भारतीय शिक्षा का लक्ष्य केवल रोजगार नहीं, होना चाहिये जीवन का संवर्धन एवं मानवता की उन्नति : प्रो सीमा
डॉ सुनील कुमार ओझा
बलिया।। प्रोफेसर के पी पाण्डेय जी, पूर्व निदेशक शेपा एवं पूर्व कुलपति महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ वाराणसी की सत्तासीवीं जन्म जयंती के अवसर पर ऑनलाइन "भारतीय ज्ञान प्रणाली के माध्यम से सम कालीन शिक्षा की पुनर्कल्पना " विषयक स्मृति व्याख्यान में उपस्थित मुख्य अतिथि प्रो सीमा सिंह, पूर्व कुलपति उ प्र राजर्षी टंडन मुक्त विश्वविद्यालय प्रयागराज ने कहा कि भारतीय ज्ञान प्रणाली यह सिखाती है कि शिक्षा का लक्ष्य केवल रोजगार नहीं, बल्कि जीवन का संवर्धन एवं मानवता की उन्नति होना चाहिए। मुख्य वक्ता सरदार पटेल विश्वविद्यालय मंडी, हिमाचल प्रदेश के पूर्व कुलपति प्रोफेसर डी डी शर्मा ने कहा कि शिक्षक कभी दिवंगत नहीं होता, वह अपने विचारों से हमेशा जीवन्त रहता है। शिक्षा किसी भी राष्ट्र की आत्मा होती है। वर्तमान समय में वैश्वीकरण, तकनीकी क्रांति और सांस्कृतिक विविधता ने शिक्षा को नई चुनौतियों और अवसरों से जोड़ा है। ऐसे समय में भारतीय ज्ञान प्रणाली हमें यह सिखाती है कि शिक्षा केवल सूचना या कौशल प्राप्ति का माध्यम नहीं, बल्कि जीवन की संपूर्णता की साधना है।
अध्यक्षीय उद्बोधन में प्रोफेसर एस पी मल्होत्रा अध्यक्ष, एतमा गुड़गांव, हरियाणा ने कहा कि भारतीय ज्ञान प्रणाली केवल अतीत की धरोहर नहीं, बल्कि भविष्य का मार्गदर्शन भी है। यदि शिक्षा को पुनः जीवनोपयोगी, मूल्यपरक और समग्र बनाना चाहते हैं तो भारतीय ज्ञान प्रणाली की ओर लौटना अनिवार्य है। संगोष्ठी की संयोजक प्रो अमिता पाण्डेय, श्री लाल बहादुर शास्त्री संस्कृत विद्यापीठ नई दिल्ली ने विषय प्रवर्तन किया।समन्वयक डॉ अनुपम शुक्ला ने प्रोफेसर के पी पाण्डेय जी के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर विस्तृत प्रकाश डाला।
इस संगोष्ठी में प्रोफेसर कल्पलता पांडे, पूर्व कुलपति जननायक चंद्रशेखर विश्वविद्यालय बलिया, श्री प्रवीण रुंगटा, सेक्रेटरी, शेपा, प्रो पी नाग, निदेशक शेपा, प्रो चिदानंद स्वामी, प्रो पी के साहू, प्रयागराज, प्रो मुहम्मद मियां दिल्ली, प्रो जसराज कौर पंजाब , प्रो चांद किरन सलूजा दिल्ली, प्रो सुरक्षा पाल सिंह मेरठ, प्रो रमाकान्त सिंह, काशी विद्यापीठ, डॉ जे पी श्रीवास्तव शेपा के साथ ही महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ एवं लाल बहादुर शास्त्री संस्कृत विद्यापीठ नई दिल्ली और शेपा के प्राध्यापक गण, देश के कोने कोने से जुड़े सैकड़ों अध्येता उपस्थित रहे। संगोष्ठी का संचालन डॉक्टर बृजेश कुमार शुक्ला एवं धन्यवाद ज्ञापन प्रोफेसर आशा पाण्डेय ने किया।