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यूपी में परिवर्तनकारी युग लेकर आया योगी जी का शासनकाल :नियुक्तियों में न खर्च, न पर्ची, न सिफारिश और न ही जाति के आधार पर कोई भेदभाव- अमित शाह



60,244 नवनियुक्त पुलिस कार्मिकों को मिले नियुक्ति पत्र, खिले चेहरे- मुख्यमंत्री


लखनऊ : केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह की मौजूदगी में रविवार को लखनऊ के वृंदावन योजना, सेक्टर 18 स्थित डिफेंस एक्स्पो ग्राउंड में आयोजित एक भव्य समारोह में 60,244 नवनियुक्त पुलिस कार्मिकों को नियुक्तिपत्र वितरित किये गये। इस ऐतिहासिक आयोजन में अपने संबोधन में अमित शाह ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की पारदर्शी और समावेशी भर्ती प्रक्रिया के लिए जमकर सराहना की। उन्होंने कहा कि योगी जी के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश पुलिस ने न केवल भर्ती प्रक्रिया को निष्पक्ष और योग्यता आधारित बनाया, बल्कि हर जाति, जिले और तहसील के युवाओं को अवसर प्रदान कर एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है। शाह ने विशेष रूप से इस बात पर जोर दिया कि इन नियुक्तियों में न खर्च, न पर्ची, न शिफारिश और न ही जाति के आधार पर कोई भेदभाव हुआ, बल्कि पूरी प्रक्रिया पारदर्शी और योग्यता के आधार पर संपन्न हुई।

       यूपी पुलिस देश का सबसे बड़ा पुलिसबल

 अमित शाह ने अपने संबोधन में कहा कि उत्तर प्रदेश पुलिस देश का सबसे बड़ा पुलिसबल है और आज 60,244 युवा इसके अभिन्न अंग बन रहे हैं। उन्होंने इस दिन को नवनियुक्त कार्मिकों के जीवन का सबसे शुभ दिन करार देते हुए कहा कि यह गौरव का क्षण है। शाह ने बताया कि इनमें 12 हजार से अधिक बेटियां भी शामिल हैं, जिनके चेहरों पर खुशी देखकर उन्हें अपार सुकून मिला। उन्होंने कहा कि महिलाओं के लिए आरक्षित पदों का शत-प्रतिशत लाभ उत्तर प्रदेश में सुनिश्चित किया गया है, जो योगी सरकार की एक बड़ी उपलब्धि है।





 योगी सरकार के तहत कानून व्यवस्था में हुआ सुधार

 शाह ने उत्तर प्रदेश में 2017 के बाद आए बदलावों की चर्चा करते हुए कहा कि आजादी के बाद से उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था लगातार बिगड़ती रही थी, लेकिन 2017 में योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में भाजपा सरकार बनने के बाद यूपी पुलिस ने नई बुलंदियों को छूना शुरू किया। उन्होंने कहा कि योगी जी ने औद्योगिक विकास, शिक्षा, कानून व्यवस्था, बुनियादी ढांचा, बिजली और नल से जल जैसी योजनाओं को जन-जन तक पहुंचाकर एक परिवर्तनकारी युग की शुरुआत की है। शाह ने जोर देकर कहा कि यूपी अब दंगों का गढ़ नहीं रहा, बल्कि दंगामुक्त हो चुका है, और गुंडों का फरमान अब नहीं चलता। उन्होंने नवनियुक्त कार्मिकों से इस परंपरा को और मजबूत करने का आह्वान किया। पारदर्शी भर्ती और तकनीक के योगदान की सराहना। केंद्रीय गृह मंत्री ने भर्ती प्रक्रिया की पारदर्शिता पर विशेष जोर दिया। उन्होंने कहा कि तकनीक के उपयोग, जैसे कि कैमरे, कंट्रोल रूम, कमांड सेंटर, पीसीआर वैन और 150 से अधिक ऑन-व्हील फॉरेंसिक साइंस लैब वैन ने इस प्रक्रिया को और निष्पक्ष बनाया है। शाह ने दावा किया कि 60,244 युवाओं में से किसी को भी एक पाई की रिश्वत नहीं देनी पड़ी, जो किसी भी शासन की सबसे बड़ी उपलब्धि है। उन्होंने कहा कि यह भर्ती प्रक्रिया न केवल पारदर्शी थी, बल्कि इसमें हर वर्ग और क्षेत्र का प्रतिनिधित्व सुनिश्चित किया गया।

 पुलिसबल का आधुनिकीकरण और नए कानून की चर्चा

 श्री शाह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश में पुलिसबल के आधुनिकीकरण की दिशा में किए गए प्रयासों की भी चर्चा की। उन्होंने कहा कि भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, और भारतीय साक्ष्य संहिता जैसे नए कानूनों के लागू होने से अगले पांच वर्षों में देश में ऐसी व्यवस्था बनेगी, जिसमें किसी भी एफआईआर से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक का न्याय तीन साल के भीतर मिल सकेगा। इसके अलावा, सीसीटीएनएस (क्राइम एंड क्रिमिनल ट्रैकिंग नेटवर्क एंड सिस्टम्स), आईसीजेएस (इंटर-ऑपरेबल क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम) और फॉरेंसिक साइंस जैसी तकनीकों ने पुलिस व्यवस्था को और मजबूत किया है। 

भारत का हुआ आर्थिक और सामाजिक उत्थान

अमित शाह ने अपने संबोधन में देश के आर्थिक और सामाजिक प्रगति पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि पिछले 11 वर्षों में 25 करोड़ लोग गरीबी रेखा से बाहर आए हैं और 60 करोड़ लोगों को गैस सिलेंडर, शौचालय, नल से जल, मुफ्त इलाज और किसानों को आर्थिक सहायता जैसी योजनाओं का लाभ मिला है। उन्होंने बताया कि 2014 में भारत विश्व की 11वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था था, लेकिन आज यह चौथे स्थान पर है और 2027 तक यह तीसरे स्थान पर पहुंच जाएगा। शाह ने कहा कि मोदी सरकार ने 143 से अधिक शहरों में मेट्रो ट्रेन, 150 से अधिक हवाई अड्डे, और नई शिक्षा नीति जैसे कदमों से हर युवा को अवसर प्रदान किए हैं। नक्सलवाद और आतंकवाद पर जीरो टॉलरेंस। शाह ने नक्सलवाद और आतंकवाद के खिलाफ सरकार की सख्त नीति की भी चर्चा की। उन्होंने कहा कि 11 राज्यों में फैला नक्सलवाद अब केवल तीन जिलों तक सीमित रह गया है, और 31 मार्च 2026 तक भारत पूरी तरह नक्सलवाद मुक्त हो जाएगा। आतंकवाद के खिलाफ भी मोदी सरकार ने कड़ा रुख अपनाया है। शाह ने कहा कि पाकिस्तान द्वारा तीन बार आतंकी हमलों का प्रयास किया गया, लेकिन भारत ने हर बार मुंहतोड़ जवाब दिया और आतंकियों के ठिकानों को नष्ट किया। उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर का जिक्र करते हुए कहा कि भारतीय वायुसेना ने आतंकियों के मुख्यालयों को चूर-चूर कर दिया।.अमृत काल में यूपी पुलिस की भूमिका की चर्चा। अमित शाह ने नवनियुक्त कार्मिकों से कहा कि वे अमृत काल में यूपी पुलिस का हिस्सा बन रहे हैं और 2047 तक जब भारत विश्व में सर्वप्रथम स्थान पर होगा, तब यूपी का योगदान सबसे बड़ा होगा। उन्होंने युवाओं से सुरक्षा, सेवा और संवेदनशीलता के मंत्र के साथ आगे बढ़ने का आह्वान किया। शाह ने कहा कि यूपी पुलिस का डर गुंडों और माफियाओं पर सख्त होना चाहिए, लेकिन गरीब, पिछड़े, और आदिवासी समुदायों के लिए पुलिस को मसीहा के रूप में दिखना चाहिए।शाह ने अयोध्या में रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा, काशी में विश्वनाथ धाम के पुनरुद्धार, ट्रिपल तलाक की समाप्ति और नए वक्फ कानून जैसे सांस्कृतिक और सामाजिक सुधारों का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि भारत ने चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर पहुंचकर इतिहास रचा और उस स्थान को शिव शक्ति नाम दिया गया।





 यूपी पुलिस के लिए गृहमंत्री का संदेश

 अमित शाह ने यूपी पुलिस के नवनियुक्त कार्मिकों से पूरे मन से सेवा करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि करीब चार लाख सदस्यों वाले इस पुलिसबल का हिस्सा बनना गर्व की बात है। उन्होंने योगी आदित्यनाथ को एक बार फिर धन्यवाद देते हुए कहा कि उनकी पारदर्शी और समावेशी नीतियों ने यूपी पुलिस को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया है। इन 15 नवनियुक्त आरक्षियों को गृहमंत्री ने वितरित किया नियुक्ति पत्र। सत्यम नायक, प्रेम सागर, शालिनी शाक्य, उपेन्द्र कुमार यादव, शिल्पा सिंह, दीनू बाबू, योगेन्द्र सिंह, शिवांश पटेल, मनीष त्रिपाठी, रोशन जहां, आजाद कुशवाहा, मिथिलेश भट्ट, सोनी रावत, नेहा गोंड, सचिन सैनी को गृहमंत्री अमित शाह ने नियुक्ति पत्र वितरित किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, दोनों डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य और ब्रजेश पाठक, बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष चौधरी भूपेन्द्र सिंह, मंत्रीगण, मुख्य सचिव, डीजीपी, पुलिस अधिकारीगण सहित सभी 75 जनपदों के 826 विकासखंडों और 762 नगर निकायों से संबंधित यूपी पुलिस का हिस्सा बन रहे 60,244 नवनियुक्त आरक्षीगण मौजूद रहे।

8 सालों मे यूपी सरकार ने दी 8.50 लाख नौकरिया : योगी 

इस मौके पर सीएम योगी ने कहा-बीते 8 सालों में यूपी सरकार ने 8.50 लाख सरकारी नौकरियां दी गई. पिछले 8 वर्ष ने डबल इंजन की सरकार ने दंगा मुक्त कर यूपी के perception को बदलने का काम किया. Smart पुलिसिंग आज की जरूरत है. 2017 से पहले भाई भतीजावाद था बिना पैसा दिए selection नहीं मिलता था लेकिन आज यह गए दिन की बात हुई. आज merit के आधार पर नियुक्ति दी जा रही. बीते 8 साल में पुलिस में 2 लाख 18 हजार पुलिसकर्मियों की भर्ती की. 2018 में जब पहली भर्ती हुई तो ट्रेनिंग के लिए crpf ट्रेनिंग सेंटर अभ्यर्थियों को भेजा गया. लेकिन आज इन सभी की ट्रेनिंग अब यूपी में होगी.


उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा, "उत्तर प्रदेश पुलिस बल में 60,244 पुलिसकर्मियों की भर्ती एवं नियुक्ति पत्र वितरण कार्यक्रम ऐसे समय में हो रहा है, जब प्रधानमंत्री मोदी के देश सेवा, सुशासन और गरीब कल्याण के 11 वर्ष के कार्यकाल ने नए भारत के रूप में प्रत्येक भारतीय के जीवन में परिवर्तन लाने का काम किया है. पिछले 8 वर्षों में प्रदेश की डबल इंजन सरकार ने उत्तर प्रदेश के युवाओं को साढ़े आठ लाख से अधिक सरकारी नौकरियां देकर एक उदाहरण प्रस्तुत किया है कि परीक्षा की सूचिता और पारदर्शिता क्या हो सकती है."


डबल लॉक स्ट्रांग रूम, सीसीटीवी के साथ मिलेगी सभी सुविधाएं

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में प्रदेश में पुलिस बल को सशक्त और आधुनिक बनाने के उद्देश्य से 60,244 आरक्षियों की सीधी भर्ती की गई है. देश की अब तक की सबसे बड़ी पुलिस भर्ती प्रक्रिया को अभूतपूर्व तकनीकी नवाचारों और पारदर्शिता के साथ सम्पन्न किया गया, जिसकी प्रशंसा न केवल प्रदेश में बल्कि पूरे देश में हो रही है. आरक्षी नागरिक पुलिस सीधी भर्ती-2023 के तहत 48,196 पुरुष और 12,048 महिला अभ्यर्थियों का चयन हुआ. यह प्रक्रिया उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड द्वारा संचालित की गई. इस परीक्षा के लिए कुल 48.17 लाख आवेदन प्राप्त हुए, जिनमें से 15.49 लाख महिलाएं थीं।


इतने विशाल स्तर पर परीक्षा आयोजित करना शासन और भर्ती बोर्ड दोनों के लिए एक बड़ी चुनौती थी, जिसे अत्याधुनिक तकनीक और सख्त निगरानी से सफलतापूर्वक पूरा किया गया. योगी सरकार ने भर्ती प्रक्रिया में पूरी पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए कई नवाचार किए. परीक्षा केंद्रों का चयन नगर क्षेत्र के सरकारी या सहायता प्राप्त विद्यालयों तक सीमित रखा गया और पूर्व में संदिग्ध पाए गए केंद्रों को पूरी तरह बाहर कर दिया गया. प्रश्न पत्रों की सुरक्षा के लिए डबल लॉक स्ट्रांग रूम, चौबीस घंटे सीसीटीवी निगरानी, बॉयोमीट्रिक सत्यापन, फेशियल रिकग्निशन और रियल टाइम आधार सत्यापन जैसी अत्याधुनिक तकनीकों का उपयोग किया गया. इसके अलावा परीक्षा के संचालन में किसी भी निजी व्यक्ति को शामिल नहीं किया गया और केवल राजपत्रित अधिकारियों को ही तैनात किया गया।