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भाजपा के गीत गुंडे पुकारते है अखिलेश आइये, के जबाब में सपा का जो जनता को सताये है हम उनको हटाएंगे,नाम से गीत जारी



मधुसूदन सिंह 

बलिया।। प्रदेश में निकाय चुनाव को लेकर सपा और भाजपा में रार बढ़ती जा रही है। सोशल मीडिया पर दोनों ओर से वीडियो युद्ध शुरू हो गया है। इस बीच भाजपा के एक गीत ने दोनों दलों के बीच रार को और बढ़ा दी है। इस गीत के बोल हैं, गुंडे पुकारते हैं अखिलेश आइए...।

भाजपा द्वारा अपने ट्विटर हैंडल से जारी इस गीत में आजम, मुख्तार और अतीक के अलावा गायत्री प्रजापति को भी दिखाया गया है। अखिलेश यादव का नाम लेते हुए बनाए गए एक वीडियो गीत पर सपा ने आपत्ति जताते हुए पुलिस से शिकायत कर दी है। सपा ने मामले को कोर्ट लेकर जाने और मानहानि का मुकदमा करने की तैयारी भी कर ली है।







सपा महिला मोर्चा की अध्यक्ष जूही सिंह ने भाजपा के आधिकारिक ट्वीटर हैंडल से शेयर किए गए वीडियो को यूपी पुलिस को टैग करते हुए कार्रवाई की मांग की है।महिला मोर्चा की अध्यक्ष जूही सिंह ने भाजपा के वीडियो को यूपी पुलिस को ट्वीट करते हुए कार्रवाई की मांग की। काफी देर तक ट्वीट का कोई जवाब नहीं आने पर दूसरा ट्वीट करके पूछा कि यह चुप्पी क्यों है। लिखा कि नेताजी अखिलेश जी को मानने,जानने वाले असंख्य लोगों को गुंडा कहना, अखिलेश जी की छवि को जानबुझकर कर हानि पहुंचाने का प्रयास किया गया है। 


 वहीं, समाजवादी पार्टी के आधिकारिक हैंडल से भी इस वीडियो को लेकर आक्रोश जताया गया है। सपा के हैंडल से किए गए ट्वीट में लिखा गया कि भाजपा के आधिकारिक ट्विटर एकाउंट से सपा के मा. राष्ट्रीय अध्यक्ष जी के वीडियो के साथ जो अपमानजनक गीत व्यक्तिगत नाम लेकर पोस्ट किया है, न्यायालय तत्काल इस साक्ष्य का संज्ञान लेकर कार्रवाई करे। सपा इस मामले में भाजपा के सभी उत्तरदायी लोगों के ख़िलाफ आपराधिक मानहानि का केस करेगी।


सपा ने पहले इस वीडियो का ट्वीट से ही विरोध किया और लिखा कि भाजपाइयों को सामाजिक न्याय की बात करने वाले, दलित, पिछड़ों, अल्पसंख्यकों की बात करने वाले गुंडे लगते हैं। यह सिर्फ मुख्यमंत्री के स्वजातीय को ही सही मानते हैं बाकी सबको ये गुंडा बताते हैं। इसी मानसिकता के कारण योगी की भाजपा सरकार दलितों वंचितों के साथ अन्याय और भेदभाव करती है।







आखिर क्यों भड़की है भाजपा के वीडियो से सपा 


'गुंडे पुकारते हैं अखिलेश आइए' के नाम से जारी बीजेपी के करीब पांच मिनट के वीडियो में सपा प्रमुख अखिलेश यादव को खास वर्ग का हिमायती बताते हुए अपराधियों का संरक्षण बताया गया है। उन्हें मुख्तार अंसारी और अतीक जैसे माफियाओं की पैरवी करने का आरोप लगाया गया है। अखिलेश को दंगा कराने और हिन्दुओं के पलायन का दोषी बताया गया है। यहां तक कि मुजफ्फरनगर दंगे में मारे गए सचिव और गौरव की मौत के लिए भी अखिलेश यादव को जिम्मेदार बताया गया है।


गीत में अखिलेश यादव पर सीधा हमला बोला गया है। उन्हें गुंडों और दंगों से जोड़कर पेश किया गया है। एक सीन में अखिलेश के हाथ में टोंटी दिखाई गई है तो दूसरी ओर उनके राज में अतीक और मुख्तार की बेअंदाजी दर्शायी गई है। इस गीत में मुजफ्फर नगर दंगों का जिक्र है तो योगी राज में बेटियों के बेफिक्र होने का उल्लेख भी है। तुष्टीकरण और हिंदुओं के पलायन का जिम्मेदार भी गीत में सपा प्रमुख को ठहराया गया है।

शिवपाल बोले अखिलेश आइए, जनता पुकारती है


गीत के तीखे बोल सपा को चुभना लाजमी था। सपा की ओर से इस मामले में खुद शिवपाल सिंह यादव ने मोर्चा संभाला। उन्होंने ट्वीट किया कि भाजपा आज सड़क छाप गुंडों की भाषा की प्रतीक व किसी का भी चरित्र हनन करने वाली पाठशाला बन गई है। सपा की जड़ों में लोकतंत्र, समता और एकता के मूल्य बहुत गहरे हैं। तमाम जुल्मों और षडयंत्रों के बावजूद हम उठ खड़े होंगे। शिवपाल ने जवाब में लिखा अखिलेश आइए, जनता पुकारती है। खुशहाली और विकास का सूरज उगाइए...। वहीं जवाब में सपा ने भी अपने ट्विटर हैंडल से भाजपा के गीत को नये अंदाज में जारी कर दिया। इसके बोल हैं जो जनता को सताए हैं, हम उनको हटाएंगे।