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बेवा से जमीन रजिस्ट्री के नाम पर 35 लाख की जालसाजी,20 लाख लिये खाते में, अब अपने भूखंड के लिये दरदर भटक रही है बेवा

 


मधुसूदन सिंह

बलिया।। एक तरफ अभी पिछले दिनों ही माननीय सीजेएम बलिया द्वारा दस्तावेजों में हेराफेरी के कारण तत्कालीन तहसीलदार, पेशकार, अलहमद समेत इस साजिश के द्वारा लाभ पाने वालों के खिलाफ धोखाघड़ी का मुकदमा दर्ज करने का आदेश जारी किया है, तो वही अब जमीन रजिस्ट्री कराकर भूखंड के लिये एक बेवा के दरदर भटकने का मामला सामने आया है। इस महिला से जलसाजों ने 35 लाख रूपये लेकर जिस भूखंड की रजिस्ट्री की थीं, वह दर्शायी गयी जगह पर कही है ही नहीं। अब यह महिला 2020 से इन जलसाजों से जमीन या पैसे के लिये संपर्क करने का प्रयास कर रही है। लेकिन इसको अभी तक सफलता नहीं मिली है। अब यह पीड़िता माननीय न्यायालय में जाकर न्याय की गुहार लगाने की बात कर रही है।

                      यह है मामला

शहर बलिया के सिनेमा रोड निवासिनी लली देवी पत्नी स्व अनिल कुमार वर्मा ने अपने पुत्र के परिचित भरत यादव के कहने पर नगवा निवासिनी नीलम पाठक पत्नी सुनिल पाठक से 30 मई 2020 को 35 लाख रूपये में (दस्तावेज में मात्र 20,00000 रूपये दर्शाया गया है और यह रकम नीलम पाठक के खाते में दी गयी है, शेष 15 लाख नगद लिया गया है ) मौजा अखार के खाता संख्या 550 के आराजी नंबर 670 रकबा 0.0360, आराजी नंबर 684 रकबा 0.1540 कुल 2 गाटा कुल रकबा 0.1900 को रजिस्ट्री करायी। इस रजिस्ट्री के आधार पर क्रेती का नाम बतौर संक्रमणीय भूमिधर दर्ज करने का 17 नवंबर 2020 को आदेश होकर दर्ज हो गया। इसके बाद इस जमीन को खरीदारी में बिचौलिये की भूमिका निभाने वाले  भरत यादव ने जमीन को घेरवाने के नाम पर भी क्रेती से पैसे लें लिया। राज तब खुला ज़ब क्रेती दर्शायी गयी लोकेशन पर अपना भूखंड देखने गयी तो वहां कोई जगह खाली थीं ही नहीं। तब से ये लोग भरत यादव से लगातार संपर्क करने का प्रयास कर रहे है लेकिन यह अब मिल ही नहीं रहा है।

              




श्रीमती लली देवी के अनुसार इनका स्टूडियो का व्यवसाय है जिसपर इनका पुत्र बैठता है। इसी दुकान पर भरत यादव आता था और इनके पुत्र के साथ गहरी दोस्ती कर ली। फिर कहने लगा कि अखार में बैरिया रोड पर ही एक जमीन है, उसको आप लोग खरीद लीजिये, बाद में बेचना भी होगा तो अच्छा पैसा मिल जायेगा। पीड़िता ने कहा कि हम लोग इसकी चिकनी चुपड़ी बातों में आ गये और घर का सारा पैसा और गहने आदि को बेचकर जमीन को रजिस्ट्री करायी।






ऐसे की गयी जलसाजी

इस भूखंड को लली देवी को रजिस्ट्री करने से एक दिन पहले इस के असली स्वामी मिथिलेश कुमार यादव पुत्र रामचंद्र यादव निवासी सवरूबांध थाना दुबहड़ बलिया ने 29 मई 2020 को नीलम पाठक पत्नी सुशील पाठक निवासिनी नगवा बलिया को पॉवर ऑफ़ एटॉर्नी देकर इस भूखंड को रजिस्ट्री करने का अधिकारी बना दिया। मिथिलेश कुमार यादव, भरत यादव का भतीजा बताया जा रहा है।

सबसे बड़ा सवाल यह उठ रहा है कि जो व्यक्ति एक दिन पहले पॉवर ऑफ़ एटॉर्नी के लिये सब रजिस्ट्रार के ऑफिस आ सकता है तो वह 30 मई को सीधे क्रेती को ही रजिस्ट्री क्यों नहीं करता है। इससे भरत यादव की भूमिका यहां संदिग्ध हो जाती है। यह भी सूच्य हो कि लली देवी की रजिस्ट्री में भरत यादव गवाह भी है।