बीजेपी की सरकार मे एबीवीपी कार्यकर्ताओ का धरना, प्रशासन विरोधी कल से चल रहा है धरना, प्रशासन सत्ताधारी दल के कार्यकर्ताओ के आगे असहाय
बलिया।। सामाजिक सरोकार से संबंधित मुद्दे को लेकर जिलाधिकारी कार्यालय पहुंचे एबीवीपी के कार्यकर्ताओ के उदंड व्यवहार के चलते मंगलवार 11 बजे से खबर लिखें जाने तक जिला प्रशासन असहाय बना हुआ है। बीजेपी का सहयोगी संगठन होने के कारण इनकी उदंडता के खिलाफ प्रशासन किंकर्तव्यविमूढ़ स्थिति मे है। ये कार्यकर्त्ता ऐसे हठ किये हुए है कि इन लोगों ने बीजेपी जिलाध्यक्ष संजय मिश्र की भी बात मानने से इंकार कर दिया है। लगभग एक दर्जन ये कार्यकर्त्ता प्रशासन के धैर्य की लगता है परीक्षा ले रहे है।
क्या है पूरा मामला
बता दे प्राइवेट स्कूलों मे शुल्क वृद्धि को लेकर मंगलवार को एबीवीपी के लगभग एक दर्जन कार्यकर्त्ता जिलाधिकारी व जिला प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी करते हुए कलेक्ट्रेट पहुंचे। पहले तो नगर मजिस्ट्रेट व शहर कोतवाल के नेतृत्व मे पुलिस ने इनको धरना स्थल पर जाकर धरना देने की बात कही। इस पर ये उखड़ गये और पुनः नारेबाजी करने लगे। प्रशासन ने जिलाधिकारी से इनके पांच लोगों को वार्ता के लिये अनुमति ली। जब ये पांच लोग जिलाधिकारी कक्ष मे जा रहे थे और कक्ष मे पहुंचने के बाद नारेबाजी करते रहे। इस जिलाधिकारी ने पहले शांत होकर अपनी बात कहने की अपील की। जब ये लोग शांत नहीं हुए तो जिलाधिकारी ने इनको कक्ष से बाहर करा दिया। इस समय जिलाधिकारी से मिलने के लिए लगभग तीन दर्जन फरियादी बैठे हुए थे। बाहर निकाले जाने से नाराज इन कार्यकर्ताओ ने बाहर नारेबाजी करते हुए धरना देना शुरू कर दिया।
एबीवीपी कार्यकर्ताओ का आरोप : जिलाधिकारी ने गुंडा कहा
धरनारत एबीवीपी के कार्यकर्ताओ का आरोप है कि जिलाधिकारी ने अपने चेम्बर मे हम लोगों को गुंडा कहते हुए बिना हमारी बात सुने ही भगा दिया। वही शहर कोतवाल द्वारा घसीट कर हवालात मे बंद करने की धमकी दी गयी। इनकी मांग है कि जिलाधिकारी और कोतवाल दोनो लोगों को यहां से हटाया जाय।
बरसात मे पूरी रात देते रहे धरना, नहीं सुनी बीजेपी जिलाध्यक्ष की अपील
जो बीजेपी अपने कार्यकर्ताओ के अनुशासित होने का खुलेआम गर्व करती है, उस बीजेपी को इन मुट्ठी भर कार्यकर्ताओ ने शर्मसार करने का काम किया है। जिस बीजेपी जिलाध्यक्ष की बात को प्रशासन ठुकराने से पहले सौ बार सोचेगा, उसकी अपील को इन नादान कार्यकर्ताओ ने एक ही झटके मे ख़ारिज कर अपमानित करने का काम किया है। पूरी रात बरसात मे इन युवाओ द्वारा धरना जिलाधिकारी व कोतवाल को हटाने के लिये दिया गया।
शांतिप्रिय धरना देना लोकतान्त्रिक अधिकार
हमारे संविधान मे अपनी न्यायोचित मांगो को मनवाने के लिये धरना देने का लोकतान्त्रिक अधिकार दिया गया है। शर्त यही है कि आप शांतिपूर्ण तरीके से धरना देंगे। सत्ताधारी दल से जुड़े हुए लोगों का तो और नैतिक दायित्व बनता है कि उनका धरना शालीन हो। लेकिन इन नौजवानों ने शुरुआत से ही उदंडता दिखायी है, शालीनता तो इनके आसपास भी नहीं दिखी।
मुख्यमंत्री दे सकते है इन कार्यकर्ताओ पर कार्यवाही का निर्देश
अपनी क़ानून व्यवस्था मे थोड़ा भी शिथिलता बर्दास्त नहीं करने वाले यूपी के मुख्यमंत्री योगी जी, इस बात को जरूर संज्ञान मे लेंगे। अभी कुछ दिन पहले ही गोरखपुर के सांसद रवि किशन के खिलाफ भी गलत पाये जाने पर बुलडोजर कार्यवाही का मंच से आदेश देने वाले सीएम योगी जी निश्चित ही इन उदंड एबीवीपी कार्यकर्ताओ पर भी कार्यवाही का निर्देश जारी करेंगे। योगी जी के सामने चाहे कोई भी हो अनुशासनहीनता नहीं चलने वाली है।