Home
/
Unlabelled
/
मोदी के एजेंडे में खतरा थे 'घर वापसी' कैंपेन के प्रचारक, संघ ने भेजा छुट्टी पर: दावा
मोदी के एजेंडे में खतरा थे 'घर वापसी' कैंपेन के प्रचारक, संघ ने भेजा छुट्टी पर: दावा

- नईदिल्ली 31 जुलाई 2018 ।।
केंद्र में बीजेपी सरकार को पूर्ण बहुमत मिलने के साथ ही संघ ने 'घर वापसी' कैंपेन के सर्वेसर्वा राजेश्वर सिंह को अनिश्चित काल के लिए छुट्टी पर भेज दिया था.
इसके पीछे सबसे बड़ा कारण था कि इस तरह की एक्टिविटी मोदी सरकार द्वारा किए गए वादों को पूरा करने में पहले ही साल बाधा पहुंचा सकती थी क्योंकि विपक्ष लगातार इस मुद्दे को संसद में उठा रहा था ।वाल्टर के एंडरसन और श्रीधर दामले द्वारा लिखित किताब 'आरएसएस ए व्यू टू द इनसाइड' मेब धर्म जागरण समिति के मुखिया और आरएसएस प्रचारक राजेश्वर सिंह मुसलमानों और ईसाईयों को फिर से हिंदू धर्म में शामिल करने की मुहिम में लगे थे. लेकिन आगरा में एक कैंपेन के दौरान इसकी काफी पब्लिसिटी हो जाने पर उन्हें इस जिम्मेदारी से मुक्त कर दिया गया ,
यह दावा किया गया है ।
उस वक्त राजेश्वर सिंह के 'लव जिहाद' के कैंपेन को लेकर भी काफी हो-हल्ला हो रहा था. उनका कहना था कि ये कैंपेन समय की ज़रूरत है क्योंकि पश्चिमी उत्तर प्रदेश में लव जिहाद के कारण मुस्लिमों की आबादी लगातार बढ़ती जा रही है. लेखकों के अनुसार धर्मांतरण, घर वापसी और लव जिहाद ऐसे मुद्दे हैं जो कि इस्लाम के फैलाव को रोकते हैं ।
किताब में विस्तार से बताया गया है कि आखिर संघ मुस्लिमों की बढ़ती हुई आबादी को लेकर क्यों चिंतित है और घर वापसी उनके लिए क्यों ज़रूरी है? इसमें बताया गया है कि 2011 की जनगणना के अनुसार देश में मुस्लिमों की आबादी देश की कुल आबादी की 14.23 फीसदी थी और उत्तर प्रदेश में इनकी आबादी उत्तर प्रदेश की कुल आबादी की 19.26 फीसदी थी, जबकि 1991 में ये 11.7 फीसदी थी. इसी दौरान हिंदुओं की जनसंख्या 82.4 फीसदी से घटकर 79.8 फीसदी रह गई ।
1991-2001 के बीच मुस्लिमों की जनसंख्या वृद्धि दर 3 फीसदी थी जो कि 2001-11 के बीच घटकर 2.2 फीसदी रह गई. इसी दौरान हिंदुओं की वृद्धि दर 1.8 से घटकर 1.6 फीसदी रह गई ।
संघ परिवार में धर्मांतरण यानी कि घर वापसी से जुड़े हुए दो संगठन हैं पहली- 'धर्म जागरण' नाम की अर्द्ध स्वायत्त संस्था है जो कि आरएसएस द्वारा शुरू किया गया है जबकि दूसरा 'धर्म जागरण समिति' है जो कि वीएचपी का हिस्सा है. आरएसएस का धर्म जागरण जिसका हिस्सा है उसे 'गतिविधि' कहा जाता है. इसका उद्देश्य परिवारों में बेहतर तरीके से समन्वय करना है जो कि और व्यापक तौर पर धर्मांतरित हुए लोगों के बीच सामाजिक एकीकरण का काम भी करता है ।
गतिविधि के अंतर्गत काम करने वाली अर्द्ध स्वायत्त संस्थाएं परिवारों की काउंसिलिंग करने, सामाजिक समरसता फैलाने, गांव के विकास और गौरक्षा का काम करती है. सामाजिक समरसता के अंतर्गत ये संस्था अंतर-जातीय मतभेदों को खत्म करने की कोशिश करती है ।
आरएसएस के अनुसार ये बहुत ज़रूरी है क्योंकि इसके द्वारा सामाजिक एकता बढ़ती है जो कि हिंदुत्व का मुख्य उद्देश्य है ।
(साभार न्यूज 18)
मोदी के एजेंडे में खतरा थे 'घर वापसी' कैंपेन के प्रचारक, संघ ने भेजा छुट्टी पर: दावा
Reviewed by बलिया एक्सप्रेस
on
July 31, 2018
Rating: 5