देश के शीर्ष 10 नगर निगमो मे गोरखपुर को मिला जल संचय जन भागीदारी कार्यक्रम मे तीसरा पुरस्कार, सीएम योगी से महापौर व नगर आयुक्त ने की शिष्टाचार भेंट
लखनऊ।। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से दिनांक 19 नवंबर 2025 को उनके सरकारी आवास 5-कालिदास मार्ग, लखनऊ में महापौर, गोरखपुर, डॉ० मंगलेश श्रीवास्तव एवं नगर आयुक्त, गौरव सिंह सोगरवाल ने शिष्टाचार भेंट की। सूच्य हो कि गोरखपुर नगर निगम को जल संचय जन भागीदारी अभियान (JSJB 1.0) में उत्कृष्ट कार्यों के लिए राष्ट्रीय स्तर पर तीसरा स्थान एवं प्रदेश में प्रथम स्थान प्राप्त हुआ। 18 नवम्बर 2025 को आयोजित समारोह में महामहिम राष्ट्रपति महोदया द्वारा प्रशस्ति पत्र एवं ₹2 करोड़ की प्रोत्साहन राशि प्रदान की गई।
गौरव की बात यह है कि पूरे देश के शीर्ष 10 नगर निगमों में गोरखपुर को तीसरा स्थान मिला। इस उपलब्धि के लिए नगर आयुक्त गौरव सिंह सोगरवाल और महापौर डॉ. मंगलेश श्रीवास्तव को राष्ट्रपति द्वारा सम्मानित किया गया। नगर निगम को मिला यह सम्मान गोरखपुर की जनता की सक्रिय भागीदारी, निगम कर्मचारियों की मेहनत और राज्य सरकार के प्रभावी मार्गदर्शन का परिणाम माना जा रहा है। दिल्ली में सम्मान पाने के बाद गोरखपुर नगर निगम में भी इसका जश्न मनाया गया।
राष्ट्रपति ने 18 नवंबर को किया था पुरस्कृत
राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने 18 नवंबर, 2025 नई दिल्ली में आयोजित एक समारोह में छठे राष्ट्रीय जल पुरस्कार और जल संचय-जन भागीदारी पुरस्कार प्रदान किया ।
राष्ट्रपति ने इस अवसर पर कहा कि मानव सभ्यता की गाथा नदी घाटियों, समुद्र तटों और विभिन्न जल स्रोतों के आसपास बसे समूहों की कहानी है। हमारी परंपरा में नदियां, झीलें और अन्य जल स्रोत पूजनीय हैं। हमारे राष्ट्रीय गीत में बंकिम चंद्र चटर्जी द्वारा लिखा गया पहला शब्द "सुजलम्" है। इसका अर्थ है "प्रचुर जल संसाधनों से धन्य"। यह तथ्य हमारे देश के लिए जल की प्राथमिकता को दर्शाता है।
राष्ट्रपति ने कहा कि जल का कुशल उपयोग एक वैश्विक अनिवार्यता है। हमारे देश के लिए जल का कुशल उपयोग और भी महत्वपूर्ण है क्योंकि हमारी जनसंख्या की तुलना में हमारे जल संसाधन सीमित हैं। प्रति व्यक्ति जल उपलब्धता एक बड़ी चुनौती है। उन्होंने इस बात पर बल दिया कि जलवायु परिवर्तन जल चक्र को प्रभावित कर रहा है। ऐसे में, सरकार और जनता को जल उपलब्धता और जल सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए मिलकर काम करना चाहिए।
राष्ट्रपति को यह जानकर प्रसन्नता हुई कि पिछले वर्ष आरंभ की गई जल संचय-जनभागीदारी पहल के तहत 35 लाख से अधिक भूजल पुनर्भरण संरचनाओं का निर्माण किया गया है।
राष्ट्रपति ने कहा कि चक्रीय जल अर्थव्यवस्था प्रणालियों को अपनाकर, सभी उद्योग और अन्य हितधारक जल संसाधनों का प्रभावी उपयोग कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि जल उपचार और पुनःपरिसंचरण के साथ-साथ, कई औद्योगिक इकाइयों ने शून्य द्रव उत्सर्जन का लक्ष्य अर्जित कर लिया है। उन्होंने कहा कि ऐसे प्रयास जल प्रबंधन और संरक्षण के लिए उपयोगी हैं।
राष्ट्रपति ने केंद्र और राज्य सरकारों, जिला प्रशासनों, ग्राम पंचायतों और नगर निकायों के स्तर पर जल संरक्षण और उसके सुसंगत प्रबंधन को प्राथमिकता देने पर बल दिया। उन्हें यह जानकर प्रसन्नता हुई कि कई शैक्षणिक संस्थान, नागरिक समूह और गैर-सरकारी संगठन भी इस दिशा में योगदान दे रहे हैं। उन्होंने किसानों और उद्यमियों को जल का उपभोग कम करते हुए उत्पादन को अधिकतम करने के नवोन्मेषी तरीके अपनाने की सलाह दी। उन्होंने इस बात पर बल दिया कि व्यक्तिगत रूप से उत्साहपूर्वक योगदान देने वाले विवेकशील नागरिक भी जल-समृद्धि मूल्य श्रृंखला में महत्वपूर्ण हितधारक हैं। प्रभावी जल प्रबंधन केवल व्यक्तियों, परिवारों, समाज और सरकार की भागीदारी से ही संभव है।
राष्ट्रपति ने कहा कि जल का उपयोग करते समय, सभी को यह स्मरण करना चाहिए कि हम एक अत्यंत मूल्यवान संपत्ति का उपयोग कर रहे हैं। उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि जनजातीय समुदाय जल सहित सभी प्राकृतिक संसाधनों का अत्यंत सम्मान करते हैं। उन्होंने कहा कि जल संसाधनों का सर्वाधिक कुशल उपयोग हमारे सभी नागरिकों की जीवनशैली का अभिन्न अंग होना चाहिए। उन्होंने सभी को व्यक्तिगत और सामूहिक रूप से जल संरक्षण के प्रति निरंतर सतर्क रहने का परामर्श दिया। उन्होंने कहा कि हमारे देश की जन चेतना में जल जागरूकता फैलाना अत्यंत आवश्यक है। जल का संचयन और संरक्षण केवल जनशक्ति के माध्यम से ही संभव है।
राष्ट्रीय जल पुरस्कारों का उद्देश्य लोगों में जल के महत्व के बारे में जागरूकता पैदा करना और उन्हें जल उपयोग की सर्वोत्तम कार्य प्रणालियों को अपनाने के लिए प्रेरित करना है। जल संचय जन भागीदारी (जेएसजेबी) पहल सामुदायिक भागीदारी और संसाधनों के संयोजन के जरिए कृत्रिम भूजल पुनर्भरण के लिए विविध, मापनीय और अनुकरणीय मॉडलों के उद्भव में अग्रणी रही है।




