काश,मेडिकल कॉलेज होता तो बच सकती थी नवजात शिशु की जान : बलिया मे वेंटीलेटर की कमी ने ली नवजात की जान
100 सैया युक्त जिला महिला अस्पताल में बच्चों की सांसों के लिए एक भी वेंटलीटर की उपलब्धता नहीं
बलिया।।जनपद बलिया के लिये मेडिकल कॉलेज कितना जरुरी है, इसका नजारा आज महिला चिकित्सालय मे नवजात की मौत के बाद सामने आया है। चिकित्सक के अनुसार अगर बच्चों वाला वेंटीलेटर होता तो नवजात की जान बच जाती क्योंकि बच्चों वाला वेंटीलेटर सिर्फ मेडिकल कॉलेज मे ही होता है।
बता दे कि हनुमानगंज निवासी अभिषेक चौहान की पत्नी को सुबह 6:30 बजे एक बच्चा नॉर्मल डिलीवरी से पैदा हुआ लेकिन कुछ देर बाद बच्चे की हालत ख़राब हो गयी।
परिजनों द्वारा अस्पताल मे तैनात चिकित्सक डॉ राजकुमार साहनी को बच्चा दिखाया गया। डॉ साहनी ने बच्चे की हालत गंभीर बताते हुए भर्ती करके ऑक्सीजन के सपोर्ट से इलाज शुरू किया। आधे घंटे के प्रयास के बाद भी बच्चे को बचाया नही जा सका।
चिकित्सक डॉ साहनी ने कहा कि के वेंटीलेटर के अभाव में बच्चों ने अपना दम तोड़ दिया। कहा कि अगर वेंटीलेटर होता तो बच्चे को बचाया जा सकता था।


