बलिया मे मृतक भी करने आते है रजिस्ट्री, तहसील मे भू माफियाओं की सेटिंग, पीड़ितों ने लगायी डीएम से गुहार
मधुसूदन सिंह
बलिया।। एक तरफ बलिया मे बैनामा कराने के बाद पूर्व सांसद व पूर्व मंत्री हरि नारायण राजभर को 10 साल से नामांतरण/ दाखिल ख़ारिज के लिये तहसील का चक्कर लगाने के बाद भी सफलता नहीं मिलती है। वही दूसरी तरफ भू माफियाओ द्वारा मृतक से मृतक को रजिस्ट्री के आधार पर दाखिल ख़ारिज करा लिया जा रहा है। तहसील मे आवेदन देने के बाद भी जब पीड़ितों को न्याय नहीं मिला तो मंगलवार को दर्जनों की संख्या मे आ कर जिलाधिकारी बलिया को आवेदन देकर न्याय की गुहार लगायी है। इनके द्वारा प्रस्तुत साक्ष्य को अगर देखे तो जिन लोगों ने बैनामा किया है वे लोग दशकों पहले मर चुके है और उनके वरिसानों का नाम भी कागजो पर चढ़ गया है, फिर भी पुराने कागजों के आधार पर तहसील से दाखिल ख़ारिज हो जा रहा है।
कृपा शंकर तिवारी,ग्राम-बजहाँ, परगना-बलिया, तहसील व जिला-बलिया के निवासी ने जिलाधिकारी को शिकायती पत्र के माध्यम से इस जलसाजी की तरफ ध्यान आकृष्ट कराया है । श्री तिवारी ने कहा है कि उन के पिता स्व० कपिलदेव तिवारी पुत्र स्व० रामगोविन्द तिवारी की मृत्यु दिनांक 01.07.1988 को ही हो चुकी है, जिसके साक्ष्य के रूप मे मृत्यु प्रमाण पत्र की छायाप्रति प्रार्थना पत्र के साथ संलग्न है तथा तथाकथित क्रेता रामसिंहासन तिवारी पुत्र स्व० महातम तिवारी की भी मृत्यु दिनांक 18.09.2000 में हो चुकी है. किन्तु गलत रूप मौजा-बजहाँ, परगना बलिया की पुरानी आराजी संख्या 93, रकबा 5-3/4 डि० का विक्रय पत्र दिनांक 05.03.2004 का मृतक राम सिंहासन बनाम मृतक कपिलदेव, तहसीलदार (न्यायिक) बलिया के न्यायालय में दाखिल करके नामान्तरण हेतु वाद प्रस्तुत किया गया तथा तत्कालीन तहसीलदार न्यायिक द्वारा पुरानी आराजी संख्या 93, रकबा 5-3/4 डि० के स्थान पर हमारी सम्पूर्ण नई आराजी संख्या 109, रकबा 0.026 हे०. आराजी नम्बर 109ग, रकबा 0.206 हे०, आराजी नम्बर 109क, रकबा 0.202 हे०, आराजी नम्बर 197, रकबा 0.061 हे०, आ0नं0-196क, रकबा 0.156 हे०, कुल 5 गाटा, रकबा 0.651 हे0 पर राम सिंहासन तिवारी के वारिसानों चन्द्रप्रकाश पुत्र अक्षयवर नाथ तिवारी पुत्र रघुवंश तिवारी आदि का नाम अंकित करने का आदेश पारित कर दिया गया हैं।
हम प्रार्थी के भाई विजय शंकर तिवारी द्वारा तजबीजसानी भी प्रस्तुत की गयी थी। न्यायालय के अहलकारों द्वारा विजय शंकर तिवारी द्वारा प्रस्तुत तजबीजसानी व मूल पत्रावली भी गुम कर दी गयी है। उक्त प्रकरण में न्यायालय के कर्मचारियों व मृतक राम सिंहासन तिवारी के वारिसानों द्वारा किये गये प्रपत्र की जाँच कराकर दोषी व्यक्तियों के विरूद्ध अपराधिक मुकदमा कायम कराया जाना आवश्यक है।श्री तिवारी ने जिलाधिकारी से निवेदन किया है कि उक्त प्रकरण व न्यायलय को धोखा देकर कराये गये फ्राड की जाँच कराकर दोषी व्यक्तियों के विरूद्ध अपराधिक मुकदमा कायम कराने की कृपा करें।
उपरोक्त केवल एक मात्र मामला नहीं है। इसी गांव के लगभग अन्य आधा दर्जन लोगों ने भी अपने बयान मे अक्षयवर तिवारी के द्वारा उनकी भी जमीनों पर मृतकों से रजिस्ट्री कराकर कब्जा दखल करने का आरोप लगाया है। अभी पिछले 7 मार्च 2024 को भी अक्षयवर तिवारी द्वारा 25 सितम्बर 2000 को मर चुके व्यक्ति के नाम से रजिस्ट्री कराकर अपना नाम चढ़ाने का तहसील से आदेश भी करा लिया है। कुल मिलाकर यह कहा जा सकता है बलिया तहसील मे भू माफियाओ का बोलबाला हो गया है। इसको रोकना जिलाधिकारी बलिया के लिये एक बड़ी चुनौती हो सकती है।