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नही रुक रही है नरही थाना क्षेत्र में हरे पेड़ों की कटाई :उमरपुर दियारे में हरे पेड़ों की कटाई जोरों पर




लकड़ी माफियाओं का बढ़ता जा रहा काकश

नरही (बलिया)।।'एक पुरानी कहावत है राजा को पता नहीं भीलो ने बांट लिया जंगल ' यह कहावत  नरही थाना क्षेत्र के उमरपुर दियारे में चरितार्थ हो रही है। लकड़ी माफियाओं की नजर उमरपुर दियारे में लगे पेड़ों पर पड़ गई है। रात दिन बेखौफ होकर लकड़ी माफिया हरे पेड़ों को एक सप्ताह से जमीजोंद किए जा रहे हैं और वन विभाग कुम्भकर्णी नींद में सोया हुआ है।







 एक तरफ सरकार पर्यावरण को बचाने के लिए हर साल करोड़ों रुपए खर्च कर पेड़ लगवा रही है ताकि पर्यावरण को संरक्षित किया जा सके। लेकिन वही लालच में आकर रक्षक ही भक्षक बनते‌ जा रहे है। जिनके ऊपर इन पेड़ों की जिम्मेदारी है, चाहे वन विभाग के अधिकारी हो या अवैध धंधो पर रोक लगाने की जिम्मेदारी वाली पुलिस हो, सभी लोग न जाने क्यों इस ओर ध्यान ही नही दे रहे है । आलम यह हो गया है कि नरही थाना क्षेत्र में कहीं भी लकड़ी माफिया बेखौफ होकर हरे पेड़ों की कटाई धुआंधार करने से नही हिचक रहे हैं।

 इस समय लकड़ी माफियाओं की नजर गंगा की गोद में बसे उमरपुर दियारे में फैले जंगलों पर पड़ी है। लगातार एक सप्ताह से सेमल, नीम, बेर, बबूल सहित अन्य प्रजाति के पेड़ जमीजोंद होते जा रहे हैं। और लकड़ी माफिया काटी गई लकड़ी को दियारे से ट्रैक्टर ट्राली पर लादकर पलिया खांश (बड़का खेत) गांव के सामने गंगा तट पर इकट्ठा कर ट्रक पर लादकर ले जा रहे हैं। चर्चा तो यहां तक है कि सीतापुर का व्यापारी औने पौने दामों में पेड़ों को खरीद कर गैर प्रांत भेजवा रहा है। प्रतिदिन शाम को ट्रक पर लकड़ी लादकर भेजी जा रही है। क्षेत्रीय लोगों का कहना है कि अगर यही स्थिति बनी रही तो कुछ ही दिन में लकड़ी माफिया चढ़ावा देकर पूरे क्षेत्र को वृक्ष विहीन कर देंगे।



 इस संबंध में  वन अधिकारी से जानने की कोशिश की गई कि नरही थाना क्षेत्र अंतर्गत उमरपुर दियारे में लकड़ी माफिया हरे पेड़ कैसे खुलेआम काट रहे हैं तो उन्होंने बताया कि उसको हम जांच करा रहे हैं नियम के तहत कार्यवाही की जाएगी। लेकिन इनकी जांच जबतक चलेगी, तब तक लगता है पूरा क्षेत्र पेड़ विहीन हो जायेगा।