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पहले से पथल नसब को लेखपाल की नापी में दबंगो ने उखाड़ा, रविवार को सिविल जज के स्टे के बाद भी करते रहे रात भर जुड़ाई, अब लेखपाल मांग रहा है मांफी

 


बलिया।। गड़वार थाना क्षेत्र के सिकरिया कला गांव में क्षेत्रीय लेखपाल की मिली भगत से एक ऐसी महिला के जमीन पर रविवार को पूरे दिन व रात में निर्माण कार्य व छत की ढलाई होती रही, जो महिला अस्पताल में भर्ती है और घर पर मात्र 80 वर्षीय पति ही एक मात्र व्यक्ति मौजूद है। वही लेखपाल का एक वीडियो भी सामने आ गया है जिसमे वह अपनी गलती को स्वीकार कर रहा है और जिलाधिकारी से शिकायत न करने के लिये गिड़गिड़ा रहा है। सबसे बड़ा सवाल यह है कि अगर निर्माण करने वाला पक्ष सही है तो रात में ढलाई क्यों कर रहा है?








साजिदा खातून व रजिया खातून पुत्रीगण मुख़्तार खान निवासी सिकारिया कला को इनके पिता द्वारा अपनी संपत्ति को रजिस्ट्री द्वारा दे दी गयी थीं।उसी जमीन जमीन पर चचेरें भाईयों रेयाज, एजाज व खुर्शीद खान पुत्र गण खुर्शीद खान द्वारा निर्माण कराया जा रहा है। जबकि इस भूखंड पर सिविल जज (जू डि पश्चिमी ) द्वारा स्थगन आदेश पारित किया गया है जो आज भी प्रभावी है। यही नहीं विवादित भूखंड पर बहुत पहले पथल नसब की कार्यवाही के बाद सीमांकन करके पत्थर गाड़ दिया गया था, जिसको जबरिया स्थानीय लेखपाल की साजिश से 29 फरवरी 2024 को उखाड़ कर फेक दिया गया है और अब दिन रात इस भूखंड पर निर्माण कार्य कराकर छत की ढलाई भी कर दी गयी है। रात में हो रहे कार्य की वीडियो नीचे देखिये ----


यह है माननीय न्यायालय द्वारा जारी स्थगन आदेश की लिखित सूचना और आवेदन पत्र ---








यह भी बता दे कि एक बार पथल नसब के हो जाने पर उस भूखंड पर अगर दुबारा नापी की आवश्यकता पड़ती है तो उसके लिये आयुक्त महोदय से आदेश लेना पड़ता है। लेकिन इस मामले में ऐसा कोई भी आदेश नहीं लिया गया है। इस मामले में क्षेत्रीय लेखपाल माननीय न्यायालय और माननीय आयुक्त से भी बड़ा प्रतीत हो रहा है। ज़ब मामला पकड़ में आया है तो देखिये कैसे मांफी मांग रहा है ------



अस्पताल में भर्ती पीड़िता का वीडियो देखिये ---