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गोरखपुर में योगी आदित्यनाथ का विकास–समर्पण संगम : विपिन रावत स्मृति कार्यक्रम से युवाओं के आधुनिक कौशल तक

 









गोरखपुर।। मंगलवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आगमन से दिनभर राजनीतिक, सैन्य-स्मृति और विकासगत गतिविधियों का केंद्र बना रहा। दो दिवसीय प्रवास के दौरान मुख्यमंत्री का कार्यक्रम बेहद संकुचित समय-सारिणी में लगातार आगे बढ़ता रहा और शहर ने सुबह से देर शाम तक कई महत्वपूर्ण क्षणों का साक्षी बनने का अवसर पाया।


मुख्यमंत्री का पहला कार्यक्रम फर्टिलाइज़र परिसर में आयोजित था, जहाँ स्वर्गीय जनरल बिपिन रावत की स्मृति में निर्मित प्रेक्षागृह का औपचारिक उद्घाटन हुआ। प्रेक्षागृह के निर्माण में आधुनिक संरचना, विस्तृत उपयोगिता और आने वाले समय में सैनिक व शैक्षिक आयोजनों की संभावनाओं को ध्यान में रखकर विशेष तैयारियाँ की गई हैं। उद्घाटन के साथ ही परिसर में स्थापित जनरल रावत की प्रतिमा का अनावरण भी किया गया। समारोह में सेना से जुड़े वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति ने इसे और गंभीर व भावनात्मक वातावरण प्रदान किया। मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि जनरल रावत ने केवल सेना का नेतृत्व ही नहीं किया, बल्कि देश की सुरक्षा नीति को भी नई दिशा दी। उन्होंने युवाओं से कहा कि राष्ट्र के प्रति निष्ठा और कर्तव्यबोध जैसी विशेषताएँ ही ऐसे सेनानायकों को महान बनाती हैं और इन्हीं मूल्यों से देश का भविष्य सुरक्षित होता है।


फर्टिलाइज़र परिसर से निकलने के बाद मुख्यमंत्री सीधे गोरखनाथ मंदिर पहुँचे। मुख्य मंदिर में उन्होंने बाबा गोरखनाथ और गुरु अवैद्यनाथ के समक्ष विधिवत पूजा-अर्चना की। उनकी यह यात्रा केवल धार्मिक औपचारिकता नहीं बल्कि गोरखपुर के सांस्कृतिक चरित्र से उनका गहरा संबंध भी दर्शाती है, जो हर दौरे में स्पष्ट रूप से दिखाई देता है।


दोपहर बाद मुख्यमंत्री का काफ़िला पिपरौली ब्लॉक के नरकटहा क्षेत्र पहुँचा, जहाँ उन्हें नव-निर्मित राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान (ITI) भवन का उद्घाटन करना था। यह संस्थान पावर ग्रिड कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड द्वारा सामाजिक दायित्व (CSR) के अंतर्गत विकसित किया गया है। कार्यक्रम में उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि आने वाले वर्षों में रोजगार का स्वरूप तकनीक-आधारित होने जा रहा है और सरकार इस परिवर्तन को समझते हुए प्रशिक्षण संरचना को उसी अनुरूप ढाल रही है। उन्होंने बताया कि ITI में ड्रोन टेक्नोलॉजी, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, रोबोटिक्स, 3D प्रिंटिंग और IoT जैसे ट्रेड विकसित किए जा रहे हैं, ताकि युवा बदलते औद्योगिक परिवेश में पीछे न रहें। गोरखपुर को औद्योगिक विस्तार के नए केंद्र के रूप में विकसित करने की दिशा में यह ITI अहम भूमिका निभाएगा।


दौरे के दौरान मुख्यमंत्री ने कई अवसरों पर यह भी कहा कि भारत के लिए वास्तव में महान वही हैं जिन्होंने अपने जीवन को देश की रक्षा और सेवा के लिए समर्पित किया है। उन्होंने स्पष्ट कहा कि विदेशी आक्रांताओं को महान बताने की प्रवृत्ति न केवल इतिहास के साथ अन्याय है बल्कि देश की आत्मा के भी विपरीत है। जनरल रावत की पुण्यतिथि पर उन्होंने सैनिकों और उनके परिवारों के प्रति सम्मान व्यक्त करते हुए कहा कि उनकी निष्ठा और बलिदान ही भारत को सुरक्षित रखते हैं। उन्होंने लोगों से आग्रह किया कि सैनिकों के प्रति सम्मान केवल शब्दों का प्रयोग न होकर, उनके मूल्यों को जीवन में अपनाने की प्रेरणा भी बने।


मुख्यमंत्री का यह पूरा दौरा केवल उद्घाटनों की श्रृंखला भर नहीं था, बल्कि यह विकास और राष्ट्रभाव के दो स्तंभों को जोड़ने का प्रयास भी था। गोरखपुर जैसे तेजी से बदलते क्षेत्र के लिए युवा प्रशिक्षण, औद्योगिक वृद्धि और आधुनिक तकनीक से जुड़ी पहलें भविष्य की दिशा तय करती हैं। वहीं जनरल रावत की स्मृति में बनाए गए प्रेक्षागृह और प्रतिमा से यह संदेश गया कि प्रदेश सरकार देश के रक्षकों और उनके योगदान को सम्मानपूर्ण स्थान देने के लिए प्रतिबद्ध है।


गोरखपुर ने इस मंगलवार को एक ओर सैन्य शौर्य के स्मरण का क्षण देखा, तो दूसरी ओर तकनीक आधारित कौशल विकास की नई संभावनाओं का खुला मार्ग भी। मुख्यमंत्री के दौरे ने शहर को भावनात्मक, सांस्कृतिक और विकासात्मक—तीनों ही स्तरों पर एक नई ऊर्जा प्रदान की।