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नगर पंचायत नगरा के भ्रष्टाचार की शिकायत पहुंची उच्च न्यायालय की चौखट पर, डीएम, प्रमुख सचिव, आयुक्त को जारी हुआ नोटिस, मचा हड़कंप



संतोष कुमार द्विवेदी 

नगरा, बलिया।।नगरा नगर पंचायत की धांधली का जिन्न जिलाधिकारी द्वारा गठित जांच टीम एक पखवाड़े बाद भी बाहर नहीं ला सकी तो  प्रकरण उच्च न्यायालय में पहुंच गया। न्यायालय द्वारा नोटिस जारी होते ही नगर पंचायत में अफरा तफरी मची है।फाइलें खंगाली और ढूंढी जा रही है।धांधली में लिप्त कर्मी सत्ता के चौखट पर माथा टेकना शुरू कर दिए हैं। 

             नगरा को नगर पंचायत बने चार साल से ऊपर हो गया। नगर पंचायत बनने पर लोगो में खुशी थी कि पंचायत में विकास हेतु धन आयेगा और नगरा का चहुमुखी विकास होगा किन्तु नगर वासियो का विकास का भ्रम जल्द ही टूट गया। जब नगर पंचायत में फर्जी विकास के नाम पर लूट खसोट शुरू हो गयी।जो जिस पद पर था, उसे विकास नही पंचायत में आया धन दिख रहा था। नगर पंचायत के चुनाव बाद कुछ काम शुरू हुए किन्तु उसमें भी धांधली नहीं थमी।इसकी शिकायत  जिलाधिकारी के यहाँ हुई तो जिलाधिकारी ने 31 जनवरी को जिले के आला अफसरों की पांच सदस्यीय टीम गठित कर दी लेकिन धांधली में लिप्त जनों के आगे जांच टीम घुटने टेक दी और एक पखवाड़े तक जांच आख्या जिलाधिकारी को नहीं दे सकी।फलतः क्षेत्र के समाजसेवियों का भरोसा जांच टीम से उठ गया और जांच हेतु उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया।






उच्च न्यायालय ने प्रकरण को गम्भीरता से लेते हुए प्रमुख सचिव,आयुक्त तथा जिलाधिकारी बलिया को नोटिस जारी कर जबाव तलब कर दिया।जिलाधिकारी ने नोटिस मिलते ही नगर पंचायत के अधिशासी अधिकारी को नोटिस जारी कर जबाव दाखिल करने का निर्देश दिया है ।नगर पंचायत को नोटिस मिलने के बाद अफरा तफरी मची है ।सूत्रों की माने तो धांधली की फाइलें नगर पंचायत के पास नहीं है।नगर पंचायत से जुड़े कर्मी फाइलें हासिल करने में लगे हैं किंतु धांधली में लिप्त लोग सत्ता के दरवाजे पर माथा टेकने में जुट गए हैं।नगर पंचायत के लोगो द्वारा कयास लगाए जा रहा है कि न्यायालय के डंडे के बाद धांधली की जांच होगी या न्यायालय पर भी धांधली करने वाले भारी पड़ेंगे।