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पुलिस कर्मियों को खिलाई ग़यी फाइलेरिया रोधी दवा






● फाइलेरिया नेटवर्क सदस्यो ने किया सहयोग

बलिया।।राष्ट्रीय फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम के अंतर्गत संचालित सर्वजन दवा सेवन अभियान में फाइलेरिया नेटवर्क सदस्यों की मदद से गुरुवार को थाना पकड़ी के प्रभारी निरीक्षक ( एसएचओ) शत्रुघ्न कुमार के नेतृत्व में 100 पुलिस कर्मियों को उम्र व वजन के अनुसार फाइलेरिया से बचाव के लिए डीईसी और एल्बेंडाजॉल की दवा खिलाई गई।

जिला मलेरिया अधिकारी सुनील कुमार यादव ने बताया कि फाइलेरिया रोग के दुष्परिणाम 5 से 15 साल बाद दिखते हैं। शुरू में इसके कोई लक्षण नहीं दिखाई देते हैं। जब यह मच्छर किसी फाइलेरिया ग्रस्त व्यक्ति को काटता है तो वह संक्रमित हो जाता है। जब यही मच्छर किसी स्वस्थ व्यक्ति को काटता है तो फाइलेरिया के परजीवी रक्त के जरिए उसके शरीर में प्रवेश कर उसे भी फाइलेरिया ग्रस्त कर देते हैं। इस बीमारी से हाथ, पैर, स्तन और अंडकोष में सूजन पैदा हो जाती है। सूजन से फाइलेरिया प्रभावित अंग भारी हो जाता है और दिव्यांगता जैसी स्थिति बन जाती है। प्रभावित व्यक्ति का जीवन अत्यंत कष्टदायक हो जाता है। यह एक लाइलाज बीमारी है | इस बीमारी से बचाव के लिए वर्ष में एक बार पांच साल तक दवा खाना जरूरी है।

उन्होंने कहा कि जनपद में 27 फ़रवरी तक फाइलेरिया उन्मूलन अभियान का एमडीए राउंड चलाया जा रहा है। इस अभियान के अन्तर्गत स्वास्थ्य टीम घर-घर जाकर एक वर्ष से कम आयु के बच्चों, गर्भवती महिलाओं और गंभीर बीमारियों से ग्रसित व्यक्तियों को छोड़कर सभी को फाइलेरिया से सुरक्षित रखने के लिए डीईसी और एल्बेंडाजॉल की निर्धारित खुराक अपने सामने खिला रही हैं। यह दवा किसी भी स्थिति में वितरित नहीं की जाएगी। उन्होंने बताया कि फाइलेरिया मच्छर के काटने से होने वाला एक संक्रामक रोग है जिसे सामान्यतः हाथी पांव के नाम से भी जाना जाता है। पेशाब में सफेद रंग के द्रव्य का जाना जिसे काईलूरिया भी कहते हैं जो फाइलेरिया का ही एक लक्षण है। इसके प्रभाव से पैरों व हाथों में सूजन, पुरुषों में हाइड्रोसील (अंडकोष में सूजन) और महिलाओं के स्तन में सूजन की समस्या आती है। फाइलेरिया होने के बाद इसका कोई इलाज नहीं है।

         जाने क्या कहा लाभार्थियों ने

शत्रुघ्न कुमार (प्रभारी निरीक्षक थाना पकड़ी )ने कहा कि वर्तमान समय में सरकार की ओर से चलाए जा रहे राष्ट्रीय फाइलेरिया उन्मूलन( एमडीए) कार्यक्रम से प्रभावित हूं । फाइलेरिया रोग का निश्चित रूप से उन्मूलन होना चाहिए। इस कड़ी में स्वास्थ्य विभाग  की ओर से  सतत प्रयास करते हुए हर नागरिक को दवा उपलब्ध कराया जा रहा है। सबका साथ सबका प्रयास से कार्यक्रम सफल होगा।भारत फाइलेरिया मुक्त हो यही हम सब का सार्थक प्रयास होना चाहिए।



नरेंद्र नारायण यादव (हेड मोहर्रिर) थाना पकड़ी ने कहा कि मैंने फाइलेरिया रोधी दवा टीम के सामने ही खाई। इससे कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं देखने को मिला। मैं अपने सभी साथियों से कहना चाहता हूं कि जब भी आपके पास फाइलेरिया की दवा खिलाने के लिए स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं की टीम पहुंचे तो उनके सामने दवा जरूर खाएं।






इसी क्रम में बुधवार को जननायक चंद्रशेखर विश्वविद्यालय बसंतपुर मे फाइलेरिया सर्व जन दवा सेवन कार्यक्रम के तहत कुलपति प्रोफेसर कल्पलता पाण्डेय के संरक्षण में विश्व विद्यालय स्टॉफ,स्टूडेंट,कार्मिक ,सिपाही सहित 250 से अधिक लोगो को जिला मलेरिया अधिकारी सुनील कुमार यादव,डीसी पीसीआई के संजय सिंह,एमआई के सुशील यादव ने फाइलेरिया रोधी दवा डीईसी और  एल्बेंडाजॉल का सेवन कराया ।

 इस कार्यक्रम मे  सामुदायिक स्वास्थ्य कार्यकर्ता पकड़ी रविता पाल, आशा अनीता देवी, पूजा तिवारी सी-फार  के एफ एल/वी एल कार्यक्रम के जिला समन्वयक आशीष कुमार पाण्डेय, ब्लॉक  समन्वयक शुभ नाथ चौबे आदि उपस्थित थे।