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10 अगस्त 1942 : अंग्रेजों भारत छोड़ो, नेताओं को छोड़ो, के नारों से गूंज उठा बलिया, छात्रों ने जुलुस निकाल कर किया विरोध




मधुसूदन सिंह

बलिया।। 9 अगस्त सन् 1942 को श्री राधा मोहन सिंह, श्री राधा गोविन्द सिंह, श्री परमात्मा नन्द सिंह व राम नरेस सिंह (सुरहिया) को 129 डी०आई०आर ० के अन्तर्गत गिरफ्तार कर लिया गया । पं० चित्तू पाण्डेय, श्री राजेश्वर तिवारी, श्री शिवपूजन सिंह, श्री रामजी तिवारी श्री महा नन्द मिश्र, श्री विश्वनाथ चौबे, ठाकुर जगन्नाथ सिंह, श्री तारकेश्वर पाण्डेय, यूसुफ कुरेशी, श्री बालेश्वर सिंह ( गड़वार) को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका था। इन गिरफ्तारियों से जनता में घोर असन्तोष व्याप्त हो गया ।





10 अगस्त 1942-नारे गूंज उठे 


कांग्रेसी नेताओं की गिरफ्तारी का समाचार बलिया में तेजी से फैल गया । स्थानीय कार्यकर्ताओं ने शहर में घूम-घूम कर विद्यार्थियों तथा नगर के दुकानदारों से हड़ताल करने की अपील की । इस कार्य में श्री उमा शंकर, श्री कान्त पाण्डेय, श्री सूरज प्रसाद (शहीद), रामनाथ प्रसाद व बिहारी पटहेरा ने सक्रिय कार्य किया। इनके अपील पर शहर के विद्यार्थियों ने स्कूल-कालेजों में हड़ताल कर दी, जुलूस निकाले और "अंग्रेजों भारत छोड़ो, नेताओं को छोड़ो" के नारे दिन भर सड़कों पर लगाते रहे। बलिया शहर के दुकानदारों ने भी हड़ताल कर दी। बेलथरा रोड में भी डी० ए० वी० स्कूल के विद्यार्थियों ने जुलूस निकाला, नारे लगाए और सरकार के विरुद्ध अहिंसात्मक ढंग से नेताओं की गिरफ्तारी के प्रति अपना रोष प्रगट किये।

(साभार : बलिया : पौराणिक काल से 1947 तक )