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उधार के सिंदूर से सुहागिन बनता माध्यमिक शिक्षा का परीक्षा कण्ट्रोल रूम




मधुसूदन सिंह

बलिया।। एशिया के सबसे बड़े माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की परीक्षा हो, नकल रोकने की कबायत हो, लेकिन कण्ट्रोल रूम के आवश्यक उपकरण उधार के हो, तो क्या कहेँगे, यही न कि उधार के सिंदूर से सुहागिन बन रहा है माध्यमिक शिक्षा परिषद का कण्ट्रोल रूम।

जी हां, आगामी 22 फरवरी से 9 मार्च तक माध्यमिक शिक्षा परिषद द्वारा संचालित हाई स्कूल और इंटर की बोर्ड परीक्षाएं होने जा रही है। इसी परीक्षा की निगरानी के लिये जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय पर परीक्षा कण्ट्रोल रूम स्थापित किया गया है। इसी कण्ट्रोल रूम के लिये जनपद के 10 बड़े सीबीएसई और आईसीएसई बोर्ड द्वारा संचालित विद्यालयों से 1-1 लैपटॉप लिया गया है। इन लैपटॉप का प्रयोग परीक्षा केंद्रों की लाइव निगरानी में किया जायेगा।





सवाल यह उठ रहा है कि इतने बड़े बोर्ड जिसके पास इंफ्रास्ट्रक्चर की कोई कमी नहीं है, उसके पास क्या अपने जरुरी संसाधनों के लिये धन नहीं है? एक कण्ट्रोल रूम में अधिकतम 10 लाख के लैपटॉप और प्रिंटर आदि लगते है। क्या माध्यमिक शिक्षा परिषद कंगाली की हालत में आ गया है, जो अपने बल पर अपना कण्ट्रोल रूम तक नहीं स्थापित कर सकता है? प्रत्येक वर्ष जो यह उधार का सिंदूर माथे में लगा कर इतराने का काम हो रहा है, वह माध्यमिक शिक्षा के कर्णधारों की इच्छा शक्ति की कमी / लापरवाही को दर्शाता है। अगर ऐसा नहीं होता तो ये लोग सरकार से इसके लिये बजट मांगते, जिसको देने में मुख्यमंत्री योगी के नेतृत्व वाली सरकार देर नहीं लगाती। सवाल यह उठ रहा है कि पुराने लैपटॉप में परीक्षा के समय ही खराबी आ जायेगी तो क्या होगा?