अगस्त 2018 ।।राजा को पता नही, भीलो ने बांट लिए वन,
की कहावत नगरा थाने की एक घटना पर चरितार्थ हो रही है । यह घटना तथाकथित रूप से थाने में डेढ़ माह तक बंधक हत्यारोपी सुनील के साथ हुई है।थाने के नाम पर सत्ता दल के एक कार्यकर्ता को सुनील के परिजनों से लिया गया 70 हजार रुपया व बकरा गुरुवार को वापस करना पड़ा।जबकि सुुनील की माँ ने साफ कहा था कि मेरे बेटे को थाने की बंधक से छुड़ाने के लिये डेढ़ लाख रुपये मांगा गया है ।यह सारा गणित सत्ता पक्ष के एक नेता जी की थी , पुलिस के नाम पर पैसे लेकर खुद ही मजे उड़ा रहे थे । सत्ता पक्ष के  फायर ब्रांड नेता के आदेश पर कार्यकर्ताओं द्वारा दबाव बनाये जाने पर गरीबो का पैसा दलाल नेता को लौटना पड़ा जो क्षेत्र में चर्चा का विषय बना हुआ है।
        बता दे कि नगरा थाना क्षेत्र के एकभीतिया (ताड़ी बड़ा गाँव) निवासी सुनील चौहान की पत्नी 19 मार्च को गले मे फंदा डालकर  आत्महत्या कर ली।मायके वालों ने कोर्ट के आदेश पर सुनील व उसके परिजनों पर हत्या का मुकदमा थाने पर दर्ज करा दिया।पुलिस ने हत्या आरोपी सुनील को 28 जून को थाने ले आई।तभी से हिरासत में रखी हुई थी।सुनील से खाना आदि बनाने का काम लेती थी।इसीबीच सुनील के परिजनों की सत्ता पक्ष के एक कार्यकर्ता से मुलाकात हुई और व अपनी व्यथा  सुनाए।सत्ता पक्ष के कार्यकर्ता ने मोटी रकम की मांग की और कहा कि रकम मिलने पर ही युवक थाने से छूट पाएगा।मोटी रकम सुनील के परिजन देने में असमर्थ थे किंतु गहना बंधक रख व अपने रिश्तेदारों से कर्ज लेकर कार्यकर्ता को सत्तर हजार दे दिए।इधर शेष रकम की मांग कार्यकर्ता द्वारा जारी थी।कार्यकर्ता ने पुलिस को दावत के नाम पर बकरा व एक बोरी चावल भी ले लिया।तभी सुनील के बंधक की खबर मीडिया तक पहुच गई और मीडिया के सक्रिय होते ही 12 अगस्त को रात में पुलिस ने युवक से सादे कागज पर दस्तखत कराकर छोड़ दिया।यह बात भाजपा के फायरब्रांड नेता तक पहुँच गई तो वह अपने कार्यकर्ताओं को निर्दोष सुनील की मदद करने को कहे।तब भाजपा के अन्य कार्यकर्ता सुनील के परिजनों से मिले तो मालूम हुआ कि अपने ही दल के एक कार्यकर्ता ने सत्तर हजार रुपया, बकरा व चावल ले लिया है।कार्यकर्ताओ ने पैसा वापसी हेतु दबाव बनाना शुरू किया।अंततःसत्ता दल के कार्यकर्ता को गुरुवार को सुनील के परिजनों को  अन्य भाजपा कार्यकर्ताओ के सामने पैसा व बकरा वापस करना पड़ा।