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अजय सिंह ने रामनाथ गोयनका पुरस्कार' प्राप्त कर बढ़ाया बलिया और काशी का मान

 


बलिया।। बागी बलिया की धरती के लाल अजय सिंह को पत्रकारिता के क्षेत्र में बहुत बड़ा सम्मान मिला है। मूल रूप से मनियर के रहने वाले अजय सिंह को दिल्ली में आयोजित कार्यक्रम में पत्रकारिता के क्षेत्र का सबसे प्रतिष्ठित पुरस्कार 'रामनाथ गोयनका पुरस्कार' से सम्मानित किया गया। अजय सिंह को यह सम्मान यूपी के खेल प्रशिक्षकों की हालत इतनी ख़राब क्यों, पर रिपोर्टिंग के लिए दिया गया है। अजय सिंह ने पत्रकारिता की शुरुआत प्रयागराज से की। 2005 से वाराणसी में एनडीटीवी के प्रतिनिधि के रूप मे पत्रकारिता कर रहे है। दिल्ली में अजय सिंह को जैसे ही भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चन्द्रचूड़ के हाथों 'रामनाथ गोयनका पुरस्कार' मिला, वाराणसी के साथ ही बलिया में भी ख़ुशी की लहर दौड़ गयी। चहुंओर खुशी का माहौल है। लोग अजय सिंह को लगातर बधाई दे रहे है। भारतीय राष्ट्रीय पत्रकार महासंघ के प्रांतीय मुख्य महासचिव मधुसूदन सिंह, मंडल अध्यक्ष आजमगढ़ राणा प्रताप सिंह, प्रांतीय कार्यकारिणी सदस्य संतोष कुमार शर्मा, जिला अध्यक्ष अजीत कुमार पाठक ने श्री अजय सिंह को पुरस्कार मिलने पर बधाईयां दी है। बलिया इलेक्ट्रानिक मीडिया संघ के अध्यक्ष करूणा सिन्धु सिंह ने फोन कर अजय सिंह को बधाई दी है ।










 अजय सिंह ने ‘रामनाथ गोयनका अवॉर्ड’ जीत बढ़ाया काशी का मान

चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया डीवाई चंद्रचूड़ ने बुधवार (22 मार्च, 2023) को पत्रकारिता में सबसे प्रतिष्ठित रामनाथ गोयनका अवॉर्ड बांटे। कोरोना महामारी के कारण तीन साल बाद रामनाथ गोयनका अवॉर्ड सेरेमनी का आयोजन किया गया था। कोरोना महामारी ने लोगों के जीवन और आजीविका को काफी प्रभावित किया। इसके चलते तीन साल से लोगों का जीवन ठहर सा गया। बुधवार को रामनाथ गोयनका एक्सीलेंस इन जर्नलिज्म अवॉर्ड्स सेरेमनी में 2019 और 2020 के विजेताओं को सम्मानित किया गया।



साल 2019 के पुरस्कार के विजेताओं की घोषणा कर दी गई थी लेकिन कोरोना महामारी के कारण उन्हें व्यक्तिगत रूप से सम्मानित नहीं किया जा सका था। इस बार कुल मिलाकर दो साल के 43 विजेताओं को पुरस्कृत किया गया।

धर्म नगरी काशी से एनडीटीवी के वरिष्ठ पत्रकार अजय सिंह ने भी अवार्ड प्राप्त कर काशी का मान बढ़ाया है। इनको यह  2020 में खेल की श्रेणी में प्रतिष्ठित रामनाथ गोयनका अवार्ड दिया गया। दरअसल यह अवार्ड उन्हें अपनी एक स्टोरी पर मिला जिसमे उन्होंने ने बताया कि किस तरह उत्तर प्रदेश में कोच खिलाड़ियों का हुनर तरासने में बेहाल है, कोई समोसे पकोड़े बेच रहा है,कोई दिहाड़ी पर बिजली का काम कर रहा है. इस शानदार स्टोरी के लिए उन्हें रामनाथ गोयनका अवार्ड से सम्मानित किया गया।

            अजय सिंह का सफ़रनामा 

पत्रकारिका के क्षेत्र में आने से पहले अजय सिंह ने तमाम संघर्षो का सामना किया। श्री सिंह शुरुआती दौर में आकाशवाणी और फिर बाद में बॉलीवुड का भी दरवाजा खटखटा चुके है। उसके बाद वर्ष 2005 से पत्रकारिता के क्षेत्र में लगातार अग्रसर रहे है। जिसके परिणाम स्वरूप उन्हें आज ‘रामनाथ गोयनका अवॉर्ड’ से सम्मानित किया गया।


      किसको मिलता है रामनाथ गोयनका अवॉर्ड 

पत्रकारिता के क्षेत्र में सर्वोत्तम काम करने वाले अलग-अलग विधाओं के पत्रकारों को हर साल रामनाथ गोयनका अवॉर्ड दिया जाता है। इनमें पत्रकारिता में काम करने वाले प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल मीडिया के पत्रकारों को ये सम्मान दिया जाता है। साल 2020 में कोविड-19 महामारी ने जीवन में एक ठहराव ला दिया था जिससे मानव जीवन और आजीविका को प्रभावित किया था। इस वजह से दो साल तक इस सम्मान को दिया नहीं जा सका था।