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अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस (8 मार्च) पर विशेष :कुरीतियों की जंजीर तोड़ राजकुमारी ने हासिल किया सफलता का मुकाम





●बेहतर समाज बनाने को समर्पित हैं आशा कार्यकर्ता  राजकुमारी देवी 

●फाइलेरिया उन्मूलन अभियान में किया सराहनीय कार्य

बलिया।।“तोड़कर कुरीतियों की जंजीर  हमें कुछ कर दिखाना है, हम भी किसी से कम नहीं दुनियां को बताना है।“ कुछ ऐसा ही कर दिखाया है आशा कार्यकर्त्ता राजकुमारी देवी ने । राजकुमारी में अपने परिवार और समाज का जीवन स्तर बेहतर बनाने की प्रबल इच्छा थी । वह बहुत कुछ करना चाह रही थीं लेकिन समाज की कुरीतियां व परंपरागत सोंच इसमें बाधा बन रही थी । सामाजिक कुरीतियों की जंजीरों को तोड़ राजकुमारी ने वह मुकाम हासिल किया जिसकी आज हर ओर सराहना हो रही है ।

बलिया से करीब 25 किलो मीटर दूर ब्लाक पन्दह के गाँव खेजुरी की रहने वाली राजकुमारी देवी एक मध्य वर्गीय परिवार की  हैं। राजकुमारी बताती हैं कि वर्ष 2006 में उन्हें आशा कार्यकर्त्ताओं  के चयन की जानकारी हुयी, घर वालों से जब इसके लिए बात किया, तो उन्होंने “समाज और लोग क्या कहेंगे” कहकर मना कर दिया। उनके पति पेशे से एक दिहाड़ी मजदूर हैं। काफी समझाने और कामकाजी कई महिलाओं का उदाहरण देने के बाद पति के साथ घर के अन्य लोग भी तैयार हो गए।

राजकुमारी बताती हैं कि उनका चयन 2006 मेआशा कार्यकर्ता के रूप में हो गया । ऐसे में जब आगे बढ़कर कुछ करने का मौका मिला, तो उन्होंने दृढ़ निश्चय किया कि वह घर-परिवार और गाँव की हालत बदल कर रहेंगी । उन्होने काम शुरु किया तो सामने समाज की अशिक्षा, गरीबी, जाति भेदभाव, लोगों में जागरुकता की कमी, महिलाओं की स्वास्थ्य के प्रति उदासीनता, अंधविश्वास, टीकाकरण न कराना,  घर पर प्रसव को पसंद करने जैसी बड़ी चुनौतियाँ थीं। सबसे पहले साफ़-सफाई के बारे में गाँव वालों को जागरुक किया। जब थोड़ा बदलाव आया, तो मेहनत सफल होती दिखी।अगले कदम के रूप में अपने कार्यक्षेत्र खेजुरी मे स्वास्थ्य शिविर का आयोजन कर लोगों को टीकाकरण का महत्व समझाया। पहली बार शिविर के लिए मैंने घर-घर जाकर लोगों को इकठ्ठा किया।निरंतर प्रयास करते रहने से अब प्रत्येक बुधवार और शनिवार को आयोजित होने वाले वीएचएसएनडी व अन्य शिविरों में लोग खुद भी पहुँचने लगे हैं।जहाँ से सभी के स्वास्थ्य की जाँच, बच्चों को टीके, किशोरियों और गर्भवती महिलाओं को सेहत की बाते बताने में आसानी हुयी है।






फाइलेरिया उन्मूलन अभियान (एमडीए) में दवा खाने के लिए लोगों में जागरूकता फैलाई, खेजुरी में ग्राम स्वास्थ्य स्वच्छता एवं पोषण दिवस के आयोजन पर लोगों को फाइलेरिया की दवा खाने के महत्व को समझाया और लोगों के घर जाकर उन्हें प्रेरित किया। निरंतर प्रयास करते रहने से क्षेत्र के लाभार्थियों को दवा खिलाने में सफलता मिली। जो घर पर दवा खाने के लिए नहीं मिले वह लोग मेरे घर आकर दवा खाई।

राजकुमारी बताती हैं कि फाइलेरिया के जो मरीज क्षेत्र में मिले उनको अस्पताल से जोड़कर उन्हें डाक्टर की देख रेख में फाइलेरिया का समुचित ईलाज कराकर उन्हें इस गम्भीर बीमारी से बचाया एवं उन्हें प्रेरित किया कि कभी भी बिना मच्छरदानी लगाए न सोएं। 

फाइलेरिया मरीजों के स्वास्थ्य आंकड़ों में आया सुधार 

बीसीपीएम धर्मेन्द्र  यादव का कहना है कि राजकुमारी देवी  के प्रयास और सहयोगात्मक पर्यवेक्षण से उनके कार्यक्षेत्र  में फाइलेरिया कार्यक्रम में  बेहद सुधार आया है एवँ गाँव की अन्य आशा कार्यकर्ताओ  को भी इनसे प्रेरणा मिली है। | जिला स्तरीय टीम ने भी फाइलेरिया कार्यक्रम में राजकुमारी के क्षेत्र का विजिट किया एवँ उनके कार्य की सराहना की ।