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आखिर उत्कर्ष की संदिग्ध मौत का एफआईआर दर्ज करने में करछना पुलिस क्यों कर रही है आनाकानी, महासंघ शुरू कर सकता है करछना पुलिस के खिलाफ मुहीम



सांसद रीता बहुगुणा जोशी ने मृतक उत्कर्ष के घर पहुंच कर परिजनों को बढ़ाया ढाढ़स 

प्रयागराज।। भारतीय राष्ट्रीय पत्रकार महासंघ के राष्ट्रीय संयोजक डॉ भगवान प्रसाद उपाध्याय के इकलौते पौत्र की संदिग्ध परिस्थियों में मौत के बाद रेलवे लाइन पर मिली लाश और परिजनों द्वारा पुलिस कमिश्नर से की गयी लिखित शिकायत में हत्या की आशंका जताने के बाद भी आजतक एफआईआर दर्ज नहीं करने से करछना पुलिस की कार्यप्रणाली पर अब संदेह होने लगा है। सवाल यह उठ रहा है कि ज़ब परिजनों ने हत्या की आशंका जताते हुए अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की मांग की है तो चार दिन बीतने के बाद भी मुकदमा दर्ज करने में करछना थानाध्यक्ष को क्या दिक्क़त है? भारतीय राष्ट्रीय पत्रकार महासंघ में पुलिस के इस रवैये से आक्रोश बढ़ता जा रहा है। भारतीय राष्ट्रीय पत्रकार महासंघ के प्रांतीय मुख्य महासचिव मधुसूदन सिंह ने करछना पुलिस को चेताया है कि अगर गुरुवार तक उत्कर्ष की हत्या का मुकदमा दर्ज नहीं होता है तो इसके लिये प्रदेश व्यापी आंदोलन की शुरुआत कर दी जायेगी। आंदोलन की शुरुआत में शुक्रवार को प्रदेश के सभी जिला मुख्यालयों से माननीय मुख्यमंत्री जी और डीजीपी को सम्बोधित पत्रक भेजा जायेगा। कहा कि पूरा महासंघ परिवार अपने राष्ट्रीय संयोजक जी के परिवार के साथ खड़ा है और उत्कर्ष के हत्यारों को जेल पहुंचा कर रहेगा।

क्यों परिजन कह रहे है हुई है उत्कर्ष की हत्या

बता दे कि 31 दिसंबर 2022 को भारतीय राष्ट्रीय पत्रकार महासंघ के राष्ट्रीय संयोजक डॉ भगवान प्रसाद उपाध्याय के इकलौते पौत्र उत्कर्ष उपाध्याय का शव घर के सामने रेलवे लाइन पर पड़ा मिला था। घर के इकलौते चिराग के बुझ जाने के बाद परिजन वैसे ही अपना सुध बुध  खो चुके थे। इनको लगा कि कोहरे के चलते उत्कर्ष की मौत ट्रेन हादसे में हो गयी है। स्थानीय करछना पुलिस शव को पोस्टमार्टम के लिये ले जाना चाहती थी। लेकिन गांव के ही तीन लोग एकाएक इतने सक्रिय हुए और परिजनों और पुलिस दोनों को इस बात के लिये राजी कर लिये कि शव को पंचनामा कराकर पुलिस भी परिजनों को सौप दी। डॉ उपाध्याय ने कहा है कि घटना के दिन से ही इन लोगों की अनुपस्थिति संदेह पैदा कर रही है। आखिर इन लोगों को उत्कर्ष का पोस्टमार्टम न हो, इससे क्या हासिल होने वाला था?

दूसरा संदेह रेलवे लाइन पर मिले शव के फोटोग्राफ देखने के बाद हुआ है। उत्कर्ष का शव रेलवे की पटरियो के बीच ओंधे मुंह पड़ा हुआ था और उसके सिर के पिछले हिस्से में लगी चोट के अलावा कोई चोट नहीं थी। यह ट्रेन हादसे में संभव ही नहीं है। तीसरा संदेह इस कारण से उठा है कि ज़ब उत्कर्ष की टक्कर ट्रेन के इंजन से हुई है तो उसका शव क्षत बिछत हो गया होता, जो नहीं हुआ था।  ट्रेन से पटरियों के किनारे चलने पर ट्रेन से टक्कर होने पर व्यक्ति दूर छिटक जाता न कि पटरियों के बीच में पड़ा मिलता, यह चौथा संदेह का कारण है। पांचवा संदेह का कारण उत्कर्ष का मोबाइल और पर्स से लगभग फीस के 19 हजार रूपये के गायब होने से हुआ है। इतने सारे सवालों के उठने के बाद भी अगर प्रयागराज की करछना पुलिस अज्ञात के खिलाफ मुकदमा तक नहीं लिख रही है तो पुलिसिंग पर सवाल तो उठेगा ही।











भारतीय राष्ट्रीय पत्रकार महासंघ के राष्ट्रीय संयोजक डॉ  भगवान प्रसाद उपाध्याय के घर पहुंची सांसद डॉ रीता बहुगुणा जोशी, व्यक्त की शोक संवेदना 


 घटना की  उच्च स्तरीय जांच कराए जाने का दिलाया भरोसा 

करछना प्रयागराज।। गधीयांव करछना निवासी उत्कर्ष उपाध्याय की संदिग्ध परिस्थियों में रेल पटरी पर हुई मौत की घटना अब धीरे धीरे तूल पकड़ती जा रही है।

करछना के गधियांव गांव निवासी व भारतीय राष्ट्रीय पत्रकार महासंघ के संयोजक डॉ भगवान प्रसाद उपाध्याय  के घर  स्थानीय सांसद डॉ रीता बहुगुणा जोशी  शोकाकुल पारिवारिक जनों को सांत्वना देने मंगलवार को पहुंची।  उन्होंने परिजनों को इस बेहद दुख की घड़ी में नम आंखों से जहां सांत्वना दी ,  वहीं घर के अंदर जाकर महिलाओं में भी ढांढस बंधाया। उन्होंने गमगीन परिवार  के  लोगो को आश्वस्त किया कि इस दर्दनाक  हृदय   विदारक घटना की उच्चस्तरीय जांच कराई जाएगी , और जांच उपरांत घटना में संलिप्त दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा ।

बता दे कि करछना के गधियाव गांव निवासी पवनेश पवन (पुत्र डॉ भगवान प्रसाद उपाध्याय )एक निजी विद्यालय के प्रबंधक भी हैं।  उनके 19 वर्षीय बीटेक द्वितीय वर्ष के छात्र इकलौते पुत्र उत्कर्ष की गत 31 दिसंबर को संदिग्ध परिस्थितियों में रेलवे लाइन पर मौत हो गई थी।  परिजनों ने इस घटना को रेल दुर्घटना की बजाय साजिशन हत्या की आशंका जताते हुए वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक से इसकी लिखित  शिकायत की गई है । परिजनों ने संदिग्ध परिस्थितियों में हुई मौत पर रेल दुर्घटना से इन्कार  किया है और  इसे हत्या का आरोप आरोपित कर रहे हैं  क्योंकि  रेल  हादसे के कोई भी साक्ष्य  नहीं  मिले।

 सांसद ने उत्कर्ष की माता से मुलाकात कर के उनको भी सांत्वना दी। उन्होंने आश्वस्त किया कि इस घटना का खुलासा शीघ्र कराया जाएगा।   इस मौके पर सांसद प्रतिनिधि संत प्रसाद पांडेय,जमुनापार जागृति मिशन के संयोजक डां भगवत पांडेय,  भाजपा यमुनापार के जिला महामंत्री राजेश शुक्ला, वरिष्ठ जिला उपाध्यक्ष त्रिवेणी प्रसाद पांडेय, करछना ब्लॉक प्रमुख प्रतिनिधि कमलेश द्विवेदी, भाजपा नेता  विष्णु शुक्ला, आशीष मिश्रा मुन्ना,  श्रीराम त्रिपाठी प्रधानाचार्य,केपी तिवारी,कमला शंकर तिवारी,नन्हे पांडेय,अजय सिंह,  मोनू तिवारी,चंदन शुक्ला, प्रदीप पाठक,बीडीसी संतोष शुक्ला,  शिवम पांडेय आदि लोगों के साथ ही भारतीय राष्ट्रीय पत्रकार महासंघ के मध्य प्रदेश अध्यक्ष पुरुषोत्तम मिश्रा  और  रीवाँ  सतना  के कई  पदाधिकारी भी उपस्थित रहे।