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विवाहिता के साथ 4 लोगों ने किया दुष्कर्म, वीडियो किया वायरल, पुलिस पर 1 आरोपी को छोड़ने का आरोप


महेश प्रसाद 

रेवती (बलिया)।। रेवती थाना क्षेत्र के अंतर्गत एक महिला से 4 लोगों द्वारा सामूहिक बलात्कार करने का मामला सामने आया है । पीड़ित महिला द्वारा  दिलीप कुमार साह पुत्र राजेंद्र साह उम्र 23 वर्ष करण छपरा, सीताराम कुम्हार पुत्र सुधन कुम्हार समूही जिनका उम्र 45 वर्ष अभिषेक पांडेय पुत्र बिहारी पांडे रेवती, और लक्ष्मण पांडेय पुत्र बलिराम पांडेय नैना के रहने वाले, के ऊपर लगाया गया है ।





 पीड़िता ने बताया कि मेरे पति शराब पीते हैं जिसकी वजह से अक्सर मुझे मारते पीटते थे जिनका शिकायत हम अपने भाई से करते रहे। वही के मेरे मायके के ही दिलीप साह के मेरे घर आने जाने से जान पहचान थी। बताया कि मेरे जान पहचान सीताराम कुम्हार से है जिनका जान-पहचान रेवती थाने में है जिससे हम कह कर आपकी मदद करा सकते हैं। यह कहकर 4 लोग मेरे घर आए और अकेली देखकर हमारे साथ गलत काम करने लगे। मुझे मना करने के बाद वह नंगी अवस्था में वीडियो और फोटो बना लिए और धमकाते हुए बोले कि किसी को बताओगे तो यह वीडियो और फोटो वायरल हो जाएगा और बार-बार मेरे साथ बलात्कार करने लगे। मैं दिलीप कुमार के सामने हाथ जोड़कर विनती की फिर भी इन चारों लोगों को तरस नहीं आयी तो  यह पूरी घटना हमने राजेश पांडेय और मदन पासवान से बताया तो इसके बाद फेसबुक पर मेरे भाई के नाम से फर्जी आईडी बनाकर सभी फोटो और वीडियो वायरल कर दिए।






 इसके बाद रेवती थाने में न्याय के लिए गुहार लगाया लेकिन हमें न्याय नहीं मिला इसके बाद पुलिस अधीक्षक बलिया को हमने न्याय के लिए गुहार लगाई तथा मुकदमा पंजीकृत कर विवेचना करने की बात बताएं। इस पर पुलिस अधीक्षक बलिया ने करवाई करने का भरोसा दिया और न्यायालय में सभी विवेचना प्रेषित करने का आदेश दिए। आरोपियों को रेवती पुलिस अभी तक गिरफ्तार नही कर पाई है जबकि प्रकरण को दर्ज हुए एक माह से भी ज्यादा हो गया।




 स्थानीय पुलिस ने पीडि़ता का मेडिकल करा लिया। बावजूद आरोपी खुले में घूम रहे है। जानकार सूत्रों के अनुसार एक आरोपी को रेवती पुलिस ने पकड़ने के बाद भी छोड़ दिया। सूत्रों के अनुसार दो आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद एक को छोड़ देने की खबरे भी छनकर  बाहर आ रही है।बलात्कार जैसे संगीन जुर्म के बावजूद आरोपी सरेआम घूम रहे हैं। लोगों में चर्चा का विषय बना हुआ है। 4 माह पूर्व हुए जुर्म में अगर अदालत हस्तक्षेप नही करती तो पीड़िता आज भी न्याय के लिये दर दर भटकती रहती। आरोपियों की गिरफ्तारी की अभी पुष्टि नही हुई है।