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गंगा नदी ने किया ख़तरा बिंदु पार, तोड़ने की कगार पर 2016 का रिकॉर्ड





 बलिया।।  जनपड़ बलिया के गायघाट गेज पर गंगा नदी का जलस्तर मंगलवार आधी रात को 57.615 मीटर के ख़तरे के निशान को पार कर गया। अगले 16 घंटे में जलस्तर में 34 सेमी की वृद्धि हुई, जो अब 58.18 मीटर तक पहुँच चुका है—जो कि ख़तरे के स्तर से लगभग पूरे एक मीटर ऊँचा है। इससे इलाके में मध्यम से गंभीर बाढ़ की संभावना बढ़ गई है  ।गंगा नदी 2016 के रिकॉर्ड को तोड़ने की कगार पर पहुंच रही है। 2016 मे गंगा नदी ने 60.390 मीटर का उच्चतम रिकॉर्ड बनाया था।



              प्रभावित क्षेत्रों का हाल


चक्की नौरंगा व आसपास के गांव: कटान की वजह से कम से कम 9 घरों को नदी ने बहा दिया, जिससे स्थानीय लोगों में दहशत है  ।

लगभग 35 गांव प्रभावित हैं जैसे चक्की, नौरंगा, सुघर छपरा, भिउल छपरा—इन गाँवों में करीब 45,000 लोग बाढ़ से प्रभावित होने के कगार पर हैं  ।

पूर्व में लगभग 100 गांवों में पानी फैल चुका था, और जलस्तर प्रति घंटे लगभग 1–2 सेमी की दर से बढ़ रहा है  ।




                ट्रेक्टर से मंत्री ने निरीक्षण किया


परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह ने शुक्रवार को ट्रैक्टर पर बैठकर प्रभावित इलाकों का दौरा करने पहुँचे। उन्होंने प्रशासन की तमाम लापरवाही के चलते नाराजगी जताई और राहत व पुनर्वास कार्यों में तेजी लाने के निर्देश दिए। ग्रामीणों से बातचीत करते हुए उन्होंने राहत सामग्री, भोजन, पानी और चिकित्सा सुविधाएँ सुनिश्चित करने का आश्वासन दिया  ।


                         प्रशासन की प्रतिक्रिया


46 से अधिक राहत शिविर स्थापित कर दिए गए हैं—खासकर वाराणसी से बलिया तक प्रभावित क्षेत्रों में  ।

डीएम मंगला प्रसाद सिंह ने कटान रोकने और संभावित निकासी की तैयारी हेतु अधिकारियों को निर्देश दिए  ।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने “टीम‑11” गठित कर राहत कार्यों के लिए 12 प्रभावित जिलों में प्रभारी मंत्रियों की नियुक्ति की. कहा गया कि किसी भी तरह की देरी बर्दाश्त नहीं की जाएगी  ।


जलस्तर गंगा का जलस्तर 58.18m पर—खतरे के निशान 57.615m से ऊपर

प्रभावित गांव लगभग 35–100 गांव प्रभावित, 45,000 लोग

कटान एवं नुकसान चक्की नौरंगा में 9 मकानों का बह जाना, शिव मंदिर और कृषि भूमि डूब जाना

प्रशासनिक कार्रवाई मंत्री निरीक्षण, डीएम की हिदायत, राहत शिविरों का संचालन, Team‑11 संचालन