खेल मे खेल की जब हद हो गयी पार,जिला व्यायाम शिक्षिका ने डीआईओएस बलिया को पत्र के माध्यम से पढ़ाया नियम का पाठ
शिक्षा निदेशक (माध्यमिक ) के पत्र के आठ बिन्दुओ पर डीआईओएस द्वारा की गयी कार्यवाही को बताया अवैधानिक
खेल सचिव व कोषाध्यक्ष के चयन को भी बताया गलत
मधुसूदन सिंह
बलिया।। जिला क्रीड़ा समिति के द्वारा खेल मे किये जा रहे खेल को उजागर कर रहें बलिया एक्सप्रेस की बातें अब धीरे धीरे सच साबित होने लगी है। बलिया एक्सप्रेस का शुरू से ही यह मानना है कि पदेन अध्यक्ष होने के नाते डीआईओएस को मनमाने तरीके से और अपनी पसंद के व्यक्ति को सचिव व कोषाध्यक्ष चुनने का अधिकार ही नहीं है। यही नहीं समिति मे कौन कौन सदस्य रहेंगे, इसके लिये भी ऊपर से ही नीति निर्धारित है। लेकिन डीआईओएस बलिया ने न सिर्फ समिति के सदस्य बनाने मे अपनी मनमानी की है बल्कि कोषाध्यक्ष व सचिव बनाने मे भी नियमों को ताक पर रख दिया है। लेकिन ऐसा नहीं है कि कोई इनका विरोध नहीं कर सकता है। जिला व्यायाम शिक्षिका नीतू सिंह ने डीआईओएस बलिया को पत्र भेजकर सलीके से नियमों का पाठ पढ़ाते हुए जिला क्रीड़ा समिति के चयन को अवैधानिक करार देते हुए शिक्षा निदेशक (माध्यमिक ) के पत्र के आठ बिन्दुओ पर नियम विरुद्ध कार्य करने का आरोप लगा दिया है।
कहा है कि कृपया शिक्षा निदेशक (मा०) उत्तर प्रदेश, लखनऊ महोदय के पत्रांक खेल प्रकोष्ठ/915 1128/2025 26 दिनांक 30 मई 2025 का सन्दर्भ ग्रहण करने का कष्ट करें। महोदय उक्त पत्र में निर्दिष्ट बिंदु संख्या 01, बिंदु संख्या 04, बिंदु संख्या 05, बिंदु संख्या 10, बिंदु संख्या- 27, बिंदु संख्या- 29, बिंदु संख्या 32 एवं बिंदु संख्या 33 का जनपद बलिया के विद्यालयी खेल व्यवस्था में पूर्णतया उल्लंघन किया जा रहा है।
नीतू सिंह ने कहा है कि महोदय, उपरोक्त वर्णित शिक्षा निदेशक (मा०) महोदय के निर्देश बिन्दुओं के उल्लंघन के दुष्प्रभाव से जनपद बलिया की विद्यालयी खेलकूद व्यवस्था पूर्णतया ध्वस्त हो चुकी है जिसके कारण अद्यतन बलिया में सत्र 2025-26 में तैराकी, डाइविंग, वाटर पोलो, तीरंदाजी, सूटिंग, जिम्नास्टिक, टेवल टेनिस एवं बैडमिंटन सहित कुल आठ जनपदीय खेलों में प्रतिभागिता संख्या शून्य रही है तथा कराटे एवं हँडबॉल की प्रतियोगिता में खिलाड़ियों की नगण्य प्रतिभागिता होने के कारण मण्डल स्तर पर प्रतिभाग करने के लिए जनपद बलिया की किसी भी आयु वर्ग के बालक अथवा बालिका की नियमानुसार एक भी पूर्ण टीम मण्डलीय प्रतियोगिता में प्रतिभाग करने का मानक पूर्ण नहीं कर पायी है।
कहा है कि महोदय, आपके कार्यालय पत्रांक- 3556-59 / 2025-26 दिनांक 23 जुलाई 2025 के द्वारा जनपदीय क्रीड़ा समिति, बलिया के गठन विषयक, जिला क्रीडा समिति की बैठक की सूचना पर दिनांक 25 जुलाई 2025 को आपकी कार्यालय कक्ष में आयोजित बैठक में वांक्षित संख्या में सदस्यों की उपस्थिति नहीं होने के कारण आप द्वारा कोरम के अभाव में जिला क्रीड़ा समिति बलिया की बैठक को आप द्वारा यह कहते हुये करते हुए स्थगित कर दिया गया था कि, जिला क्रीड़ा समिति बलिया के अगली बैठक की सूचना पृथक से दी जायेगी, किन्तु सोशल मीडिया के माध्यम से यह पता चला है कि आप द्वारा बिना किसी बैठक, के ही जिला क्रीड़ा समिति का गठन करते हुए एक ही विद्यालय (रामदहिन सिंह इण्टर कालेज, आमघाट) के शारीरिक शिक्षा शिक्षक श्री दिनेश प्रसाद को जिला क्रीड़ा सचिव एवं प्रधानाचार्य श्री आशुतोष सिंह को कोषाध्यक्ष जैसे उत्तरदायी एवं संवेदनशील व महत्वपूर्ण पद पर को नामित करते हुए जिला विद्यालय क्रीड़ा समिति घोषित कर दिया गया है। सोशल मीडिया से पता चला है कि आपके कार्यालय से जिला खेल कार्यक्रम भी घोषित कर दिया गया है।
श्रीमती सिंह कहा है कि यह अतिसंवेदनशील विषय है कि आप द्वारा शिक्षा निदेशक (मा०) के दिशानिर्देशों पर दृष्टिगोपन करते हुये अवैधानिक तरीके से गठित की गई जिला क्रीड़ा समिति एवं निर्गत किए गए जनपदीय खेल कैलेण्डर के कारण बलिया जनपद के प्रतिभावान खिलाड़ियों की खेल प्रतियोगिताओं में सम्भावित/वांछित संख्या में प्रतिभागिता नहीं हो पा रही है।
श्रीमती नीतू सिंह ने अंत मे कहा है कि आपसे करबद्ध निवेदन है कि जनपद बलिया के उत्कृष्ट व ऊर्जावान खिलाड़ियों के भविष्य को दृष्टिगत रखते हुए जिला क्रीड़ा समिति बलिया की वैधानिक बैठक बुलाने एवं जनपद बलिया के खेल प्रतिभाओं की खेल प्रतियोगिताओं में प्रतिभागिता सुनिश्चित कराने की महती कृपा करें।श्रीमती सिंह ने इस पत्र की प्रतिलिपि संबंधित सभी उच्चधिकारियों को भी भेजी है।
कौन हो सकता है कोषाध्यक्ष व सचिव
शिक्षा निदेशक (माध्यमिक ) के पत्र -पत्रांक खेल प्रकोष्ठ /915-1128/2025-26 दिनांक 30 मई 2025 मे साफ तौर से जिला क्रीड़ा समिति के गठन के लिये निर्देश दिये गये है। इसमें कौन कौन सदस्य होंगे, किनको कोषाध्यक्ष व किनको सचिव बनाया जायेगा, स्पष्ट रूप से निर्देशित किया गया है।
इसके अनुसार समिति मे प्रधानाचार्य और खेल शिक्षक को नामित करने का आधार उनके विद्यालय द्वारा विगत शैक्षिक सत्र मे जनपद /मंडल स्तर की खेलकूद प्रतियोगिताओं मे सम्मिलित प्रतिभागियों की संख्या एवं राज्य स्तरीय / राष्ट्रीय विद्यालयी खेलकूद प्रतियोगिताओं मे प्रतिभागियों द्वारा किया गया प्रदर्शन होगा। लेकिन डीआईओएस बलिया ने इस नियम की धज्जियां उड़ाते हुए एक ही विद्यालय रामदहीन सिंह इंटर कॉलेज आमघाट के प्रधानाचार्य को कोषाध्यक्ष और यही के खेल शिक्षक को सचिव बना दिये, जो कही से भी वैधानिक नहीं है।
नियमतः इस बार कोषाध्यक्ष व सचिव का चुनाव सिर्फ कुंवर सिंह इंटर कॉलेज, टाउन इंटर कॉलेज बलिया, उच्चतर माध्यमिक विद्यालय देवकली, पीएन इंटर कॉलेज दूबे छपरा और जनता इंटर कॉलेज नगरा मे से ही होना चाहिये। क्योंकि इस वर्ष विगत 12 जून को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इन्ही विद्यालयों के तीन नेशनल गोल्ड मेडल जीतने वाले खिलाड़ियों को न सिर्फ मुख्यमंत्री खेल पुरस्कार के तहत उत्कृष्टम खिलाड़ी का पुरस्कार दिये बल्कि 75-75 हजार रूपये भी प्रदान किये। ऐसे मे राम दहीन सिंह इंटर कॉलेज आमघाट के प्रधानाचार्य व खेल शिक्षक को कोषाध्यक्ष व सचिव बनाना तो छोड़िये समिति के सदस्य बनने की भी योग्यता नहीं है।
ये है विद्यालय व उनके खिलाड़ी, जिन्होंने देश मे लहराया है जनपद का झंडा.....
कुंवर सिंह इंटर कॉलेज बलिया के शुभम जिसने खो खो की यूपी स्कूल चैंपियनशिप मे सिल्वर, स्कूल नेशनल के साथ ही वर्तमान मे खेलों इण्डिया की राष्ट्रीय स्कूली टीम के 48 बच्चों मे से एक है।
श्री मुरली मनोहर टाउन इंटर कॉलेज बलिया के गोलू है जो पिछले सत्र मे खो खो के नेशनल मे गोल्ड मैडलिस्ट है और इनको मुख्यमंत्री योगी जी ने 12 जून को मुख्यमंत्री खेल पुरस्कार के तहत उत्कृष्टम खिलाड़ी का सम्मान व 75 हजार रूपये से सम्मानित किये है।
पीएन इंटर कॉलेज दूबे छपरा के हनी सोनी जो पिछले सत्र के राष्ट्रीय कराटे चैंपियनशिप मे गोल्ड मैडल जीते है, को मुख्यमंत्री योगी जी ने मुख्यमंत्री खेल पुरस्कार के तहत उत्कृष्टम खिलाड़ी का सम्मान व 75 हजार रूपये से सम्मानित किये।
जनता इंटर कॉलेज नगरा के कृष्णा सिंह ने राष्ट्रीय प्रतियोगिता के गोला फेक मे गोल्ड मेडल जीता है।
अब सवाल यह उठता है कि आमघाट के प्रधानाचार्य और खेल शिक्षक मे डीआईओएस बलिया ने ऐसा कौन सा उत्कृष्टम हुनर देखा जो नियमों से परे जा कर कोषाध्यक्ष व सचिव बना दिये। कही ये दोनों लोग खेल से ज्यादे किसी और खेल के उस्ताद तो नहीं है।
नोट : अभी खेल मे खेल की और कड़ियाँ बाकी है।