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पुलिस अधीक्षक बलिया से मिलने के बाद भी नहीं दर्ज हुआ सिकंदरपुर के राकेश राय का एफआईआर, 15 हजार की लूट को तहरीर से हटाने का दबाव

 

 



बलिया।। सिकंदरपुर थाना क्षेत्र के नवानगर ब्लॉक के भाटी गांव के ग्राम प्रधान और उसके गुर्गो द्वारा ग्राम सभा मे विकास कार्यों मे हो रहे भ्रष्टाचार की शिकायत करने वाले राकेश राय की पिटाई और 15 हजार रूपये की लूट का एफआईआर शनिवार की घटना के बाद बुधवार की सुबह तक एफआईआर नहीं लिखी गयी है। जबकि प्रदेश की योगी सरकार जीरो टोलरेंस की नीति को कड़ाई से लागू की हुई है। लेकिन बलिया पुलिस पर इसका कोई असर नहीं दिख रहा है। पीड़ित राकेश राय की माने तो पुलिस अधीक्षक बलिया से मिलने के बाद भी मुझसे तहरीर से 15 हजार रूपये की छिनैती को हटाने के बाद ही एफआईआर लिखने की बात कही जा रही है। पीड़ित का कहना है कि योगी जी के राज मे भी भ्रष्टाचारियों की बलिया मे आवभगत और पीड़ित को प्रताड़ना देखने को मिल रही है। पीड़ित राकेश राय ने योगी जी से गुहार लगायी है कि ग्राम सभा मे विकास कार्यों मे ब्लॉक कर्मियों के साथ लूट मचाने वाले प्रधान के कार्यों की जांच और इसकी शिकायत पर अपने लगभग 15 साथियों के साथ मुझ पर प्राणघातक हमला करने व 15 हजार रूपये की लूट का मुकदमा दर्ज करने का बलिया पुलिस को आदेश करने की कृपा करें। श्री राय ने कहा है कि अब मुख्यमंत्री जी आप से ही न्याय की उम्मीद है।

                            यह है पूरा मामला 

सिकंदरपुर थाना क्षेत्र के नवानगर ब्लॉक के भाटी गांव के मे ग्राम प्रधान द्वारा पोखरे की खुदाई के नाम पर मनरेगा से मजदूरों की फर्जी संख्या के आधार पर सरकारी धन की लूट की शिकायत इसी गांव के राकेश राय को भारी पड़ गयी है। 17 मई 2025 को समाधान दिवस पर राकेश राय ने उप जिलाधिकारी सिकंदरपुर को  साक्ष्य के साथ लिखित शिकायत देकर यह बताया  कि मात्र 25-30 मजदूरों को लगाकर 167 मजदूरों के नाम पर मजदूरी निकाली जा रही है। अपनी शिकायत के साथ राकेश राय ने फोटोग्राफ भी संलग्न करके घोटाले को साबित करने का प्रयास किया है।

श्री राय ने आरोप लगाया है कि इसी से नाराज होकर प्रधान विनोद वर्मा ने अपने लगभग 15 साथियों के साथ मुझपर दुकान से घर जाते समय घात लगाकर जानलेवा हमला कराया। जिसमे मुझे गंभीर चोटे लगी है और मेरे पॉकेट से 15 हजार रूपये भी निकाल लिये । मेरी जान आसपास के लोगो के आने पर, आरोपियों के फरार होने से बची है। श्री राय ने कहा कि डायल 112 को बुलाकर मै थाने पहुंचा। कहा कि थाने पर आरोपी प्रधान के साथ रातभर थाने पर बिना दवा कराये बैठाये रखा गया। श्री राय ने कहा कि मै रातभर दर्द से कराहता रहा लेकिन पुलिस ने मेरा एफआईआर दर्ज करने की बजाय समझौता करने का ही दबाव बनाती रही और सुबह  शांति भंग मे मुझे भी आरोपी बना दिया। श्री राय सोमवार को जिलाधिकारी, मुख्य विकास अधिकारी से मिलकर ग्राम प्रधान द्वारा किये जा रहे घोटाले की जानकारी दी। अधिकारी द्वय ने जांच कराने का आश्वासन दिया।सूच्य हो कि घायल राकेश राय के साथ हुई मारपीट और 15 हजार रूपये लूटने का मुकदमा तो दर्ज नहीं हुआ लेकिन मारने वाले प्रधान की तहरीर पर पीड़ित के खिलाफ ही मुकदमा दर्ज हो गया है। लगता है सिकंदरपुर पुलिस भ्रष्टाचार उजागर करने वालों को ही मुल्ज़िम मानने लगी है, भ्रष्टाचार के आरोपी को साधु संत।



पूरे शरीर पर चोटों के निशान, पर नहीं हुई एफआईआर 

पीड़ित राकेश राय ने कलेक्ट्रेट पर मीडिया कर्मियों को अपने पूरे शरीर पर ग्राम प्रधान और उसके गुर्गो के द्वारा पिटाई करने के कारण बने निशान को दिखाया। सोमवार को जो निशान दिख रहे थे, वो निश्चित ही शनिवार को और भी स्पष्ट रूप से दिख रहा होगा। लेकिन सिकंदरपुर को क्यों नहीं दिखे यह सोचने वाली बात है। किसी पीड़ित का पूरा शरीर चोटों से भरा हो और उसकी तहरीर पर कार्यवाही न करके उसको ही हवालात मे रातभर बिना दवा के बैठा दिया जाय, यह सिकंदरपुर पुलिस का बेरहम चेहरा सामने आया है। पुलिस अधीक्षक को इस प्रकरण को संज्ञान मे लेना चाहिये।

ये देखिये शरीर पर कितने है निशान 


         न्यायप्रिय सिकंदरपुर पुलिस का देखिये न्याय 

इस घटना मे सिकंदरपुर पुलिस की उच्च कोटि की न्याय प्रियता सामने आयी है। स्थानीय पुलिस को राकेश राय के पूरे शरीर पर लगे घाव नहीं दिखे लेकिन ग्राम प्रधान ने कह दिया कि राकेश राय मेरे घर पर चढ़ कर मारपीट किये है और गालीगुप्ता दिये है, इस पर विश्वास कर लेती है और राकेश राय के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लेती है। वही राकेश राय थाने पर 112 के द्वारा लाये जाते है, अपने साथ मारपीट होने और 15 हजार रूपये छीन लिये जाने की बात करते है, उस पर यकीन सिकंदरपुर पुलिस नहीं करती है। यह न्यायप्रियता पूरे जनपद मे सिकंदरपुर के इक़बाल को बुलंद कर रही है।


पीड़ित राकेश राय का सोमवार को दिया गया बयान 



भ्रष्टाचार के आरोपी प्रधान पर मेहरबान सिकंदरपुर पुलिस, पीड़ित के खिलाफ ही लिख दी एफआईआर