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सुदखोरों को जमानत मिलने का अधिवक्ताओ ने किया जबरदस्त विरोध, कचहरी में लगे विरोधी नारें



रिपोर्टर राजू गुप्ता

बलिया।। जनपद के हाई प्रोफाइल असलहा व्यवसायी नन्द लाल गुप्त आत्महत्या प्रकरण शुक्रवार को उस समय चर्चा में आ गया ज़ब जिला एवं सत्र न्यायालय से इस केस के आरोपी मुख्य सातों सूदखोरों को जमानत मिल गयी। यह जमानत उस समय हुई है ज़ब अधिवक्ताओ की ग्राम न्यायालय स्थापना के खिलाफ हड़ताल चल रही है। यही नही इस केस में हैरान करने वाली एक और घटना हुई है जिसमे इन सभी लोगों के जमानतदारों का वेरिफिकेशन भी तहसील से शुक्रवार को ही आ गया, जो अमूमन होता नही है।





बता दे कि इन सभी सातों आरोपियों को जिला एवं सत्र न्यायालय बलिया से वकीलों के हड़ताल के चलते सेल्फ अपीयरेंस और बहस के बाद जमानत मिली है। हड़ताल के दौरान इस हाइप्रोफाइल मामले में जमानत मिलने से वकीलों मे जबरदस्त आक्रोश व्याप्त हो गया है। इसको लेकर अधिवक्ताओ ने न्यायालय परिसर में विरोध प्रदर्शन कर जमकर नारे लगाये।






अधिवक्ताओं ने आरोप लगाया कि हड़ताल के बीच सुदखोरो को तो जमानत मिल गयी पर किसी गरीब कैदी को इसी पैटर्न पर जमानत क्यों नही मिली। कहा कि जिला सत्र न्यायाधीश का यह निर्णय न्यायालय को संदेह के घेरे में खड़ा कर रहा है। वही पूर्व आईपीएस अधिकारी और अधिकार सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमिताभ ठाकुर ने भी सातों आरोपियों को मिली जमानत का विरोध करते हुए जेल अधीक्षक के व्यवहार को भी कटघरे में खड़ा किया है ।



बता दे कि कोतवाली क्षेत्र अंतर्गत सूदखोरों के प्रताड़ना से तंग आकर असलहा व्यवसायी नन्दलाल गुप्त ने फेसबुक पर लाइव आकर खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली थी।


बाइट1- वरिष्ठ अधिवक्ता मनोज राय हंस



बाइट2-वकील जितेंद्र कुमार दूबे