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योगी जी आपके राज में नवंबर से घायल सांड की हालत अब ज्यादे ख़राब, बलिया के जिला प्रशासन के पास इसका नहीं है इलाज



मधुसूदन सिंह

बलिया।। स्थानीय जिला प्रशासन हो, पशु चिकित्सा विभाग हो, छुट्टा जानवरों के प्रति कितना संवेदनशील है, इसका नजारा सिविल लाइन क्षेत्र में नवंबर 2022 से घायल सांड को देखने से दिख जा रहा है। इस सांड के इलाज के लिये महीनो खबरों के माध्यम से असंवेदनशील जिला प्रशासन की कुम्भकर्णी नींद को तोड़ने की कोशिश की गयी, लेकिन वह नक्कार खाने में तुती बजाने जैसी हस्र को प्राप्त हुई। प्रदेश सरकार के मुखिया योगी आदित्यनाथ जी खुद एक पशु प्रेमी है लेकिन इनके शासन में अधिकारी ऐसे असंवेदनशील होंगे, वो भी गो वंशीय जानवरों के प्रति यह किसी ने सोचा भी नहीं था।



आज इस सांड की हालत यह है कि इस घांव से पिचकारी की तरह खून निकल रहा है। बलिया के मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी हो या क्षेत्रीय पशु चिकित्सक किसी को यह चिंता ही नहीं है कि यह सांड अब इलाज के अभाव में शीघ्र ही मर सकता है। अब देखना है बलिया के नवागत जिलाधिकारी रविन्द्र कुमार जी इस प्रकरण पर क्या रुख अपनाते है। यह घायल सांड आनंद नगर से लेकर पनामा टाकीज के आसपास दिख जायेगा।





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मधुसूदन सिंह

बलिया 14 दिसंबर 2022।। एक तरफ अखिलेश यादव की सरकार ने सड़क पर घायल लावारिस पशुओ को तत्काल चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने के लिये एम्बुलेंस की सुविधा शुरू की थी, तो वही वर्तमान योगी सरकार ने ऐसे सभी छुट्टा पशुओं के लिये गो आश्रय केंद्र बनाकर रहने खाने आदि की व्यवस्था की है। दोनों ही सरकारों की नियति पशुओं के एक दम सही है। लेकिन दुर्भाग्य यह है कि इस नीति को अमली जामा पहनाने वाले ही इसकी धज्जिया उड़ा रहे है। आलम यह है कि एक घायल सांड पिछले लगभग 15 दिनों से सड़क पर घूम रहा है लेकिन इसकी तरफ किसी का ध्यान नही जा रहा और अब इसके रेबीस से ग्रसित होने का भी खतरा बढ़ गया है जो आम लोगों के लिये एक खतरे की घंटी की तरह बजने लगी है ।

पिछले लगभग 15 दिनों से एक सांड किसी निर्दयी द्वारा मारे गये भाले के ज़ख्म को लेकर दर्द से कराहता हुए कुंवर सिंह चौराहे के  आनंद होटल से लेकर रामपुर और रामपुर हनुमान मंदिर से लेकर आनंद नगर मे घूम रहा है। इसके बैठने पर इसके जख्म को कुत्ते चाट रहे है लेकिन जिला प्रशासन की कोई भी मिशनरी इसके इलाज के प्रति संजीदा नही दिख रही है।



आनंद नगर के स्थानीय निवासियों की सूचना पर बलिया एक्सप्रेस ने इस घायल सांड के संबंध मे मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी व अधिशाषी अधिकारी नगर पालिका को मोबाइल से सूचित किया गया। दोनों अधिकारियों ने अपने एक एक कर्मचारी को भेज कर भारी भरकम सांड का इलाज करने की ऐसी कोशिश की है जो कभी सफल हो ही नही सकती है। आलम यह है कि इन दोनों लोगों के द्वारा जी कर्मी भेजें गये वो इसका इलाज करने मे असफल रहे।









रेबीस से ग्रसित होने का बढ़ गया है खतरा

इस घायल सांड के बैठने पर इसके जख्मो को कुत्तो द्वारा नोच कर खाने से इसको रेबीस से प्रभावित होने का खतरा बढ़ गया है। अगर इसको पकड़कर जल्द से जल्द इलाज शुरू नही हुआ तो यह स्थानीय लोगों को रेबीस से प्रभावित होकर जब काटने लगेगा तो इसके शिकार सैकड़ो लोग हो जायेंगे। जिसके लिए जिला प्रशासन, पशु चिकित्साधिकारी और नगर पालिका के अधिकारी जिम्मेदार होंगे। अब देखना यह है जब मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी और ईओ नगर पालिका दोनों इस घटना से भिज्ञ हो चुके है, तो इस सांड को कब तक पकड़ कर इलाज शुरू कराते है?