सीएम नीतीश कुमार ने गृह मंत्रालय देकर भी कर दिया खेला, अभी प्रशासनिक अधिकारियों की ट्रांसफर पोस्टिंग सीएम के ही पास
पटना।। नीतीश कुमार की नई राजग सरकार में विभागों के बंटवारे ने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है। इस बार गृह विभाग भाजपा के खाते में चला गया है, और उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी को यह मंत्रालय मिला हैं। जबकि नीतीश कुमार ने इसके बदले महत्वपूर्ण विभाग जेडीयू के पास रख लिया है। गृह विभाग बीजेपी को देना नीतीश कुमार द्वारा भाजपा की पुरानी मांग को स्वीकार करने जैसा है। कई लोग इसे नीतीश कुमार की कमजोरी मान रहे हैं, लेकिन क्या सच में ऐसा है?
गृह विभाग के जाने के बावजूद नीतीश कुमार के पास क्या 'सुपर पावर' बरकरार है, और बिहार की राजनीति में इस बदलाव के क्या मायने हैं। यह एक नया 'खेला' है, जिसके पीछे की रणनीति को समझना जरूरी है।
क्यों लिया वित्त मंत्रालय
नीतीश कुमार इस बार की जीत से समझ गये है कि इस जीत मे वित्त मंत्रालय का कितना बड़ा योगदान है। जानते है कि अगर महिलाओं के लिये चुनाव घोषणा से पहले 10 हजार रूपये नही भेजे होते तो परिणाम आज दूसरा हो सकता था। साथ ही लगातार 9 बार से मुख्यमंत्री का दायित्व संभालने वाले नीतीश कुमार यह भी जानते है कि बिहार मे प्रशासनिक तंत्र पर किस मंत्रालय का सब से बड़ा कंट्रोल रहता है। पूरी स्टडी करने के बाद नीतीश कुमार ने सम्राट चौधरी को गृह मंत्रालय सौपा है जबकि जनता मे अपनी पकड़ और मजबूत करने के लिये इसके बदले वित्त मंत्रालय वापस लिया है।
गृह विभाग के मंत्री के पास क्या शक्तियां होती हैं?
राज्य में गृह विभाग का मंत्री पुलिस बल का सर्वोच्च राजनीतिक प्रमुख होता है। इसका मतलब है कि पुलिस महानिदेशक (DGP) सहित सभी पुलिस अधिकारी और कर्मी सीधे गृह मंत्री के प्रति जवाबदेह होते हैं। गृह विभाग कानून-व्यवस्था बनाए रखने, अपराध नियंत्रण, खुफिया तंत्र और आंतरिक सुरक्षा से संबंधित सभी महत्वपूर्ण नीतियों और कार्रवाइयों को नियंत्रित करता है। हालांकि, जिला स्तर पर पुलिस अधीक्षक (SP) को जिला दंडाधिकारी (DM) को रिपोर्ट करना होता है, जो सामान्य प्रशासन विभाग के अधीन आता है।
सीएम नीतीश कुमार की 'सुपर पावर' कैसे बरकरार?
गृह विभाग जाने के बावजूद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अभी भी 'सुपर पावर' बने हुए हैं। उनके पास सामान्य प्रशासन विभाग (GAD Bihar) है, जो राज्य के पूरे प्रशासनिक तंत्र को नियंत्रित करता है। मुख्य सचिव और सभी IAS/BAS अधिकारी इसी विभाग के मातहत होते हैं। जिलों में सबसे बड़े अधिकारी, जिला दंडाधिकारी (DM), सीधे GAD को रिपोर्ट करते हैं, और पुलिस अधिकारी भी उन्हें रिपोर्ट करते हैं। इसके अतिरिक्त, नीतीश कुमार के पास मंत्रिमंडल सचिवालय, निर्वाचन और सबसे महत्वपूर्ण निगरानी विभाग भी है, जो पुलिस-प्रशासन दोनों पर नजर रखता है, जिससे उनकी पकड़ बनी रहती है।
सामान्य प्रशासन विभाग: यहीं से होता है ट्रांसफर-पोस्टिंग का 'पूरा खेल'
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के पास का सामान्य प्रशासन विभाग (GAD) ही राज्य में उनकी 'सुपर पावर' का मूल कारण है। यह विभाग किसी भी अन्य मंत्रालय से अधिक ताकतवर होता है क्योंकि यह जिलाधिकारी (DM), पुलिस अधीक्षक (SP) सहित सरकार के अन्य सभी विभागों में कार्यरत सचिव स्तर के पदाधिकारियों का ट्रांसफर और पोस्टिंग करता है। प्रशासनिक मशीनरी पर सीधा नियंत्रण रखने वाला यह विभाग मुख्यमंत्री के पास होने का मतलब है कि, भले ही गृह विभाग भाजपा को मिल गया हो, लेकिन राज्य की पूरी प्रशासनिक रीढ़ पर अंतिम नियंत्रण नीतीश कुमार का ही है। यह उनकी राजनीतिक और प्रशासनिक पकड़ को मजबूती देता है।


