जिला क्रीड़ा समिति बलिया का खेल निराला, बिना जनपदीय ट्रायल खेले ही खिलाड़ी को पहुंचाया मण्डलीय ट्रायल मे, डायरेक्टर का आदेश को दिखाया ठेंगा
मधुसूदन सिंह
बलिया।। लगता है कि जिला विद्यालय निरीक्षक बलिया ने बिद्यालयी खेलों को गर्त में पहुंचाने का मन बना लिया है। डीआईओएस ने पहले बिना बैठक के ही अवैधानिक रूप से जिला क्रीड़ा समिति का गठन किया, अब दूसरी बार शिक्षा निदेशक (मा०) उत्तर प्रदेश के आदेश को दरकिनार करते हुए कुश्ती के खिलाड़ी को अवैधानिक रूप से सीधे मण्डल स्तर के ट्रायल पर भेज दिया।
शिक्षा निदेशक के पत्र की बिन्दु संख्या 29 में साफ साफ लिखा गया है कि किसी भी खिलाड़ी को जनपद स्तर पर बिना ट्रायल खेले मण्डल या राज्य स्तर पर नहीं भेजा जा सकता है।
सूचना न मिलने की शिकायत करने वाले पहलवान को मंडलीय ट्रायल मे सीधे उतारा
सूचना नहीं मिलने के कारण कुश्ती का खिलाड़ी जनपद स्तर पर नहीं खेल पाया और जब उसकी बात को बलिया एक्सप्रेस ने उठाया तो आनन फानन में जिला विद्यालय निरीक्षक ने उसे बिना जिला स्तरीय ट्रायल के ही सीधे मण्डल पर भेज दिया।खिलाड़ी के प्रतिभावान होने का प्रमाण है कि खिलाड़ी मण्डलीय टीम में चयनित भी हो गया है और अब स्टेट खेलेगा।
प्रश्न ये उठता है कि पहले बिना सूचना दिए कुश्ती की जनपदीय प्रतियोगिता कराई गई जिसके कारण बहुत संख्या में प्रतिभावान खिलाड़ी जनपद स्तर पर प्रतिभाग करने से वंचित रह गए, ये बात प्रमाणित हो चुकी है।
अब प्रश्न ये है कि यदि देर से ही सही DIOS बलिया को जब अपनी गलती का पता चल ही गया तो दुबारा जनपदीय ट्रायल कराकर अन्य खिलाड़ियों को भी मौका देना चाहिए था।
अब ये देखना है कि कहीं बलिया DIOS की ही तरह संयुक्त शिक्षा निदेशक आजमगढ़ भी बलिया के झाँसे में ना आ जाएं।आखिरकार बलिया DIOS अपने चहेतों को जिला क्रीड़ा समिति की बागडोर देकर करना क्या चाहते है ये यक्ष प्रश्न है।
उस शिकायतकर्ता पहलवान का आरोप सुनिये जिसने जिलाधिकारी को पत्र देकर साफ कहा था कि मुझे सूचना नहीं मिली थी जिसके चलते मै जनपदीय ट्रायल मे भाग नहीं ले पाया
नीरज कुमार यादव नाम का पहलवान जो फ्री स्टाइल कुश्ती का पहलवान है और यह बृजेश सिंह इंटर कॉलेज रूपवार भगवानपुर बलिया में पढ़ता है, ने जिलाधिकारी से लिखित शिकायत करने व मीडिया मे बयान देने के बाद सीधे मंडल स्तरीय ट्रायल मे खेलाया गया, जहां वह जीत कर स्टेट खेलेगा।
जबकि इस पहलवान ने आरोप लगाया था कि इसको सूचना नहीं मिली और यह ट्रायल मे शामिल नहीं हो पाया।पहलवान ने जिलाधिकारी महोदय को 14 अगस्त को लिखित सूचना देकर मांग की थी कि मुझे कुश्ती लड़ना है,स्कूली टीम में शामिल होना है लेकिन मुझे मेरे विद्यालय को यह सूचना ही नहीं है कि किस तारीख को कौन सी खेल हो रही है इसलिए पिछले साल की तरह इस साल भी मेरी कुश्ती छूट गई,जिलाधिकारी महोदय मुझे इस टीम में शामिल होने के लिए आदेश करने की कृपा करें। यह साबित करता है कि बलिया मे प्रतिभावान खिलाड़ियों के हितों के साथ जिला क्रीड़ा समिति खेलवाड़ कर रही है।हम इस पहलवान की प्रतिभा को सम्मान करते है लेकिन जिस तरीके से इसको जनपदीय टीम मे शामिल किया गया, उसके लिये जिला क्रीड़ा समिति के पदाधिकारियों के कृत्यो की निंदा भी करते है।
पहलवान नीरज कुमार
अब आप खुद ही सोच लीजिए कि एक पहलवान कह रहा है कि मुझे लड़ाईये और दूसरी तरफ इसके आयोजक हैं जिनको पहलवान मिल ही नहीं रहे,मिलेंगे कैसे जब आप स्कूलों को सूचना देंगे तब तो पहलवान आएंगे,स्कूल अपनी टीम भेजेगा। लेकिन यहां तो सूचना दी ही नहीं जा रही है तो पहलवान आएंगे कैसे? अगर इस पहलवान की शिकायत के बाद जिला क्रीड़ा समिति अपनी गलती को सुधारना चाहती तो पुनः जनपदीय ट्रायल करा सकती थी, उसमे कोई रोक नहीं है। लेकिन यह समिति तो यह मानती है कि हमने जो कर दिया वह अमिट है, कोई बदलाव नहीं हो सकता है।
इससे लगता है कि बलिया की जिला क्रीड़ा समिति मण्डलीय प्रतियोगिता मे जनपद का नाम ख़राब करने का जैसे ठेका ले रखा है।लेकिन इतना तो तय हो गया है कि बलिया में स्कूली खेल में खेल बड़ा हो रहा है।