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डॉ भगवान प्रसाद उपाध्याय को बालकाव्य कृति *परी और पीहू* पर मिला स्वर्ण सम्मान




स्थानीय कवियों लेखकों ने दी डॉ० भगवान प्रसाद उपाध्याय को बधाई  

करछना  (प्रयागराज)।।यमुनापार प्रयागराज से विगत  चार  दशकों से प्रकाशित हिंदी मासिक पत्रिका साहित्यांजलि प्रभा के संपादक डॉ०  भगवान प्रसाद उपाध्याय द्वारा रचित बाल काव्य संग्रह *परी और पीहू*  पर अखिल भारतीय साहित्य सृजन  मंच खगड़िया बिहार द्वारा स्वर्ण सम्मान प्रदान किया गया है। डॉ  उपाध्याय की इस उपलब्धि पर स्थानीय कवियों लेखकों ने उन्हें  बधाई दी है। अवध साहित्य अकादमी और तारिका विचार मंच प्रयाग तथा पवन प्रभात साहित्य मंच द्वारा अपनी प्रतिभा को निरंतर विकसित करने की ओर अग्रसर स्थानीय साहित्यकारों कवियों और लेखकों ने डॉ उपाध्याय  के प्रयासों की सराहना करते हुए उन्हें स्वर्ण सम्मान मिलने पर हार्दिक बधाई दी है और अपेक्षा व्यक्त की है कि यह निरंतर साहित्य सृजन में संलग्न होकर शीघ्र ही अन्य जनोपयोगी बाल साहित्य उपलब्ध कराएंगे।





उल्लेखनीय है कि जनवरी 81 से प्रकाशित पत्रिका साहित्यांजलि  प्रभा के माध्यम से डॉ  उपाध्याय ने स्थानीय कवियों लेखकों और पत्रकारों को  सुव्यवस्थित और सुविचारित मंच प्रदान करने की सार्थक पहल की है।समय-समय पर मासिक गोष्ठियों और विचार प्रवाह श्रृंखलाओं के माध्यम से सदैव साहित्यिक अभिरुचि जगाने में डॉ  उपाध्याय की महती भूमिका रही है। इसी क्रम में उन्होंने अपने बाल काव्य संग्रह  परी और पीहू  जो  अल्प समय में ही विद्यालयों के बच्चों द्वारा लोकप्रिय हो गया है और प्रथम संस्करण की प्रतियां समाप्त हो चुकी हैं। इसको अखिल भारतीय साहित्य सृजन मंच खगड़िया के प्रोत्साहन से ही प्रकाशित किया है।